शादी का न्योता देने घोड़ी पर बैठकर दूल्हे के घर पहुंची इंजीनियर दुल्हन,
घोड़ी की जगह बुलडोजर पर निकली सिविल इंजीनियर दूल्हे की बारात
बुरहानपुर में दुल्हन घोड़ी पर सवार होकर दूल्हे को शादी का निमंत्रण देने पहुंची. दरअसल, गुजराती परंपरा के मुताबिक शादी से एक दिन पहले दुल्हन बैंड-बाजा और रिश्तेदारों के साथ दूल्हे के घर जाती है और उसे शादी का निमंत्रण देती है.
सिविल इंजीनियर है दुल्हन, दूल्हा भी इंजीनियर
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में दुल्हन शादी का न्यौता देने दूल्हे के घर घोड़ी पर सवार होकर पहुंची. यही नहीं, साथ में बैंड-बाजा और रिश्तेदार भी थे. यह अनोखी बारात नवदुर्गा चौक से निकली और शनवारा पहुंची. दूल्हे को शादी का न्योता दिया गया. फिर दुल्हन वापस लौट गई.
दरअसल, गुजराती समाज में ऐसी परंपरा है कि दुल्हन दूल्हे को शादी का न्यौता देने जाती है. इसमें खास बात ये होती है कि दुल्हन घोड़ी पर सवार होकर घर से निकलती है. सिर्फ घोड़ी ही नहीं, बैंड बाजा और रिश्तेदार भी साथ होते हैं. गुजराती समाज इसे कन्या गाडरी परंपरा कहता है. यह परंपरा सभी के लिए अनिवार्य नहीं है.
मंगलवार को दुल्हन वैष्णवी घोड़ी पर सवार हुईं. बैंड-बाजे के साथ शनवारा पहुंचीं. यहां इटारसी निवासी दूल्हे अरविंद गुजराती को विवाह का न्यौता दिया. अरविंद भारतीय सेना के एमईएस डिपार्टमेंट में इंजीनियर हैं. तो वहीं, वैष्णवी भी खुद सिविल इंजीनियर हैं.
वैष्णवी ने बताया गुजराती समाज में शादी के लिए मन्नत मांगी जाती है. फिर उसके पूरा होने पर इस परंपरा को निभाया जाता है. इसे कन्या गाडरी परंपरा के अनुसार घोड़ी पर बैठकर विवाह के लिए अपने पति को निमंत्रण देने जाती है.
वहीं, दुल्हन वैष्णवी के परिजन चाचा सुधीर गुजराती ने बताया, ”हमारे समाज में यह परंपरा है कि शादी के एक दिन पहले दुल्हन घोड़े पर सवार होकर दूल्हे को न्योता देने जाती. इस न्यौता का मतलब होता है कि दूल्हा अगले दिन दुल्हन के घर बारात लेकर आए.”
घोड़ी की जगह बुलडोजर पर निकली सिविल इंजीनियर दूल्हे की बारात
शादी को यादगार बनाने के लिए सिविल इंजीनियर दूल्हा घोड़ी पर नहीं बुलडोजर पर बैठकर दुल्हन को लेने पहुंचा. दूल्हे अंकुश का कहना है कि उनकी हमेशा से तमन्ना थी कि वो अपनी बारात को बुलडोजर से लेकर जाएं.
बैतूल ,
मध्य प्रदेश के बैतूल में एक शादी चर्चा का विषय बनी हुई है. जहां पर सिविल इंजीनियर दूल्हा घोड़ी पर नहीं बुलडोजर पर बैठकर आया. अपनी शादी को यादगार बनाने का ये नायाब तरीका सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. दरअसल दूल्हा अंकुश जायसवाल पेशे से सिविल इंजीनियर है और टाटा कंसल्टेंसी में काम करते हैं. वो इन दिनों मध्य प्रदेश के राजगढ़ में एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं.
अंकुर की शादी बैतूल के पाढर निवासी स्वाति मालवीय से हुई. मंगलवार को अंकुश दूल्हन को लेने बुलडोजर लेकर उसके घर पहुंचे. अंकुर के दोस्तों ने इस बारात को खूब एन्जॉय किया. बारात घर से हनुमान मंदिर तक पहुंची इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी लोग अपने मोबाइल से नजारे को कैद करने लगे.
अंकुश का कहना है कि वो पेशे से सिविल इंजीनियर हैं उनका हमेशा से सपना था कि वो घोड़ी पर नहीं बल्कि जेसीबी मशीन पर बैठकर अपनी दुल्हन लेने जांए. शुरुआत में परिजन इसके लिए तैयार नहीं थे पर वो बाद में मान गए. बुलडोजर पर बारात निकलने से उनकी शादी यादगार हो गई.