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पुलिस ने ड्रोन से बरसाए आँसू गैस के गोले, किसान नेता बोले – भारतीय इतिहास का काला  दिन

By, बैतूल वार्ता

शंभू बॉर्डर: पुलिस ने ड्रोन से बरसाए आँसू गैस के गोले, किसान नेता बोले – भारतीय इतिहास का काला  दि

एमएसपी समेत कई मांगों को लेकर दिल्ली के लिए निकले किसानों को अंबाला के नज़दीक शंभू बॉर्डर पर रोक लिया गया है.

अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को पंजाब से चले किसानों की अंबाला में पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर पुलिस से झड़प हुई. बॉर्डर पर सीमेंट के बैरियर और कटीली तारें लगाई गई थीं.

मौक़े पर मौजूद बीबीसी संवाददाता अभिनव गोयल ने बताया कि पंजाब के किसान शंभू बॉर्डर की ओर बड़ी संख्या में ट्रैक्टर, ट्रॉली लेकर निकले थे.

इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों ने सीमा पार करने की कोशिश की जिस दौरान सुरक्षाबलों ने उन्हें रोकने की कोशिश की और इस दौरान पत्थरबाज़ी हुई.

पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले, रबर बुलेट और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया. इसमें सुरक्षाबलों समेत कुछ लोग घायल भी हुए हैं.

अंबाला की प्रिसिंपल मेडिकल ऑफ़िसर संगीता गोयल के मुताबिक़ किसान आंदोलन के दौरान घायल हुए सात सुरक्षाकर्मियों की हालत ठीक है.

शंभू बॉर्डर पर मंगलवार दिन भर रहे बीबीसी हिंदी संवाददाता अभिनव गोयल ने ड्रोन्स को किसानों पर आँसू गैस के गोले छोड़ते देखा.

शंभू बॉर्डर के नज़दीक किसानों पर आंसू गैस और रबर बुलेट के इस्तेमाल करने की एसकेएम ने बयान जारी कर निंदा की है.

संगठन का कहना है कि उसे इस बात पर हैरत है कि प्रशासन ने किसानों को रोकने के लिए ड्रोन से आंसू गैस के गोले गिराए.

संगठन ने बयान जारी कर अपने सभी किसान संगठन सदस्यों से 16 फ़रवरी को किसानों पर बल प्रयोग करने के ख़िलाफ़ प्रदर्शन की अपील की है.

एसकेएम ने कहा है कि ‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों के ख़िलाफ़ पुलिस और सुरक्षाबलों का इस्तेमाल दिखाता है कि मोदी सरकार जनता में अपना भरोसा खो चुकी है. एक लोकतांत्रिक समाज में हर नागरिक के पास शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार है.’

शाम होने के बाद भी किसान मोर्चे पर डटे रहे. रात करीब आठ बजे पंजाब किसान मज़दूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि अब कल सुबह एक बार फिर पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पार करके, हरियाणा में दाख़िल होने की कोशिश की जाएगी.

सरवन सिंह पंढेर ने कहा, “भारत के इतिहास में, भारतीय राजनीति में ये एक काला दिन है. आज देश के किसान और खेत मज़दूर के ऊपर इस तरह से हमला किया गया है. किसानों की जितनी लीडरशिप है वो मोर्चे पर डटी रहेगी. हम हज़ारों किसान हैं, हम उन्हें बताने जा रहे हैं कि अब अगला कार्यक्रम कल सुबह शुरू होगा.”

वहीं, दिल्ली में सिंधू, टीकरी और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था पुख़्ता की गई है. दिल्ली की सभी सीमाओं पर बैरियर लगाए गए हैं, जिस वजह से दिल्ली में भी भारी जाम की समस्या देखने को मिली है.

किसानों के दो बड़े संगठनों, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनैतिक) और किसान मज़दूर मोर्चा ने पहले ही घोषणा की हुई थी कि वो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे और इसके लिए उन्होंने 13 फ़रवरी को ‘दिल्ली चलो’ का नारा दिया था.

मंगलवार को पंजाब के फ़तेहगढ़ से किसानों ने दिल्ली के लिए रवाना होना शुरू कर दिया था.

