काका काकी माने किम, वोट वाटाना है कसम तीन्न आदिवासी नारों के साथ मतदान के लिए किया जागरूक
काका काकी माने किम, वोट वाटाना है कसम तीन्न
आदिवासी नारों के साथ मतदान के लिए किया जागरूक
लोकतंत्र के महापर्व में शिक्षक निभा रहे महत्वपूर्ण भूमिका, चलाया जागरूकता अभियान
बैतूल। जिले के ग्रामीण अंचलों में लोकतंत्र के महापर्व की तैयारी में शिक्षकों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने गांव के नागरिकों को मतदान के महत्व को समझाने के लिए उत्साहित किया है। आदिवासी नारों और रैलियों के माध्यम से, वे गांव के हर कोने तक मतदाताओं को संदेश पहुंचा रहे हैं।
शिक्षकों की इस योजना का हिस्सा गांव के बच्चे भी हैं, जो नाटकों के माध्यम से मतदान के महत्व को समझा रहे हैं। उनके उत्साह से लोकतंत्र के महत्व को मजबूती से दिखाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी के निर्देशानुसार एवं स्वीप जिला नोडल अधिकारी अक्षत जैन, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बैतूल के मार्गदर्शन में मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। स्वीप जिला यूथ आइकॉन अभिलाषा बाथरी ने बताया 7 मई लोकसभा चुनाव 2024 में शत प्रतिशत मतदान के लिए विभिन्न नवाचार किया जा रहे हैं।शिक्षकों द्वारा स्थानीय भाषा में नारे, रैली, बच्चों के द्वारा गांव में नाटक के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विकासखंड बैतूल से संस्था प्रमुख ममता उइके, अतिथि शिक्षक एकीकृत माध्यमिक शाला मंडईबुजुर्ग, संस्था प्रमुख चंदा डोंगरे, माध्यमिक शाला लापाझिरी, विकासखंड भैंसदेही ग्राम पंचायत धूडियानई, आदिवासी बाहुल्यग्राम बड़गांव में शिक्षिका अरुणा महाले ने हाई स्कूल प्राचार्य मिलिंद निनावे की उपस्थिति में मतदाता जागरूकता शपथ दिलाई। बीएलओ मदन पोटे ने आदिवासी भाषा में नावा वोट नावा अधिकार, काका काकी माने किम, वोट वाटाना है कसम तीन्न , रोन रोन साक्षरता वयनल मतदाता जागरूक बने कीम नारे लगाकर जागरूकता रैली निकाली। अभिलाषा बाथरी ने बताया कि स्थानीय भाषा आदिवासी समुदायों को मतदान के महत्व को समझाने में मदद करती हैं। इस प्रकार, शिक्षकों का साथ लेकर, आदिवासी समुदायों को भी मतदान के लिए उत्साहित किया गया है, और लोकतंत्र के महापर्व में उनकी भागीदारी को बढ़ावा दिया गया है।
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