जैव विवधता वाले वन क्षेत्रों में बनाये जाये बर्ड सेंचुरी-बटर फ्लाई पार्क – खण्डेलवाल मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित हुई मध्यप्रदेश राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक
By, बैतूल वार्ता
सघन वन क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देनें बैतूल विधायक नें दिये महत्वपूर्ण सुझाव
जैव विवधता वाले वन क्षेत्रों में बनाये जाये बर्ड सेंचुरी-बटर फ्लाई पार्क – खण्डेलवाल
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित हुई मध्यप्रदेश राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक
बैतूल। मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव की अध्यक्षता में 11 मार्च को वल्लभ भवन में आयोजित मध्यप्रदेश राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक में बैतूल विधायक एवं म.प्र. राज्य वन्य प्राणी बोर्ड के सदस्य हेमंत खण्डेलवाल नें सघन वन क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देेनें के लिए मुख्यमंत्री को महत्वपूर्ण सुझाव दिये। बैतूल विधायक नें प्रदेश के समृ़द्ध जैव विविधता वाले वन क्षेत्रों मे दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों-तितलियों को संरक्षित कर बर्ड सेंचुरी एवं बटर फ्लाई पार्क बनाने का सुझाव दिया। उन्होनें कहा कि बर्ड – सेंचुरी बटर फ्लाई पार्क बड़े पर्यटन केन्द्र के रूप में स्थापित होनें से पर्यटन बढ़ेगा। जिससे प्रदेश के राजस्व में वृद्धि होने के साथ ही वनों पर आश्रित वन वासियों ग्रामीणो को रोजगार के नये अवसर उपलब्ध होगे। बैतूल विधायक श्री खंडेलवाल ने सुझावों से संबंधित कार्य योजना भी मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने श्री खंडेलवाल के सुझावों को गंभीरता से लेकर वन मंत्री नागर सिंह चौहान, मुख्य सचिव वीरा राणा एवं वन विभाग के अपर मुख्य सचिव जे एन कंसोटिया को सुझावो का परीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
मध्यप्रदेश में पक्षियों की 400 , तितलियों की 200 प्रजातियाँ
बैतूल विधायक एवं म.प्र. राज्य वन्य प्राणी बोर्ड के सदस्य श्री खण्डेलवाल नें बोर्ड की बैठक में कहा कि म.प्र. में 94 हजार 689 वर्ग किमी में फैले वन क्षत्रों में सघन वनों , वन्य प्राणियों वनस्पतियों की असीम संपदा है। यह वन क्षेत्र म.प्र. के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 30.71 प्रतिशत है। उन्होनें बताया कि म.प्र. में 12 राष्ट्रीय उद्यान 24 वन्य प्राणी अभ्यारण एवं तीन बायोकेयर रिजर्व स्थापित है। जिनमें पर्यटकों के लिए बाघ,तेदुआ,जंगली भैसा सहित अन्य वाइल्ड लाइफ आकर्षण का केन्द्र रहते है। बैतूल विधायक श्री खण्डेलवाल नें बताया कि म.प्र. के वनक्षेत्रों में पक्षियों की लगभग 400 एवं तितलियों की लगभग 200 प्रजातियाँ पाई जाती है। किन्तु नेशनल पार्को एवं अभ्यारण्यों में पर्यटक पक्षियों एवं तितलियों की जानकारी से अनभिज्ञ रहते है। बोर्ड की बैठक में उन्होनें सुझाव दिया कि पर्यटकों को आकर्षित करनें एवं पक्षियों तितलियों को संरक्षित करनें के लिए सघन वनों के समृद्ध जैव विविधता वाले ऐसे क्षेत्रों में जहां पक्षियों तितलियों की बहुलता है वहां बर्ड सेंचुरी-बटर फ्लाई पार्क स्थापित किये जायें यहां शाकाहरी वन्य प्राणियों हिरण ,सांभर, चीतल खरगोश को भी रखा जा सकता है। श्री खण्डेलवाल नें सुझाव दिया कि तितलियों के लिए उचित पर्यावास का निर्माण कर तितली संरक्षित क्षेत्र, पक्षियों के लिए सुरक्षित प्रजनन क्षेत्र बनानें के साथ ही सघन वन क्षेत्रों में वन्य प्राणियों के भोजन पानी के लिए संरक्षित क्षेत्र विकसित किये जाये और प्राकृतिक जल स्त्रोतों का संरक्षण कर नवीन छोटे-छोटे जलाशयों का निर्माण करवाया जाये।
कर्नाटक की तर्ज पर प्रदेश में बनें जंगल लॉज रिसार्ट
