एकलव्य आवासीय परिसर में शिक्षित बेरोजगारों के हक पर भी डला डाका ट्राइबल विभाग के कर्मचारी ही क्यों संचालित कर रहे है एकलव्य विद्यालय ?
By, बैतूल वार्ता
एकलव्य आवासीय परिसर में शिक्षित बेरोजगारों के हक पर भी डला डाका
ट्राइबल विभाग के कर्मचारी ही क्यों संचालित कर रहे है एकलव्य विद्यालय ?
बैतूल।। जनजातीय कार्य विभाग में करोड़ो के बजट को ठिकाने लगाकर शासन को क्षति पहुंचाने के साथ साथ धन लोभियों ने उन शिक्षित बेरोजगारों के हक ओर अधिकार पर भी कुठाराघात किया है जिन्हें यहां रोजगार मिल सकता था। लेकिन स्वहित साधने के चक्कर मे ऐसी गोटी बैठाई गयी कि शिक्षित बेरोजगारों को दरकिनार कर आवासीय विद्यालयों में जनजातीय कार्य विभाग में ही अलग अलग पदों पर पदस्थ अपने ऐसे विश्वस्त कर्मचारियों को पदस्थ कर दिया गया जो आसानी से स्वयम्भू के इशारों के मुताबिक करोड़ों की रकम ठिकाने लगाने का गंदा खेल खेलते रहें। खास बात ये है कि गन्दे खेल को खेलने के लिए आयुक्त द्वारा जारी किए गए निर्देशों कि भी धज्जियां उड़ा कर रख दी गयी है।ओर सरकार की उस मंशा को भी ताक पर रख दिया गया जिससे युवा बेरोजगारों को रोजगार देने की बात कही जाती है। संवेदनशील कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवँशी यदि शाहपुर के अलावा चिचोली ओर भैसदेही में संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विधायलयों कि भी जाँच कराएं तो बड़ा स्कैम सामने आ सकता है।
शिक्षित बेरोजगारों को दरकिनार करने का शर्मनाक खेल
भारत सरकार की राष्ट्रीय छात्र शिक्षा समिति के जारी निर्देश अनुसार प्रत्येक एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में कुल 52 पद स्वीकृत है। इसके बावजूद जनजाति कार्य विभाग के कर्मचारियों से यहां कार्य लिया जा रहा है। जबकि कार्यालय आयुक्त जनजाति कार्य सहसचिव मध्य प्रदेश स्पेशल एंड
रेसिडेंशियल एकेडमिक सोसायटी भोपाल के पत्र क्रमांक 242 दिनांक 20 मार्च 2023 को जारी बजट में बिंदु क्रमांक 1 में स्टाफ सैलेरी प्रति विद्यालय 2 करोड़ 80 लाख स्वीकृत किया गया है ।आयुक्त जनजाति कार्य सह सचिव मध्यप्रदेश स्पेशल एंड रेसिडेशियल
एकेडमिक के द्वारा पत्र क्रमांक 271 दिनांक 31मार्च 23 से विद्यालय में रिक्त पद के विरुद्ध आउटसोर्स के आधार पर अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था के निर्देश प्रसारित किए गए थे। परंतु सहायक आयुक्त जनजाति कार्य बैतूल के द्वारा उक्त पत्र के अनुसार कार्रवाई ही नहीं की गई। पूर्व से पदस्थ जनजाति कार्य विभाग के शिक्षक जिनका वेतन मूल विभाग जनजाति कार्य से आहरित हो रहा है परंतु वे काम एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में कर रहे हैं।
विभागीय अधिकारी कर्मचारी ही लगा रहे विभाग को चूना
इस संबंध भारत सरकार स्पष्ट निर्देश है कि वह सारे पद जिनके पद रिक्त हैं उन पदों पर आउटसोर्स के आधार पर अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की जाए इसके लिए भारत सरकार ने बकायदा बजट भी जारी किया है। ऐसा नहीं करने के पीछे सहायक आयुक्त जनजाति कार्य की क्या मंशा है या स्पष्ट नहीं हो रहा है। उक्त घटनाक्रम से प्रतीत होता है कि विभाग के ही अधिकारी विभाग को ही चुना लगा रहे है। सहायक आयुक्त और भारत सरकार के वेतन मद की राशि को वापस भेजी दी जाती है।जो सीधे सीधे इन आवासीय परिसर में रोजगार पाने वाले 156 बेरोजगारों के साथ छलावा है जिन्हें रोजगार दिये जाने पर उनके परिवार का भरण पोषण हो सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय शाहपुर में भी भारत सरकार से वेतन की राशि प्राप्त हुई है। स्वाभाविक है कि चिचोली ओर भैसदेही में भी जारी हुई होगी। उसके बाद भी प्राचार्य के द्वारा पूर्व से ही गुपचुप तरीके से आदर्श विद्यालय शाहपुर का आहरण ,
