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विकास और आजीविका को संतुलित रखा जा सके, सीतलझिरी डेम परियोजना का विरोध: 600 हेक्टेयर जमीन डूब में, किसानों में आक्रोश

सीतलझिरी डेम परियोजना का विरोध: 600 हेक्टेयर जमीन डूब में, किसानों में आक्रोश
बैतूल। शाहपुर ब्लॉक के सीतलझिरी और सेहरा गांवों के किसानों और जनप्रतिनिधियों ने सीतलझिरी मध्यम परियोजना के तहत बन रहे डेम का विरोध किया है। विगत दिनों जब जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी और सर्वेक्षण एजेंसी के प्रतिनिधि क्षेत्र में सर्वेक्षण करने पहुंचे, तो ग्रामीणों ने परियोजना के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि सीएम मोहन यादव ने डेम का भूमिपूजन किया था और इसके टेंडर के बाद करण डेवलपर्स और अलमाईके कंपनी को निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
किसानों के अनुसार सीतलझिरी डेम परियोजना के तहत 600 हेक्टेयर जमीन डूब क्षेत्र में आएगी,इस जमीन के डूब में आने से कई किसानों की आजीविका पर असर पड़ेगा। इस डेम के लिए विभाग ने पहले भी सर्वे किया था और अब एजेंसी तय होने के बाद फिर से सर्वे किया जा रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि 600 हेक्टेयर जमीन के डूब में जाने से उनकी कृषि भूमि प्रभावित होगी और इससे उनकी आजीविका पर संकट आ जाएगा। इस विरोध के बावजूद, विभाग और ठेकेदार परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए सर्वेक्षण कार्य में जुटे हुए हैं। ग्रामीणों की मांग है कि उनकी जमीन और आजीविका को बचाने के लिए इस परियोजना पर पुनर्विचार किया जाए। सीतलझिरी डेम परियोजना से जहां एक ओर 36 गांवों के किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलने की उम्मीद है, वहीं दूसरी ओर 600 हेक्टेयर जमीन के डूब में जाने से प्रभावित किसानों की चिंता भी बढ़ गई है। इस मामले में बाप पार्टी के हेमंत सरयाम का कहना है कि इस परियोजना को लेकर सरकार और ग्रामीणों के बीच एक समन्वय स्थापित करना आवश्यक है ताकि विकास और आजीविका दोनों को संतुलित रखा जा सके।

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