म.प्र. वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक में बतौर सदस्य बैतूल विधायक श्री खण्डेलवाल नें कर्नाटक राज्य के राज्य सरकार ,पर्यटन विभाग एवं वन विभाग के संयुक्त उद्यम ‘‘जंगल लॉज रिसार्ट” का उल्लेख करते हुए बताया कि कर्नाटक में वन विभाग द्वारा संयुक्त उद्यम के तहत ईकोटूरिज्म की अवधारणा एवं वन प्रबंधन के अंतर्गत वनों एवं वन्य प्राणियों कि सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जंगल लाज रिसार्ट का संचालन किया जा रहा है। इस के लिए सीनियर आईएफएस ऑफिसर की तैनाती भी की गई है। पूरे कर्नाटक राज्य में एकल ब्रांड के रूप में जेएलआर पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है। बैतूल विधायक नें सुझाव दिया कि कर्नाटक की तर्ज पर म.प्र. में जेएलआर का गठन कर सघन वन क्षत्रों में पक्षियों,तितलियों एवं वन्य प्राणियों का संरक्षण कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। जिससे वनों , वन्य प्राणियों के संरक्षण के साथ पर्यटन को बढ़ावा मिलनें से राजस्व बढे़गा और वनों पर आश्रित वन वासियों को रोजगार के नयें अवसर मिलेगें। उन्होनें सुझाव दिया कि सघन वन क्षेत्रों में पर्यटन में रूचि रखनें वाली संस्थाओं से भी सहयोग लिया जा सकता है। कम निवेश पर अधिक रोजगार के अवसर पर्यटन क्षेत्र में मिलते है इसलिए पीपीपी मॉडल के माध्यम से भी सघन वन क्षेत्रों को संरक्षित कर पर्यटन क्षेत्रों को विकसित किया जा सकता है।
बैतूल से की जा सकती है पायलट प्रोजेक्ट की शुरूवात
बोर्ड की बैठक में बैतूल विधायक श्री खण्डेलवाल नें बताया कि बैतूल जिले में कई सघन वन क्षेत्र है जहां दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों,तितलियों, शाकाहारी वन्य प्राणियों आधारित पर्यटन स्थल विकसित किये जा सकते है। उन्होनें कहा कि बैतूल जिले के दक्षिण वन मंडल अंतर्गत सवालमेंढा एवं ताप्ती वन परिक्षेत्र में ताप्ती, पूर्ण नदी एवं जलाशयों के किनारे स्थित सघन वनों सहित अन्य वन क्षेत्रों में दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों और तितलियों की संख्या बहुतायत में है।
उन्होेनें मुख्यमंत्री एवं वन मंत्री को सुझाव दिया कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बैतूल जिले के सघन वन क्षेत्रों में दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों-तितलियों का संरक्षण कर पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करनें की शुरूवात की जा सकती है। पायलट प्रोजेक्ट से प्राप्त परिणामों के आधार पर समूचे प्रदेश के सघन वन क्षेत्रों में इसे लागू करनें का निर्णय लिया जा सकता है। सघन वन क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बैतूल विधायक द्वारा दिये गये सुझावों की म.प्र. के मुख्यमंत्री और वनमंत्री नें सराहना की ।
जैव विवधता वाले वन क्षेत्रों में बनाये जाये बर्ड सेंचुरी-बटर फ्लाई पार्क – खण्डेलवाल
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित हुई मध्यप्रदेश राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक
बैतूल। मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव की अध्यक्षता में 11 मार्च को वल्लभ भवन में आयोजित मध्यप्रदेश राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक में बैतूल विधायक एवं म.प्र. राज्य वन्य प्राणी बोर्ड के सदस्य हेमंत खण्डेलवाल नें सघन वन क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देेनें के लिए मुख्यमंत्री को महत्वपूर्ण सुझाव दिये। बैतूल विधायक नें प्रदेश के समृ़द्ध जैव विविधता वाले वन क्षेत्रों मे दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों-तितलियों को संरक्षित कर बर्ड सेंचुरी एवं बटर फ्लाई पार्क बनाने का सुझाव दिया। उन्होनें कहा कि बर्ड – सेंचुरी बटर फ्लाई पार्क बड़े पर्यटन केन्द्र के रूप में स्थापित होनें से पर्यटन बढ़ेगा। जिससे प्रदेश के राजस्व में वृद्धि होने के साथ ही वनों पर आश्रित वन वासियों ग्रामीणो को रोजगार के नये अवसर उपलब्ध होगे। बैतूल विधायक श्री खंडेलवाल ने सुझावों से संबंधित कार्य योजना भी मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने श्री खंडेलवाल के सुझावों को गंभीरता से लेकर वन मंत्री नागर सिंह चौहान, मुख्य सचिव वीरा राणा एवं वन विभाग के अपर मुख्य सचिव जे एन कंसोटिया को सुझावो का परीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
मध्यप्रदेश में पक्षियों की 400 , तितलियों की 200 प्रजातियाँ
