जुगाड़ वाली जमावट….25-30 साल से मंत्रियों के निजी स्टाफ में ही चल रही इनकी नौकरी
जुगाड़ वाली जमावट….25-30 साल से मंत्रियों के निजी स्टाफ में ही चल रही इनकी नौकरी,
नई सरकार में फिर बायोडाटा लेकर बंगलों पर पहुंचे
मंत्रियों को विभाग बांटे जा चुके हैं। अब समय है निजी स्थापना में स्टाफ रखने का। अब तक 20 मंत्रियों ने सामान्य प्रशासन विभाग को उनकी निजी स्थापना में स्टाफ नियुक्त करने के लिए नोटशीट लिखी है। इसमें विशेष सहायक (क्लास-2 अफसर), एक निज सचिव, निज सहायक, सहायक ग्रेड-2 और सहायक ग्रेड-3 की मांग की है।
एक दो दिन में पोस्टिंग हो जाएगी। मंत्री एक अधिकारी के साथ चार कर्मचारियों के अलावा बंगले पर सात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को रख सकते हैं। इसके अलावा अपने विभाग से कर्मचारियों को अटैच कर सकते हैं। मंत्रियों के यहां जगह पाने के लिए अफसरों और कर्मचारियों की कतारें लगी हुई हैं, उनमें अधिकांश चेहरे वे हैं जो मंत्री स्थापना में पिछले तीस सालों से हैं।
नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मंत्रालय के कर्मचारी प्रणय अंबादकर और दीपक खरे को निजी स्थापना में मांगा है। वीरेंद्र तिवारी मंत्रालय में स्टेनो संवर्ग से हैं। वे स्कूल शिक्षा और परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह की निजी स्थापना में जगह पाने में लगे हैं।
वे 2013 से 2018 के बीच जयंत मलैया, ओमप्रकाश ध्रुर्वे और कमलनाथ सरकार में मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के यहां रह चुके हैं। 2020 से 2023 के बीच ब्रजेंद्र प्रताप सिंह और अरविंद सिंह भदौरिया के यहां भी रह चुके हैं। नए मंत्री बने गौतम टेटवाल ने डीईओ आफिस शाजापुर में कार्यरत दिनेश के लिए नोटशीट लिखी है।
सरकारें बदलीं… लेकिन ये हमेशा मंत्रियों के साथ ही रहे
विधानसभा में रिपोर्टर बसंत बाथरे दिग्विजय सरकार में मंत्री दीपक सक्सेना के स्टाफ में थे। फिर भाजपा सरकार में मंत्री नागेंद्र सिंह के यहां दो टर्म में विशेष सहायक रहे। इसके बाद संजय पाठक और कमलनाथ सरकार में उमंग सिंघार के स्टाफ में आ गए। भाजपा सरकार में राम किशोर कावरे के विशेष सहायक हो गए।
शिव हारोड़े स्टेनोग्राफर संवर्ग से हैं। दिग्विजय सरकार में मंत्रियों के स्टाफ में रहे। भाजपा सरकारों में मंत्री रहे गौरीशंकर बिसेन के यहां रहे। कांग्रेस सरकार में लाखन सिंह यादव व सुखदेव पांसे और पिछली सरकार में कमल पटेल के स्टाफ में रहे। अब नया ठिकाना ढूंढ रहे हैं।
विजय सिंह उच्च शिक्षा विभाग में प्राध्यापक हैं वे जयभान सिंह पवैया और ब्रजेंद्र प्रताप सिंह के स्टाफ में रह चुके हैं । अब संपतिया उइके के स्टाफ में विशेष सहायक बनने प्रयासरत हैं।
आरडी सोलंकी स्टेनोग्राफर हैं। वे कांग्रेस सरकार में स्व. जमुना देवी, बाद में भाजपा सरकार में मंत्री पारस जैन फिर लाखन सिंह यादव और इंदरसिंह परमार के स्टाफ में रहे।
आरके राय लगातार गोपाल भार्गव के स्टाफ में रहे हैं।
पीए की नोटशीट पर चला गया था : मंत्री का पद तत्कालीन दिग्विजय सरकार में दयाल सिंह तुमराची पहली बार मंत्री बने थे। इस दौरान का एक चर्चित किस्सा है। उनके पीए ने एक नोटशीट पर दस्तख्त करवा लिए थे, जिसमें दो व्यक्तियों को नौकरी दी जानी थी। जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो तुमराची को मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था।