सवितरण अधिकारी (डीडीओ) कोषालय में जोड कर रखा गया है ।जबकि शासन ने आदर्श विद्यालय शाहपुर को एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय शाहपुर में परिवर्तित कर लिया है। उसके बाद भी कोषालय से लगातार राशि जनजाति कार्य विभाग से प्राप्त बजट से आहरित की जा रही है। और भारत सरकार से प्राप्त वेतन मद की राशि बचाकर शासन को वापस कर दी जाती है।यानी कि विभाग का ही प्राचार्य विभाग को ही चुना लगा रहा है। उक्त डीडीओ तत्काल बंद होना चाहिए । और डीडीओ को समाप्त किया जाना चाहिए। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में जनजाति कार्य विभाग के शिक्षकों को उनके मूल विभाग के विद्यालय में भेजा जाना चाहिए। ताकि सरकार की शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार दिए जाने की मंशा पूरी हो सके। इस पूरे घटनाक्रम को देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह पूरा खेल सहायक आयुक्त एवं जिला स्तरीय समिति सचिव एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की सहमति से ही किया गया है ।
आयुक्त के निर्देश भी कचरे के डिब्बे में
इस संबंध में आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग ने पत्र क्रमांक 271 दिनांक 31 मार्च 2023 को समस्त प्राचार्य एकलव्य आदर्श आवासीय विधालय प्राचार्यों को निर्देशित किया है कि भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित पीजीटी, टीजीटी एवं हॉस्टल वार्डन के रिक्त पदों के विरूद्ध सेवायें लिए जाने हेतु परिशिष्ट 1 पर संलग्न 2023-24 में प्रावधानित मापदण्ड अनुसार एमपीटास पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों के आधार पर विषयवार पीजीटी, टीजीटी एवं हॉस्टल वार्डन अभ्यर्थियों की एम्पेन्लड सूची प्राचार्यों के लागिन आई.डी. पर उपलब्ध है। अतः उक्त रिवाइसड गाइडलाइन तथा परिशिष्ट 2 पर संलग्न पोर्टल अनुसार विद्यालयों में पीजीटी, टीजीटी एवं हॉस्टल वार्डन के रिक्त पदों पर अतिथि पीजीटी, टीजीटी एवं हॉस्टल वार्डन की सेवायें लिए जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाए। भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित अन्य शैक्षणिक पदों यथा संगीत शिक्षक, आर्ट टीचर, फिजीकल एजुकेशन टीचर, स्पेशल एजुकेटर के रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों क़ी सेवाएं संलग्न परिशिष्ट 3 अनुसार निर्धारित मासिक मानदेय पर केन्द्रीय विद्यालयों एवं जवाहर नवोदय विद्यालयों की अतिथि/संविदा शिक्षकों की प्रतिक्षा सूची से ली जाए एवं प्रतीक्षा सूची समाप्त होने पर केन्द्रीय विद्यालय द्वारा निर्धारित चयन मापदण्ड अनुसार विज्ञापन जारी कर मेरिट के आधार पर चयन कर अतिथि शिक्षक के रूप में सेवायें ली जाए।लेकिन भ्रष्ट्राचारियों की मिली भगत ने युवा बेरोजगारों को इससे वंचित कर दिया।