भैंसदेही रेंजर के खिलाफ रिश्वत न देने पर झूठे केस में फसाने का आरोप डीएफओ और एसपी से की मालिक और ड्राइवरों के साथ बदसलूकी की शिकायत
By,वामन पोटे बैतूल वार्ता
भैंसदेही रेंजर के खिलाफ रिश्वत न देने पर झूठे केस में फसाने का आरोप
डीएफओ और एसपी से की मालिक और ड्राइवरों के साथ बदसलूकी की शिकायत
बैतूल। जिले के चिचोलीढाना निवासी रमेश नरवरे ने दक्षिण वन मंडल के डीएफओ और पुलिस अधीक्षक से भैंसदेही रेंजर अमित सिंह चौहान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। 38 वर्षीय नरवरे का आरोप है कि चौहान ने उनके दो ट्रैक्टरों को अवैध रूप से जप्त किया, ड्राइवरों से मारपीट की और उनसे कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करवा लिए।
रमेश नरवरे के अनुसार, 29 मई 2024 को सुबह 5 बजे उनके दोनों ट्रैक्टरों पर रॉयल्टी कटी हुई रेता लादकर ग्राम गाडागोहान जा रहे थे। इसी दौरान वन परिक्षेत्र अधिकारी चौहान और उनके कर्मचारियों ने ट्रैक्टरों को रोककर ड्राइवर श्याम अखंडे और विजय छितकारे के साथ मारपीट की और अपशब्दों का प्रयोग किया। ड्राइवरों द्वारा रॉयल्टी दिखाने पर भी चौहान ने अखंडे को लाठियों से पीटा और दोनों ड्राइवरों से कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करवाए। इसके बाद, ट्रैक्टरों को जप्त कर वन विभाग कार्यालय भैंसदेहीं ले जाया गया, जहाँ ड्राइवरों को भी बंद कर गंभीर रूप से पीटा गया और शाम 6 बजे छोड़ा गया।
— रिश्वत की मांग और धमकी के आरोप–
रमेश नरवरे का दावा है कि कुछ दिन पहले भी चौहान ने एक लाख रुपये की रिश्वत माँगी थी, जिसे नरवरे ने देने से इनकार कर दिया था। इसी के चलते चौहान ने उनके ट्रैक्टरों को झूठे आरोपों में फंसाकर जप्त कर लिया और राजसात की कार्रवाई की धमकी दी। चौहान ने पहले भी नरवरे के एक अन्य ट्रैक्टर को जप्त कर लिया था। ड्राइवर श्याम अखंडे ने भी भैंसदेही थाने में चौहान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें जातिसूचक शब्दों का प्रयोग और जान से मारने की धमकी का आरोप लगाया गया है।
— जांच और कार्रवाई की मांग–
नरवरे ने मुख्यमंत्री सहित वरिष्ठ अधिकारियों से मामले की जाँच कर उचित कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि चौहान ने अपने पद का दुरुपयोग कर उन्हें और उनके ड्राइवरों को नाजायज रूप से प्रताड़ित किया है। नरवरे का कहना है कि उन्होंने नियमों का पालन करते हुए रेता भरकर लाया था और किसी भी तरह से वन विभाग या शासन को नुकसान नहीं पहुँचाया। रमेश नरवरे और उनके ड्राइवरों की शिकायतें अब प्रशासन के पास हैं, और वे त्वरित और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
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