मध्यप्रदेश में 14 प्रतिशत OBC आरक्षण के साथ होंगे नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव, सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश
वामन पोटे
भोपाल। मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत के चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ होंगे! सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आरक्षण का आंकड़ा 50 प्रतिशत से ऊपर न हो। कोर्ट ने एक हफ्ते में चुनाव की अधिसूचना जारी करने के लिए निर्देश भी दिए। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
इससे पहले मंगलवार को हुई सुनवाई में सरकार की ओर से राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की ओबीसी आरक्षण संबंधी विस्तृत रिपोर्ट को प्रस्तुत किया गया। सरकार के वकीलों की ओर से लगभग दो घंटे तक ओबीसी आरक्षण के पक्ष में दलील दी गई। कोर्ट ने ओबीसी के लिए आरक्षण तय करने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया के बारे में और जानकारी मांगी थी। पिछड़ा वर्ग को नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में आरक्षण देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ट्रिपल टेस्ट कराया गया।
ओबीसी की आबादी, मतदाताओं की स्थिति, प्रतिनिधित्व आदि का विश्लेषण करके सरकार को प्रथम प्रतिवेदन भी सौंप दिया गया था। इसमें कुल मतदाताओं में ओबीसी 48 प्रतिशत बताए गए। इसके आधार पर सरकार से ओबीसी को नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में 35 प्रतिशत आरक्षण देने की अनुशंसा की गई। सुप्रीम कोर्ट में आयोग ने यही रिपोर्ट प्रस्तुत की थी लेकिन यह जिलेवार थी। इसे अधूरा ट्रिपल टेस्ट मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को दो सप्ताह में चुनाव की अधिसूचना जारी करने के आदेश दिए थे और कहा था कि ट्रिपल टेस्ट पूरा हुए बिना ओबीसी आरक्षण नहीं दिया जा सकता।
आयोग की ओर से 12 मई को निकायवार और वार्डवार रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी गई थी। सरकार ने इस पर पुनर्विचार के लिए आवेदन लगाकर ओबीसी आरक्षण और नए परिसीमन से चुनाव कराने की अनुमति देने का अनुरोध किया था। याचिकाकर्ता सैयद जाफर के वकील वरुण ठाकुर ने बताया कि आयोग की रिपोर्ट को लेकर सरकार का पक्ष सुना गया। अगली सुनवाई में सरकार की ओर से ट्रिपल टेस्ट के लिए अपनाई गई प्रक्रिया सहित अन्य जानकारी दी गई।
मंत्री ने कहा यह मध्य प्रदेश सरकार की बड़ी जीत
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार को बड़ी जीत मिली है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ओबीसी आरक्षण पर आज सत्य की जीत हुई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने अपनी बात को माननीय न्यायालय के समक्ष तथ्यों के साथ रखा। हमारे पक्ष को स्वीकार करने के लिए माननीय न्यायालय का बहुत-बहुत आभार। अब सरकार ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव में जाएगी।
आज का दिन ऐतिहासिक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सत्यमेव जयेत। सत्य की जीत हुई है। आज का दिन ऐतिहासिक है। हमने यही कहा था कि हम चुनाव चाहते हैं और ओबीसी आरक्षण के साथ।चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने पाप किया था। कांग्रेस के लोग ही सुप्रीम कोर्ट गए थे। उसके कारण ही ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव होंगे। सीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने हर संभव प्रयास किया और ओबीसी कमीशन बनाया। उसने दोर कर व्यापक सर्वे किया और तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट बनाई। वह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की।
कांग्रेस खुशी मनाती रही कि भाजपा को कटघरे में खड़ा करने का मौका
सीएम चौहान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने निकाय वार सर्वे रिपोर्ट मांगी और जब उसे पेश की तो कांग्रेस के लोग खुशी मनाते रहे कि अब तो ओबीसी आरक्षण के बिना ही चुनाव होंगे तो भाजपा को कटघरे में खड़ा करने का मौका तलाशते रहे। चौहान ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसला का स्वागत करते हैं और अब चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ होंगे। कांग्रेस और कमलनाथ हमेश षड़यंत्र करते रहे। कभी ओबीसी को न्याय देने की उनकी नीयत नहीं थी। कमलना्थ पर पलटवार किया कि जब उन्होंने ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी दिया था तो तब अदालत में क्यों सही स्थिति नहीं रखी जिससे कोर्ट ने स्टे दे दिया था। अब ओबीसी को न्याय मिला है।