मंदिर हटाने के विरोध में कलेक्ट्रेट पहुंचे माथनी के ग्रामीण एक पक्षीय आदेश पारित करने का लगाया आरोप, तत्काल स्थगन आदेश की मांग
By, बैतूल वार्ता
मंदिर हटाने के विरोध में कलेक्ट्रेट पहुंचे माथनी के ग्रामीण
एक पक्षीय आदेश पारित करने का लगाया आरोप, तत्काल स्थगन आदेश की मांग
रवि तहसीलदार न्यायालय में कर्मचारी है, ग्राम माथनी में जमीन
बैतूल। जिला मुख्यालय के अंतर्गत आने वाले ग्राम माथनी के लगभग आधा सैकड़ा ग्रामीणों ने शुक्रवार को शंकर भगवान के मंदिर को हटाए जाने के आदेश का विरोध किया। ग्रामीणों ने एक पक्षीय कार्यवाही करने का आरोप लगाते हुए कलेक्टर से शिकायत की है।शिकायतकर्ता गोविन्द पिता भोलासिंह, अमन पिता रामप्रसाद अतुलकर, हरदास पिता नान्हू गंगारे, हरिशंकर पिता दयाल, गोपाल पिता रामप्रसाद रावते, बिरबल पिता सुमरत पारधे, शिवनारायण पिता चेतन बोखारे, बबलू पिता हरिराम विश्वकर्मा ने बताया आवेदक गोविन्द पिता भोला की जमीन मौजा माथनी खसरा नंबर 243 में सार्वजनिक शंकर भगवान का मंदिर का निर्माण कर रहे है। उक्त मंदिर का लेंटर 11× 11 = 121 वर्गफिट में डल चुका है। अनावेदक किसन पिता घुडिया पारधे, रवि पिता किसन पारधे के आपसी विवाद के चलते नायब तहसीलदार बैतूल के न्यायालय में प्रकरण चल रहा है जिसकी जानकारी आवेदकगण को नही है। आवेदकगण ने जन आस्था के लिए चंदा कर लगभग दो लाख रु. खर्च कर मंदिर का निर्माण किया है। नायब तहसीलदार व्दारा ग्रामीणों को बिना सूचना दिए मंदिर हटाने के एक पक्षीय आदेश पारित कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अनावेदक रवि तहसीलदार बैतूल के न्यायालय में विगत 10-12 वर्षो से कर्मचारी है। तहसीलदार बैतूल के न्यायालय में पदस्थ होने का फायदा उठाकर आवेदक गोविंद को राजस्व प्रकरण अन्तर्गत उक्त मंदिर को हटाये जाने के आदेश प्रेषित किये है। शिकायतकर्ता ग्रामीणों ने बताया कि अनावेदक रवि तहसीलदार न्यायालय में कर्मचारी है, उसकी ग्राम माथनी में जमीन है, दो-दो मकान है उसके बाद भी पद का दुरूपयोग कर मंदिर हटाने का प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि अनावेदक रवि उसके पिता किसन के नाम से दो पट्टे है जिसकी भी जांच की जाए जबकि शासन की योजना के अनुसार आवासहीन व्यक्तियों को ही मकान के लिए पट्टा दिया जाता है। गौरतलब है कि आवेदक गोविन्द के पिता भोलासिंग ने भी नायब तहसीलदार बैतूल के न्यायालय में अनावेदकगण के द्वारा किये जा रहे अवैध निर्माण कार्य के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया था, शिकायतकर्ता ग्रामीणों का कहना है उक्त आवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। वहीं मंदिर तोड़ने के मामले में एक पक्षीय कार्यवाही की जा रही है। शिकायत करने वालों में ग्रामीण गोविंद, दिनेश, हरिदास, हरिशंकर, शोभाराम कुमरे, अमन आदि ग्रामीण शामिल है।
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