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कलेक्टर की दरियादिली रात तीन बजे जिला अस्पताल पहुंचे,घायल मरीज के परिजन ने किया था फोन, समय पर जांच न करने पर स्टॉफ को लगाई फटकार

By, बैतूल वार्ता वामन पोटे

लेक्टर की दरियादिली रात तीन बजे जिला अस्पताल पहुंचे
घायल मरीज के परिजन ने किया था फोन, समय पर जांच न करने पर स्टॉफ को लगाई फटकार

बैतूल।।बैतूल कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी की दरियादिली अब खासी चर्चा में आ गई है गांव में पीने के पानी की समस्या हो या अस्पताल में इलाज न मिल रहा हो पीड़ित अब सीधे उन्हें फोन लगाने लगे वे जल्द ही फोन पर जरूरत मंद की तत्काल मदद भी कर रहे है ।

ऐसा ही एक मामला रविवार तड़के सामने आया और कलेक्टर रात तीन बजे जिला अस्पताल पहुंच गए ।सड़क हादसे में घायल एक युवक को इलाज न मिलने की शिकायत पर कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी रात 3 बजे अचानक जिला अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने रात में ही व्यवस्थाओं का जायजा लिया और उस घायल को देखा जिसे इलाज नहीं मिल रहा था।

बैतूल आईटीआई में पढ़ने वाले छात्र निलेश आहके ने रात 3 बजे कलेक्टर को जैसे ही फोन लगाया। इस फोन के महज 5 मिनट बाद कलेक्टर जिला अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने यहां मौजूद स्टाफ को जमकर फटकार लगाई। दरअसल निलेश (17) को रात करीब 12 बजे घायल हालत में लेकर जिला अस्पताल पहुंचा था। घायल दुर्गेश रात को पट्टन से अपने घर सांवरी जा रहा था। रास्ते में अज्ञात पिकअप ने उसकी बाइक को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में दुर्गेश का जबड़ा टूट गया था। उसे प्रभात पट्टन सीएचसी में भर्ती कराया गया था।
जिसे रात करीब 10 बजे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था। वह रात 12 बजे जिला अस्पताल पहुंचा, लेकिन उसका इलाज शुरू नहीं हो सका। उसे सिटी स्कैन की जरूरत थी, लेकिन स्कैन के लिए आधार कार्ड और रुपए मांगे जा रहे थे। जो उसके पास नहीं थे। जिसके बाद उसने रात तीन बजे कलेक्टर को कॉल कर दिया। कलेक्टर इस दौरान कहीं से लौट रहे थे। वे उतनी हीं रात जिला अस्पताल पहुंच गए।
कलेक्टर जिला चिकित्सालय पहुंचने के बाद अपनी गाड़ी से उतरते ही सीधे तीसरी मंजिल के पुरुष सर्जिकल वार्ड पहुंच गए और शिकायतकर्ता से मरीज की जानकारी ली और मरीज की हालत देख कलेक्टर ने नाराज होते हुए वहां मौजूद नसों को फटकार लगाई वहीं ड्यूटी डॉक्टर और सीएमएचओ सहित सीएस को तत्काल जिला चिकित्सालय पहुंचने को कहा।
आनन फानन में सीएमएचओ और सिविल सर्जन सहित जिला चिकित्सालय के अधिकारी जिला चिकित्सालय पहुंचे जहां कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए तत्काल मरीज का उपचार की व्यवस्था करने के आदेश दिए। इसके बाद कलेक्टर सीधे ट्रामा सेंटर स्थित सीटी स्केन कार्यालय पहुंचे और वहां पर सिटी स्कैन केंद्र पर मौजूद कर्मचारियों को फटकार लगाते हुए निर्देश दिए की सबसे पहले यदि किसी के पास डॉक्यूमेंट ना हो तो उसका सीटी स्कैन करें।
डॉक्यूमेंट के चलते सीटी स्कैन ना रोका जाए कलेक्टर ने ट्रामा सेंटर के पास गंदगी देखकर स्टाफ को फटकार लगाई। उन्होंने शाम 5 बजे फिर दौरा करने तक व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए। वे करीब एक घंटे अस्पताल में रुके।

सिविल सर्जन डॉक्टर अशोक बारंगा ने बताया की मरीज का सिटी स्कैन किया जाना था। जिसके लिए राशि की मांग की गई थी, चूंकि स्कैन सेंटर प्राइवेट कंपनी चलाती है। वहां शुल्क देना होता है। उसके रूपयों की व्यवस्था कर दी गई। मरीज के गंभीर होने के कारण उसे भोपाल रेफर किया गया है।

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