‘चंदा दो, धंधा लो’ के घोटाले ने देश में पूंजीपतियों और सरकार के अपराधिक गठजोड़ को देश के सामने लाया सत्ता की कठपुतली के तौर पर काम कर रहा चुनाव आयोग
By, बैतूल वार्ता
‘चंदा दो, धंधा लो’ के घोटाले ने देश में पूंजीपतियों और सरकार के अपराधिक गठजोड़ को देश के सामने लाया
सत्ता की कठपुतली के तौर पर काम कर रहा चुनाव आयोग
शहर में आयोजित हुई इंडिया महागठबंधन की महत्वपूर्ण बैठक
महा गठबंधन समर्थित पार्टियों के नेताओं ने सरकार के खिलाफ लगाई आरोपों की झड़ी
बैतूल। इंडिया महागठबंधन (आईएम) की महत्वपूर्ण बैठक मंगलवार 17 अप्रैल को शहर के एक निजी होटल में आयोजित की गई। इस बैठक में इंडिया महागठबंधन समर्थित पार्टियों के वरिष्ठ नेता एवं पदाधिकारी शामिल हुए। इस महत्वपूर्ण बैठक में राजनीतिक रणनीतियों, राष्ट्रीय मुद्दों, और आगामी लोकसभा चुनाव की योजनाओं पर चर्चा की गई। इसके अलावा, राज्य स्तरीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार विमर्श कर चुनाव जीतने की रणनीति पर विचार किया गया । बैठक में इंडिया महागठबंधन ने अपने सामर्थ्य को मजबूत करने और आगामी चुनावों में प्रभावी रूप से उतरने के लिए नए कदम उठाने का निर्णय लिया।
— देश में अघोषित आपातकाल–
बैठक को संबोधित करते हुए डॉ.सुनीलम ने कहा कि केन्द्र में सत्तारुढ़ मोदी सरकार जिस तरह संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग अपने राजनैतिक लाभ के लिए कर रही है, यह अघोषित आपातकाल है, जिससे आम आदमी के मुद्दे और आवाज गायब हो चुकी है। चुनाव आयोग सत्ता की कठपुतली के तौर पर काम कर रहा है। विपक्ष की आवाज को कुचला जा रहा है। जनता की आवाज उठाने वाले तमाम विपक्ष के नेताओं एवं समाज के नेतृत्वकर्ताओं को जेल भेजा जा रहा है। हाल ही में सामने आए ‘चंदा दो, धंधा लो’ के घोटाले ने देश में पूंजीपतियों और सरकार के अपराधिक गठजोड़ को देश के सामने खोल दिया है। पिछले 10 साल में मोदी सरकार ने इन पूंजीपतियों का 25 लाख करोड़ का कर्ज माफ किया है, दूसरी तरफ एम एस पी मांग रहे किसानों के हिस्से में शहादत आई है, 732 किसान दिल्ली सीमा पर धरना देते शहीद हुए, वहीं युवा किसान शुभकरण सिंह की हत्या सिर में गोली मारकर की गई, लखीमपुर खीरी में 4 किसानों की हत्या करने वाले गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को फिर से टिकट देकर मोदी सरकार ने इस अपराध पर मोहर लगा दी है। देश में सबसे बुरी स्थिति तो रोज़गार की है। एम्पलॉयमेंट रिपोर्ट 2024 बताती है, देश के कुल बेरोजगारों में युवाओं की हिस्सेदारी 83 फीसदी पहुंच गई है। पिछले 22 साल में पढ़े-लिखे बेरोजगार युवा 12.5 फीसदी बढ़े हैं। मध्य प्रदेश में गत 5 वर्षों में 30 हजार शासकीय स्कूल बंद किया जा चुके हैं तथा शिक्षकों की संख्या में 40 हजार कमी आई है। 6 हजार स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है
— भाजपा शासित राज्यों में सरकारी नौकरियां निकलना बंद–
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कृष्णा मोदी ने कहा पेट्रोल – डीजल एवं रसोई गैस के दामो मे 2014 के बाद बेतहाशा वृध्दि हुई है। प्रदेश में सरकारी अस्पतालों को निजी हाथों में सौंपने की योजना बनाई जा चुकी है। सरकारी अस्पतालों में बड़ी संख्या में डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी की गई है। जिस सेना में युवाओं को सबसे अधिक रोजगार मिलता था, उसे भी अग्निवीर के माध्यम से खत्म कर दिया गया है। हताशा का आलम यह है कि तमाम युवाओं ने सेना में भर्ती की तैयारी ही बंद कर दी है। भाजपा शासित राज्यों में सरकारी नौकरियां निकलना बंद हो गई हैं जहां निकल रही हैं, वहां पेपर लीक कर युवाओं को ठगा जा रहा है। आंकड़े बताते हैं, पिछले 45 साल में रोजगार की स्थिति सबसे बुरी है ग्रामीण रोजगार देने वाले मनरेगा के बजट में भारी कटौती इस सरकार ने की है। हालात यह है, कि पिछले छह साल में बेरोज़गारी के कारण युवाओं की आत्महत्या के मामलों