मूंग की खेती करने वाले किसान जानें, हावेस्टर से मूंग की कटाई करने में नुकसान होता है या लाभ मध्यप्रदेश में शुरू हो गई है मूंग की फसल की कटाई
By, बैतूल वार्ता
मूंग की खेती करने वाले किसान जानें, हावेस्टर से मूंग की कटाई करने में नुकसान होता है या लाभ
मध्यप्रदेश में शुरू हो गई है मूंग की फसल की कटाई
किसानों के लिए पीला सोना मानी जाने वाली सोयाबीन के घटते दाम और पैदावार न होने से अब मध्यप्रदेश के किसान पन्ना जैसी मूंग की खेती करने में अधिक रूचि ले रहे हैं।
यही कारण है कि तीसरी फसल मूंग से बंपर पैदावार लेकर मध्यप्रदेश के कई जिले में किसान अार्थिक रूप से सक्षम होते जा रहे हैं। वर्ष 2024 में तो मूंग की खेती करने वाले किसानों को बेमाैसम बारिश ने मानो संजीवनी ही प्रदान कर दी। खेतों में इस बार मूंग लहलहा रही है। इसके पीछे किसानों की मेहनत तो है ही लेकिन मौसम का भी बड़ा हाथ है। मार्च माह के पहले पखवाड़े में जिन किसानों ने मूंग की फसल की बुवाई अपने खेत में कर दी थी वह अब पक चुकी है और किसान कटाई कर रहे हैं। आइये हम जानते हैं कि मशीन के युग में किसानों को मूंग की फसल की कटाई किस प्रकार करना चाहिए।
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के मूंग उत्पादक किसानों की मानें तो मूंग की कटाई सबसे अच्छे ढंग से तो हाथों से ही की जा सकती है। मजदूरों की उपलब्धता हो तो हाथों से कटाई करने के बाद थ्रेसिंग करने से मूंग का बीज में भी उपयोग किया जा सकता है।
मजदूरों के माध्यम से कटाई करने में सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि पौधों को सुखाने के लिए रसायनिक दवा का प्रयोग करने की जरूरत नहीं होती है। कटाई करने के बाद एक दिन उसे खेत में वैसे ही छोड़ दिया जाता है तो तेज धूप में पत्ती और तना सूख जाता है।इसके बाद उसे उठाकर खलिहान में एकत्र कर लिया जाए और उसके बाद थ्रेसर की मदद से दाना प्राप्त करना ही सबसे अच्छा विकल्प है। इसमें यदि मूंग का बीज के लिए उपयोग करना होता है तो अंकुरण शत प्रतिशत हो जाता है।
हार्वेस्टर से क्यों करें कटाई:
मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीदी प्रारंभ हो जाने के कारण दाम बहुत बढ़ गए हैं। मंडी में भी 7 से 8 हजार रूपये प्रति क्विंटल के दाम मिल रहे हैं। ऐसे में किसानों को फसल पकने की अवधि पूर्ण होने पर जल्द से जल्द उसकी कटाई कर लेना चाहिए। संभव हो सके तो पौधों को सुखाने के लिए रसायनिक दवा का उपयोग न करें इससे मानव स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है। जल्द कटाई के लिए हार्वेस्टर की मदद लेने से बेहतर कुछ नही है। इसमें एक एकड़ खेत की फसल की कटाई करने में 20 से 25 मिनट का ही समय लगता है। हार्वेस्टर से मूंग की कटाई करने में सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि कुछ ही घंटे में किसान खेत में लगी फसल की कटाई, थ्रेसिंग पूरी कर लेता है। इसके बाद उसका भंडारण कर मौसम के बिगड़ने से पहले ही निश्चिंत हो जाता है।
हार्वेस्टर से कटाई करने में आधुनिक मशीनों के कारण हरी फल्लियों का दाना भी निकल जाता है। बस किसान को हावेस्टर से कटाई के बाद उपज को कम से कम एक दिन कड़ी धूप में सुखाना ही चाहिए। इससे आपकी उपज पूरी तरह से सुरक्षित रहेगी।
हार्वेस्टर से कटाई में खर्च भी कम लगता है:
एक एकड़ में लगी मूंग की फसल की कटाई यदि किसान मजदूरों की मदद से करते हैं तो उन्हें कम से कम 1800 रुपये का खर्च आता है। इसके बाद उसे उठाकर खलिहान तक पहुंचाने में 600 से 800 रुपये खर्च होते हैं। अब थ्रेसिंग करने में भी प्रति घंटे के हिसाब से 1500 रुपये का खर्च आएगा।इस हिसाब से एक एकड़ में कम से कम 3100 रुपये में एक एकड़ खेत की मूंग किसान कटाई और थ्रेसिंग पर खर्च करेगा। इस प्रक्रिया में कम से कम चार दिन का समय लगेगा। वहीं हार्वेस्टर से 2000 से 2500 रुपये में यह काम मात्र 25 से 30 मिनट में पूरा हो जाता है।