बैतूल विधायक एवं म.प्र. राज्य वन्य प्राणी बोर्ड के सदस्य श्री खण्डेलवाल नें बोर्ड की बैठक में कहा कि म.प्र. में 94 हजार 689 वर्ग किमी में फैले वन क्षत्रों में सघन वनों , वन्य प्राणियों वनस्पतियों की असीम संपदा है। यह वन क्षेत्र म.प्र. के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 30.71 प्रतिशत है। उन्होनें बताया कि म.प्र. में 12 राष्ट्रीय उद्यान 24 वन्य प्राणी अभ्यारण एवं तीन बायोकेयर रिजर्व स्थापित है। जिनमें पर्यटकों के लिए बाघ,तेदुआ,जंगली भैसा सहित अन्य वाइल्ड लाइफ आकर्षण का केन्द्र रहते है। बैतूल विधायक श्री खण्डेलवाल नें बताया कि म.प्र. के वनक्षेत्रों में पक्षियों की लगभग 400 एवं तितलियों की लगभग 200 प्रजातियाँ पाई जाती है। किन्तु नेशनल पार्को एवं अभ्यारण्यों में पर्यटक पक्षियों एवं तितलियों की जानकारी से अनभिज्ञ रहते है। बोर्ड की बैठक में उन्होनें सुझाव दिया कि पर्यटकों को आकर्षित करनें एवं पक्षियों तितलियों को संरक्षित करनें के लिए सघन वनों के समृद्ध जैव विविधता वाले ऐसे क्षेत्रों में जहां पक्षियों तितलियों की बहुलता है वहां बर्ड सेंचुरी-बटर फ्लाई पार्क स्थापित किये जायें यहां शाकाहरी वन्य प्राणियों हिरण ,सांभर, चीतल खरगोश को भी रखा जा सकता है। श्री खण्डेलवाल नें सुझाव दिया कि तितलियों के लिए उचित पर्यावास का निर्माण कर तितली संरक्षित क्षेत्र, पक्षियों के लिए सुरक्षित प्रजनन क्षेत्र बनानें के साथ ही सघन वन क्षेत्रों में वन्य प्राणियों के भोजन पानी के लिए संरक्षित क्षेत्र विकसित किये जाये और प्राकृतिक जल स्त्रोतों का संरक्षण कर नवीन छोटे-छोटे जलाशयों का निर्माण करवाया जाये।
कर्नाटक की तर्ज पर प्रदेश में बनें जंगल लॉज रिसार्ट
म.प्र. वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक में बतौर सदस्य बैतूल विधायक श्री खण्डेलवाल नें कर्नाटक राज्य के राज्य सरकार ,पर्यटन विभाग एवं वन विभाग के संयुक्त उद्यम ‘‘जंगल लॉज रिसार्ट” का उल्लेख करते हुए बताया कि कर्नाटक में वन विभाग द्वारा संयुक्त उद्यम के तहत ईकोटूरिज्म की अवधारणा एवं वन प्रबंधन के अंतर्गत वनों एवं वन्य प्राणियों कि सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जंगल लाज रिसार्ट का संचालन किया जा रहा है। इस के लिए सीनियर आईएफएस ऑफिसर की तैनाती भी की गई है। पूरे कर्नाटक राज्य में एकल ब्रांड के रूप में जेएलआर पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है। बैतूल विधायक नें सुझाव दिया कि कर्नाटक की तर्ज पर म.प्र. में जेएलआर का गठन कर सघन वन क्षत्रों में पक्षियों,तितलियों एवं वन्य प्राणियों का संरक्षण कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। जिससे वनों , वन्य प्राणियों के संरक्षण के साथ पर्यटन को बढ़ावा मिलनें से राजस्व बढे़गा और वनों पर आश्रित वन वासियों को रोजगार के नयें अवसर मिलेगें। उन्होनें सुझाव दिया कि सघन वन क्षेत्रों में पर्यटन में रूचि रखनें वाली संस्थाओं से भी सहयोग लिया जा सकता है। कम निवेश पर अधिक रोजगार के अवसर पर्यटन क्षेत्र में मिलते है इसलिए पीपीपी मॉडल के माध्यम से भी सघन वन क्षेत्रों को संरक्षित कर पर्यटन क्षेत्रों को विकसित किया जा सकता है।
बैतूल से की जा सकती है पायलट प्रोजेक्ट की शुरूवात
बोर्ड की बैठक में बैतूल विधायक श्री खण्डेलवाल नें बताया कि बैतूल जिले में कई सघन वन क्षेत्र है जहां दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों,तितलियों, शाकाहारी वन्य प्राणियों आधारित पर्यटन स्थल विकसित किये जा सकते है। उन्होनें कहा कि बैतूल जिले के दक्षिण वन मंडल अंतर्गत सवालमेंढा एवं ताप्ती वन परिक्षेत्र में ताप्ती, पूर्ण नदी एवं जलाशयों के किनारे स्थित सघन वनों सहित अन्य वन क्षेत्रों में दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों और तितलियों की संख्या बहुतायत में है।
उन्होेनें मुख्यमंत्री एवं वन मंत्री को सुझाव दिया कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बैतूल जिले के सघन वन क्षेत्रों में दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों-तितलियों का संरक्षण कर पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करनें की शुरूवात की जा सकती है। पायलट प्रोजेक्ट से प्राप्त परिणामों के आधार पर समूचे प्रदेश के सघन वन क्षेत्रों में इसे लागू करनें का निर्णय लिया जा सकता है। सघन वन क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बैतूल विधायक द्वारा दिये गये सुझावों की म.प्र. के मुख्यमंत्री और वनमंत्री नें सराहना की ।
यह भी पढ़ें