इस दौरान शंभू बॉर्डर से कुछ किलोमीटर पहले पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए कड़ी व्यवस्था कर रखी थी.

कोर्ट में पहुंचा मामला

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में मंगलवार को प्रदर्शन को लेकर दो याचिकाओं पर सुनवाई हुई. इनमें से एक याचिका में दिल्ली जाने के लिए बॉर्डर सील करने के ख़िलाफ़ थी जबकि दूसरी याचिका प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ थी.

इस दौरान हाई कोर्ट के कार्यकारी चीफ़ जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस लपिता बैनर्जी की डिविज़न बेंच ने मैत्रीपूर्ण तरीक़े से मुद्दा सुलझाने के लिए कहा.

साथ ही बेंच ने राज्य सरकारों से कहा है कि वो प्रदर्शनकारियों के लिए जगह चिन्हित करे.

कोर्ट ने केंद्र, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शनकारी भारत के नागरिक हैं और उनके पास देश में मुक्त रूप से आने-जाने का अधिकार है.

साथ ही कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार का कर्तव्य है कि वो नागरिकों के अधिकार को सुरक्षित करे और इसकी वजह से असुविधा न हो.

संयुक्त किसान मोर्चा ने की घोषणा

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, “हम जो बात रखना चाह रहे हैं वो कोई नई नहीं है. ये सब हमारे साथ पहले से किया गया वादा है. हमने बार-बार सरकार का उसी के इन वादों के बारे में ध्यान खींचा. लेकिन सरकार ने अभी इस मामले में अभी तक कोई गंभीरता नहीं दिखाई.”

उधर किसानों की मांगों को लेकर अलग-अलग किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने 16 फरवरी को एक दिन का ग्रामीण भारत बंद करने की घोषणा की हुई है.

एसकेएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर तुरंत सुरक्षाबलों को हटाने की मांग की है. साथ ही मांग की है कि किसानों को दिल्ली चलो प्रदर्शन का आयोजन करने दिया जाए और किसानों-मज़दूरों की मांग को माना जाए.

किसान और सरकार ने क्या कहा?

एक किसान ने जीटी रोड पर स्थित पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर बीबीसी संवाददाता अभिनव गोयल को बताया, “हमें अपनी ही राजधानी में दाख़िल नहीं होने दिया जा रहा है. ये कितनी बड़ी त्रासदी है हमारे लिए. बाद में यही लोग हमें परजीवी, आंदोलनजीवी और ख़ालिस्तानी बुलाते हैं. मैं पूर्व सैनिक हूँ. हमने पूरा देश देखा है. हम सरकारों से नहीं डरते.”

केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच अधिकांश मामलों पर सहमति बन चुकी थी. उन्होंने आशंका ज़ाहिर की है कि आंदोलन में शामिल लोगों में से कुछ ऐसे भी हो सकते हैं जो समाधान के बजाए इसे समस्या के रूप में देखना चाहते हैं.

वहीं, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि मोदी सरकार किसानों के अधिकार के हक़ में है.

उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “मोदी सरकार पहले दिन से ही किसान हितैषी है. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की शुरुआत की गई. जब जब चर्चा चाही गई तो हमने चर्चा की. यहां तक के किसानों के हित में कई योजनाएं लेकर आए.”

“जब मांगें उठीं हमने पिछली बार भी और इस बार भी किसानों से बात की. कल देर रात भी मोदी सरकार के मंत्री बैठे रहे. किसान नेता जब उठकर जाने लगे तो उनसे कहा गया कि आगे भी चर्चा करनी चाहिए लेकिन वो रुके नहीं. मैं आज भी कहता हूं कि आइये बातचीत करते हैं.”

“इसमें समय इसलिए लग रहा है क्योंकि नई नई मांगें जुड़ती जा रही हैं. बहुत सारी मांगें हमने मांग ली लेकिन अगर आप कहोगे कि वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइज़ेशन से और फ़्री ट्रेड ऑर्गनाइज़ेशन से भारत हट जाए, ऐसी अनेकों चीज़ें इसमें आ जाती हैं तो क्या केंद्र राज्य सरकारों से बात न करे.”

“हम आगे भी बातचीत के लिए तैयार हैं. आगजनी, हिंसा, पथराव से नहीं बल्कि शांति से इसका हल निकलेगा.”

