बहुचर्चित करूणा अस्पताल मामले में दो आरोपियों को कोर्ट से जमानत
Betul News : बहुचर्चित करूणा अस्पताल मामले में बीपीएल मेडिकल कंपनी के दो अधिकारियों को भी सोनोग्राफी मशीन के मामले में आरोपी बनाया गया था। कोतवाली पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। युवा अधिवक्ता सजल गर्ग ने दोनों अधिकारियों की जमानत के लिए पैरवी की। इस मामले में न्यायालय ने दोनों आरोपियों को जमानत दे दी है।
बीपीएल कंपनी बैंगलोर से उक्त अस्पताल ने सोनोग्राफी मशीन खरीदी थी। पुलिस ने नियमानुसार मशीन नहीं देने के आरोप में कंपनी के मध्यप्रदेश क्षेत्र के सीईओ संजय सिन्हा एवं सेल्स एग्जिकेटीव विकास पांडे को गिरफ्तार किया था। जहां से उन्हें जेल भेजा गया था। माननीय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के तृतीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बैतूल ने जमानत आवेदन 266/2022 में सुनवाई के दौरान युवा अधिवक्ता सजल प्रशांत गर्ग के रखे तर्कों एवं न्याय दृष्टांतों को स्वीकार करते हुए जमानत प्रदान की।
गौरतलब है कि सबसे पहले 31 मार्च को करूणा अस्पताल, सदर, बैतूल में एक दुराचार पीड़ित नाबालिग के गर्भपात का मामला सामने आने के बाद अस्पताल एवं उसके प्रबंधन के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए डॉक्टर वंदना कापसे को गिरफ्तार किया था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच की थी जिसमें डॉ. वंदना कापसे के करूणा अस्पताल में बिना अनुमति की सोनोग्राफी मशीन पाई गई थी। इसी मामले को लेकर जांच के बाद और भी प्रकरण सामने आए थे। जिसमें डॉ. वंदना कापसे के खिलाफ अलग-अलग थानों में 6 मामले दर्ज हुए थे। इन्हीं मामलों में से एक कोतवाली बैतूल में दर्ज हुआ था।
दरअसल कोतवाली थाना बैतूल ने डॉक्टर वंदना कापसे एवं उसके करूणा अस्पताल के विरूद्ध भादसं की धारा 420, गर्भ का चिकित्सीय समापन अधिनियम की धारा 3, 4, 5, 6 एवं गर्भ धारण पूर्व और प्रसूति पूर्व निदान तकनीक अधिनियम की धारा 8, 23 का प्रकरण अपराध क्रमांक 311/2022 के तहत दर्ज किया था।
बैतूल सीएमएचओ ने बिना लायसेंस सोनोग्राफी मशीन के उपयोग को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी जिस पर कंपनी के 2 अधिकारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज हुआ था। बीपीएल मेडिकल कंपनी के पक्ष में युवा अधिवक्ता सजल गर्ग ने पैरवी की और इन दोनों अधिकारियों को न्यायालय द्वारा जमानत दी गई है। वहीं डॉ. वंदना कापसे अभी भी जेल में है।