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प्रधानमंत्री मोदी ने ‘ध्रुवीकरण वाले बयान देने’ के आरोपों को पूरी तरह ख़ारिज किया है.

By, बैतूल वार्ता

पीएम मोदी ख़ुद पर लग रहे ध्रुवीकरण के आरोपों पर क्या बोले ?

29 अप्रैल 2024

देश में चुनाव का माहौल है, दो चरणों के चुनाव हो चुके हैं और पांच चरण के मतदान होने बाकी हैं जो एक जून तक पूरे होंगे.

इस चुनावी मौसम में सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष के नेता तमाम अख़बारों और टीवी चैनलों को इंटरव्यू दे रहे हैं और इसी तरह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंग्रेज़ी अख़बार द टाइम्स ऑफ़ इंडिया को एक इंटरव्यू  देते हुए ख़ुद पर ‘ध्रुवीकरण वाले बयान देने’ के आरोपों को पूरी तरह ख़ारिज किया है.

अख़बार से बातचीत में उन्होंने कहा- “कांग्रेस ने धर्म के आधार पर आरक्षण देने के लिए कानून बनाकर संविधान का उल्लंघन किया है ये ध्रुवीकरण नहीं है?”

टाइम्स ऑफ़ इंडिया को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी अपने उस हालिया बयान के पक्ष में अड़े रहे जिसमें उन्होंने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक़ अल्पसंख्यकों का है.

हालांकि पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह के जिस 18 साल पुराने भाषण का ज़िक्र किया है, उसमें मनमोहन सिंह ने मुसलमानों को पहला हक़ देने की बात नहीं कही थी.

मनमोहन सिंह ने 2006 में कहा था, ”अनुसूचित जातियों और जनजातियों को पुनर्जीवित करने की ज़रूरत है. हमें नई योजनाएं लाकर ये सुनिश्चित करना होगा कि अल्पसंख्यकों का और ख़ासकर मुसलमानों का भी उत्थान हो सके, विकास का फायदा मिल सके. इन सभी का संसाधनों पर पहला दावा होना चाहिए.”

मनमोहन सिंह ने अंग्रेज़ी में दिए गए भाषण में क्लेम शब्द का इस्तेमाल किया था.

पीएम मोदी और क्या बोले

उन्होंने ये भी कहा कि वह यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

उन्होंने कहा- “अलग-अलग समुदायों के लिए अलग अलग कानून समाज के लिए हानिकारक है. हम ऐसा देश नहीं हो सकते जहां एक समाज संविधान की मदद से विकास कर रहा है और दूसरा समाज तुष्टिकरण के कारण पहले के ही समय में अटका हुआ है. हम यूसीसी को हकीकत बनाने के लिए जो भी होगा हमारे बस में वो हम करेंगे.”

उन्होंने ये भी कहा कि वह ‘एक देश, एक चुनाव’ की दिशा में आगे बढ़ेंगे.

पीएम मोदी ने तीसरी बार जीतकर प्रधानमंत्री बनने को लेकर विश्वास जताया है और कहा है कि वह इस बार “400 सीटों के साथ सत्ता में आएंगे ताकि विपक्षी पार्टियों की उस बुरी कोशिशों को बर्बाद कर सकें जिसके तहत वो एससी, एसटी और ओबीसी के अधिकारों को छीन कर अपने वोट बैंक को देना चाहती हैं.”

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