तमिलनाडु के किसानों का साथ

तमिलनाडु के त्रिची में किसानों के एक समूह ने मंगलवार को दिल्ली कूच कर रहे किसानों के समर्थन में प्रदर्शन किया.

पंजाब के किसानों के ‘दिल्ली चलो’ के आह्वान के समर्थन में त्रिची के किसानों ने हाथों में इंसानी कंकाल लेकर और सड़कों पर लेट कर प्रदर्शन किया.

कई किसानों को पास के मोबाइल फ़ोन टावर पर चढ़ते भी देखा गया.

किसान नेता पी अयाकन्नू ने कहा, “भारत के संविधान के मुताबिक हम देश किसी भी हिस्से में जाने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन पुलिस हमें दिल्ली जाने की इजाजत नहीं दे रही है.”

वे बोले, “अगर प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी तमिलनाडु के किसी भी सीट से आगामी चुनाव में उतरते हैं तो उनके ख़िलाफ़ एक किसान खड़ा होगा.”

राहुल गांधी ने किया वादा

किसानों पर ड्रोन से कैसे बरसाए गए आंसू गैस के गोले

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसानों के मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना कहते हुए कहा है कि अगर उनकी सरकार बनी तो किसानों को एमएसपी की क़ानूनी गारंटी देंगे.

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर किसानों को संबोधित करते अपने एक पोस्ट में आज के दिन को ऐतिहासिक बताया.

राहुल गांधी ने लिखा, “किसान भाइयों आज ऐतिहासिक दिन है! कांग्रेस ने हर किसान को फ़सल पर स्वामीनाथन कमीशन के अनुसार MSP की क़ानूनी गारंटी देने का फ़ैसला लिया है. यह कदम 15 करोड़ किसान परिवारों की समृद्धि सुनिश्चित कर उनका जीवन बदल देगा. न्याय के पथ पर यह कांग्रेस की पहली गारंटी है.”

किसानों को सीमा पर रोके जाने को लेकर कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार को घेरा है.

कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस मामले में मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस की और बीजेपी सरकार से पाँच सवाल किए.

उन्होंने कहा, “क्या देश के अन्नदाता न्याय मांगने दिल्ली नहीं आ सकते?”

“क्या सरकार मानती है कि किसान दिल्ली की सत्ता पर कब्ज़ा करना चाहते हैं? देश के अन्नदाता प्रधानमंत्री और देश की सरकार से न्याय न मांगे, तो कहां जाएं? जब किसान आंदोलन पूरी तरह शांतिप्रिय है तो फिर किसान की राह में कीलें और कंटीली तारें क्यों? क्या मोदी सरकार को देश की मिट्टी का दर्द और आत्महत्या करते अन्नदाताओं की वेदना सुनाई नहीं देती?”

पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता और वरिष्ट कांग्रेस प्रताप सिंह बाजवा ने शंभू बॉर्डर पर हुए घटनाक्रम की आलोचना की है.

एक बयान में उन्होंने कहा है, “हरियाणा की पुलिस द्वारा पंजाब की किसानी पर ज़ुल्म किया जा रहा है, मैं कड़े शब्दों में उसकी निंदा करता हूँ. खट्टर साहब पंजाब भारत का हिस्सा है. आपकी पुलिस जैसा बर्ताव पंजाब के किसानों के साथ कर रही है वो अफ़सोसजनक है.”

एक अन्य कांग्रेस नेता सुखपाल सिंह खेड़ा को किसानों के साथ शंभू बॉर्डर पर देखा गया है. उन्होंने इसकी तस्वीरें भी साझा की हैं.

खेड़ा ने कहा, “मैं भगवंत मान सरकार से अपील करता हूँ कि वे हरियाणा पुलिस के उन अधिकारियों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करे जिन्होंने किसानों पर ड्रोन के ज़रिए आंसू गैस के गोले छोड़े हैं. ”

उधर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने किसानों की मांग का समर्थन करते हुए कहा है कि वो उनके समर्थन में हैं.

उन्होंने कहा कि एमएसपी की गारंटी, स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट को लागू करना, बिजली के बिल में तब्दीली देशभर के किसानों के मुद्दे हैं.

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