में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। देशवासियों का ध्यान समस्याओं से हटाने के लिए सरकार देश में भयानक सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कर रही है, जिससे वह उन्माद पैदा कर फिर सत्ता हासिल कर सके। जातीय उन्माद चरम पर है, दलितों, आदिवासियों और महिलाओं पर होने वाली अत्याचार की घटनाओं में वृद्धि हुई है। हालात मध्य प्रदेश के भी बहुत बदतर हैं, जहां पिछले 20 साल से भाजपा की सरकार है। व्यापम जैसे घोटाले के बाद युवाओं का भविष्य अंधेरे में धकेल दिया गया। इस महा घोटाले में 100 से अधिक लोगों की संदिग्ध मौत के बाद भी अभी तक मुख्य आरोपी आराम से घूम रहे हैं। मध्यप्रदेश में ऐसे 156 घोटाले है जिनकी जांच नहीं की गई है। मंत्रालय में आग लगा दी गयी एवं महाकाल और सिंहस्थ में भी घोटाला किया गया। बात महिला अत्याचार, दलित अत्याचार की हो, बच्चियों के गायब होने की या फिर किसान आत्महत्या की, मध्य प्रदेश की स्थिति सबसे बदतर है। शिशु मृत्यु दर की बात करें, मातृ मृत्यु दर की, गरीबी की, प्रति व्यक्ति आय की, कुपोषण की, शिक्षा की या फिर रोजगार की, मध्य प्रदेश अभी भी बीमारु राज्य की स्थिति से बाहर नहीं निकल पाया है। किसानों को उसका उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है, अभी लगभग सभी फसलें एम एस पी से 500 रूपए प्रति क्विंटल कम दाम पर खरीदी जा रही है।
— दिल्ली और पंजाब में विधायक खरीदने की साजिश–
आम आदमी पार्टी के अजय सोनी ने कहा कि मोदी सरकार इलेक्टोरल बॉण्ड्स के माध्यम से एकत्रित धन का उपयोग विपक्ष की चुनी हुई सरकारों को गिराने के लिए कर रही है। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को गिराने का काम ज्योतिरादित्य सिंधिया के माध्यम से किया गया । मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, नागालैंड, कर्नाटक, गोवा, बिहार इसके उदाहरण है। झारखंड में सरकार गिराने की कोशिश की गई। दिल्ली और पंजाब में विधायक खरीदने की साजिश की जा रही है। पूरे देश में ईवीएम को लेकर संदेह बना हुआ है, इसके बावजूद चुनाव आयोग वी वी पी ए टी की 100% पर्चियों की गिनती कराने को तैयार नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय भी मौन है। अब जबकि देश में तानाशाही हावी है, जब वे तमाम लोग जिन्हें इस देश की संवैधानिक परंपरा और संविधान में भरोसा है, उनके एकजुट होने की जरूरत है। बैतूल के तमाम अमन पसंद और संविधान में भरोसा करने वाले नागरिक समाज के लोगों ने मिलकर यह प्रयास किया है, जिससे बेलगाम सत्ता पर अंकुश लगाया जा सके। हमारी कोशिश है, तमाम बिखरे प्रयासों को एकजुट किया जाए। यह वक्त तमाम राजनैतिक असहमतियों को किनारे कर देश को बचाने की है, उम्मीद है आप भी इसमें हिस्सेदार बनेंगे।
— बैठक में यह हुए शामिल —
बैठक में प्रमुख रूप से किसान संघर्ष समिति के डॉक्टर सुनीलम, कम्युनिष्ट पार्टी के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कृष्णा मोदी, आम आदमी पार्टी के जिला संयोजक एवं लोकसभा प्रभारी अजय सोनी, आम आदमी पार्टी अध्यक्ष शैलेश वाइकर, किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष जगदीश दौड़के, कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष पीर्थी बारपेटे, युवा कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव शेषनारायण ओझा, प्रदेश कांग्रेस सचिव समीर खान, जिला कांग्रेस अध्यक्ष हेमंत वागद्रे , संभागीय प्रवक्ता हेमन्त पगारिया, सेवादल अध्यक्ष अनुराग मिश्रा, राकेश महाले, युवक कांग्रेस अध्यक्ष विजय पारधी, राहुल छत्रपाल, जिला कांग्रेस प्रवक्ता मोनू वाघ, वरिष्ठ नेता अरुण गोठी, नवनीत मालवी, राजेश गावंडे, राजकुमार दीवान, राजा सोनी, नफीस खान, सरफराज खान, वसीम कुरेशी, रवि त्रिपाठी, अजय टंडन, शंकर पंद्रम, आम आदमी पार्टी नेता मनोहर पचौरिया, सुधीर चौकीकर संदीप खातरकर, संजय परपाचे आदि शामिल थे।
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