पोस्टर मार्केटिंग के बिना संभव नहीं आज की बाजार व्यवस्था, समर्थ भारत थीम पर पोस्टर एवं क्राफ्ट निर्माण गतिविधि का आयोजन
By, बैतूल वार्ता
पोस्टर मार्केटिंग के बिना संभव नहीं आज की बाजार व्यवस्था,
समर्थ भारत थीम पर पोस्टर एवं क्राफ्ट निर्माण गतिविधि का आयोजन
बैतूल। सीसीएलई गतिविधि के अन्तर्गत शनिवार को समर्थ भारत थीम पर शा.कन्या उ.मा. विद्यालय बैतूल गंज बैतूल में प्राचार्य ललितलाल लिल्होरे के मार्गदर्शन में प्रथम तीन कालखण्डों में चतुर्थ शनिवार पोस्टर एवं क्राफ्ट निर्माण गतिविधि का आयोजन किया गया। जानकारी देते हुए सी.सी.एल.ई. गतिविधि बालसभा प्रभारी शिक्षक महेश गुंजेले ने बताया कि पोस्टर आज हमारे जीवन का हिस्सा हैं, इसके बगैर बाजार में किसी भी चीज को नहीं बेचा जा सकता यह विज्ञापन का हिस्सा हैं। दूसरी ओर सरकार और अन्य संस्थाएं किसी गंभीर विषय पर अपनी बात लोगों तक पहुचानें के लिए पोस्टर के माध्यम से लोगों को जागरूक करते है, पोस्टर पर संदेश तथा चित्रों का उपयोग किया जाता हैं। छात्राओं को जानकारी देते हुए प्राचार्य ललितलाल लिल्होरे ने कहा कि पोस्टर मार्केटिंग का हिस्सा है आज की बाजार व्यवस्था बिना पोस्टर के संभव नहीं है।बाजार में कोई भी नई वस्तु आती है तो उसका प्रचार-प्रसार पोस्टर के माध्यम से ही होता हैं। छात्राओं को पोस्टर कितने प्रकार से बनाये जाते है इस पर बताया गया जिसमें उत्पाद, प्रचार, पोस्टर, राजनीतिक पोस्टर, सेवा प्रचार पोस्टर, फिल्म के पोस्टर, सरकारी पोस्टर, सामाजिक पोस्टर मुख्य हैं। विद्यालय में छात्राओं से पादप कोशिका और जंतु कोशिका के पोस्टर भी बनवाए गये। प्रभारी शिक्षक महेश गुंजेले ने बताया दूसरे एवं तीसरे कालखण्ड में छात्राओं को क्राफ्ट निर्माण गतिविधि जिसमें स्टोन क्राफ्ट निर्माण कैसे किया जाता है बताया गया। सभी छात्राओं से छोटे-छोटे पत्थर बुलायें गये थे जिसमें छात्राओं ने अपने-अपने विवेक से सुन्दर-सुन्दर चित्र उकेरे जो बड़े ही मनमोहक लग रहे थे। पत्थर पर या इसी तरह का काम आमतौर पर प्राचीन या प्रागैतिहासिक युग से हालांकि 19 वीं शताब्दी के दौरान और संभवतः बाद में कुछ क्षेत्रों में इसका अभ्यास जारी रहा हैं उस समय प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता था। छात्राओं को प्राकृतिक रंग तैयार करने की भी जानकारी दी गई।
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