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कलेक्टर द्वारा गठित किये गए जांच दल की वो जांच रिपोर्ट कह रही है ,एकलव्य में एक  साल में 34 लाख का फर्जीवाड़ा साढ़े पांच लाख के खरीद लिए गुणवत्ता हीन गद्दे,  प्राचार्य और टीम भ्रष्ट्राचारी का निलंबन अभी तक नहीं

कलेक्टर द्वारा गठित किये गए जांच दल की वो जांच रिपोर्ट कह रही है

एकलव्य में एक  साल में 34 लाख का फर्जी वाड़ा

साढ़े पांच लाख के खरीद लिए गुणवत्ता हीन गद्दे,  प्राचार्य और टीम भ्रष्ट्राचारी का निलंबन अभी तक नहीं

बैतूल।। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय शाहपुर में वित्तीय वर्ष 2023-24 में थोड़ा बहुत नहीं बल्कि लगभग 34 लाख रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया है। ये हम नहीं बल्कि कलेक्टर द्वारा गठित किये गए जांच दल की वो जांच रिपोर्ट कह रही है । शिकायत में  घोटाले की सच्चाई बताई गई थी। प्राचार्य सहित व्याख्याता , पीजीटी और ठेकेदार ने मिलकर शासकीय राजस्व की जमकर बन्दर बांट कर डाली लेकिन अभी तक इनका निलंबन का प्रस्ताव आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग में धूल खा रहा है। इससे अब उच्च अधिकारियों की कार्यप्रणाली भी शक के दायरे में नजर आने लगी है की कहीं पूरी दाल तो काली नहीं है।

कबाड़ टाइप गद्दों का कर दिया हजारों रुपये भुगतान

जांच में यह सामने आया है कि प्राचार्य एस के डोनिवाल  ने सामग्रियों की खरीदी में 34 लाख से अधिक का घोटाला किया है। माह जुलाई 2023 में ही  रूपये 5 लाख 53 हजार 210 रुपये के गद्दे क्रय किये गये है। मध्यप्रदेश शासन, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन, भोपाल के पत्र क्रमांक एफ-73 दिनांक 13 जनवरी 2023 के अनुसार क्रय की जाने वाली सामग्री का मूल्य रूपये 2.50 लाख से अधिक होने की स्थिति में खुली निविदा के माध्यम से क्रय की कार्यवाही की जाना थी। जिसका पालन उक्त गद्दों के क्रय में नहीं किया गया है। जांच के दौरान क्रय किये गये गद्दों का अवलोकन किया गया । गद्दे  माप दण्डों के अनुसार क्रय नहीं किये गए है। राशि रूपये 6148, 6149, 5207.63 की दर से गद्दे क्रय किये गये है किन्तु कीमत के अनुसार गद्दों की क्वालिटी नहीं पाई गई है। व्हाउचर क्रमांक-54, 56, 61 में संस्था के द्वारा  1829 mm x 914 mm” का आर्डर दिया गया तथा भुगतान भी इसी माप दंड के अनुसार किया गया है, किन्तु विद्यालय में उपलब्ध कोई भी गद्दा माप दंड के मुताबिक नहीं पाया गया है। अतः क्रय आर्डर के अनुसार एवं बिल भुगतान व्हाउचर में अंकित अनुसार गद्दे भौतिक सत्यापन में नहीं पाये गये।

खुद ही कर लिया क्रय किये गद्दों का भौतिक सत्यापन

इस फर्जीवाड़े का सबसे बड़ा पहलू ये सामने आया है कि क्रय की गई सामग्री के भौतिक सत्यापन के निर्देशों की भी धज्जियां उड़ा कर रख दी गयी ।प्राचार्य के द्वारा अपने स्तर से ही शिक्षकों की समिति बनाकर सामग्री का सत्यापन कर लिया गया है, जबकि सत्यापन की कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अध्यक्षता में संस्था स्तर पर गठित समिति से कराया जाना चाहिए था, जिसका पालन उक्त सामग्री क्रय में नहीं किया गया है ।  बायलॉज के कंडिका(2) 20 के अनुसार विद्यालयीन समिति अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अध्यक्षता में गठित किये जाने के निर्देश है । अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अध्यक्षता में गठित समिति से ही विद्यालय एवं विद्यार्थियों हेतु नियत सामग्री के क्रय / सत्यापन की कार्यवाही कराई जाना थी। लेकिन प्राचार्य, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय शाहपुर के द्वारा उक्त बायलॉज के अनुसार गठित समिति से सामग्रियों का सत्यापन नहीं कराया गया है। प्राचार्य के द्वारा उक्त निर्देश के विरूद्ध विद्यालय के 1 व्याख्याता 1 पीजीटी,  तथा 1 उच्च श्रेणी शिक्षक एवं अतिथि अधीक्षक/अधीक्षिका के नाम शामिल कर स्थानीय समिति गठित कर  ली गयी और उनसे क्रय की गई सामग्री का भौतिक सत्यापन एवं भुगतान की अनुशंसा ले ली गई है, जो कि कहीं से कहीं तक सक्षम समिति नहीं है। गौरतलब है कि, शासन की ओर से आवासीय विद्यालय के सफल संचालन के लिए लगभग 7 करोड़ रुपये प्रति वर्ष बजट दिया जाता है और इसी बजट को ठिकाने लगाने के भरपूर प्रयास कर अपनी तिजोरियां भरी गयी हैं जो सिद्ध भी हो चुका है। देखना है कि शासन स्तर पर कब इन भ्रष्ट्राचारियों पर कार्यवाही कर इनके खिलाफ एफआईआर कराई जाती है।

 

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