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साहब बैतूल पुलिस महिला विरोधी! एक पखवाड़े में पांच मामले ऐसे, जिनमें महिलाओं को थाने में घंटों बैठाकर रखा, नहीं हुई सुनवाई

सीएम साहब आपकी बैतूल पुलिस महिला विरोधी!

एक पखवाड़े में पांच मामले ऐसे, जिनमें महिलाओं को थाने में घंटों बैठाकर रखा, नहीं हुई सुनवाई

बैतूल बैतूल पुलिस भले ही दावा करें कि महिलाओं के मामले में त्वरित कार्रवाई की जा रही है, लेकिन हकीकत यह है कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के स्पष्ट निर्देशों का पालन यहां पर नहीं हो रहा है। महिलाओं की समस्या सुनने के लिए अलग महिला डेस्क भी बनाई गई है। यह केवल औपचारिक बनकर रह गई है। बैतूल पुलिस की असलियत महज दस दिनों में ही उजागर हो गई है, जिनमें चार से अधिक मामलों में महिलाओं को घंटों थाने में बैठाकर रखा गया। उनकी समस्या थानेदारों ने नहीं सुनी। जब मामला बढ़ा तब पुलिस ने महिलाओं की शिकायत पर कार्रवाई शुरू की।
बैतूल जिले में महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं। यह बात हम नहीं बल्कि पीड़ित कई महिलाएं थाने पहुंचकर अपने साथ हो रही यातनाएं और घटनाओं की शिकायत थानेदारों से कर रही है। यह बात अलग है कि मामला भले ही छोटा हो लेकिन थानों में महिला डेस्क बनाई गई है। इस डेस्क पर उनकी समस्याओं का निराकरण पहली प्राथमिकता से करने के निर्देश मुख्यमंत्री के साथ पीएचक्यू से मिले हैं। इसके बावजूद बैतूल पुलिस के कई थानेदार महिलाओं को थाने में घंटों बैठाकर रख रहे हैं। जब परिजन उच्चाधिकारियों से शिकायत करते हैं, तब या तो उनके आवेदन पर गौर किया जा रहा है या एफआईआर हो रही है। महज दस दिनोंं में बैतूल पुलिस के ऐसे पांच से अधिक मामले सामने आए हैं, जिनमें पुलिस का महिला विरोधी चेहरा उजागर हो गया है। कुल मिलाकर बैतूल पुलिस मुख्यमंत्री के निर्देशों का कितना पालन कर रही है, इन पांच मामलों को देखकर आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है।

प्रकरण 01- दुराचार पीड़िता 10 घंटे करते रही इंतजार

मुलताई थाना क्षेत्र की एक महिला अपने साथ हुए दुराचार की शिकायत लेकर सुबह से थाने पहुंच गई। चूंकि उस समय थाने में एक अधिकारी की विदाई पार्टी चल रही थी। पुलिस जश्न में इतनी व्यस्त थी कि महिला सुबह से शाम पांच बजे तक एफआईआर कराने के इंतजार में बैठी रही। जब वह मीडिया के सामने आई तो मामला तूल पकड़ा गया और आनन फानन में पुलिस सक्रिय हुई। भले ही मुलताई पुलिस ने बाद मेें दुराचार की शिकायत युवक और युवती की शादी कराकर पीट थपथपा ली, लेकिन तब तक यह मामला सुर्खियां बटोर चुका था।

प्रकरण 02- घंटों बैठे रही थाने में विधवा महिला

चिचोली थाना क्षेत्र के हर्रावाड़ी की रहने वाली एक विधवा महिला घंटों थाने में बैठी रही। 30 जून को वह अपनी शिकायत लेकर थाना पहुंची थी। उसने गांव के दो लोगों पर खेत बोवने को लेकर गाली-गलौच करने और खेत पर कब्जा करने के गंभीर आरोप लगाए। दोनों ने उसके खेत बोवने को लेकर विवाद किया। महिला ने चिचोली पुलिस को पीड़ा बताई थी कि पति की मौत के बाद वह खेती से परिवार का भरण पोषण कर रही है, लेकिन चिचोली पुलिस नही पसीजी, फिर एक जुलाई को महिला ने एसपी आफिस आकर शिकायत की तो चिचोली पुलिस हरकत में आई।

प्रकरण 03- पहले पति ने की छेड़छाड़, फिर पत्नी के साथ पीटा

चिचोली थानाक्षेत्र में एक और मामला कुछ दिनों पहले सामने आया है। यहां भी चिचोली की एक आदिवासी महिला के साथ मुकेश आर्य, गोकुल आर्य, शांता आर्य , सरिता आर्य द्वारा मारपीट की गई। महिला थाने में शिकायत लेकर गई। शिकायत में उसने बताया था कि मुकेश ने उसके घर में घुसकर अश£ील हरकत की और जबरदस्ती करने लगा। जब वह जोर से चिल्लाई तो मुकेश की मां और पत्नी ने उसके साथ मारपीट की। आदिवासी महिला का कहना था कि यह मामला मकान खाली करने से जुड़ा है। मारपीट का शिकार होने के बाद महिला अपनी दास्तांन लेकर चिचोली थाना पहुंची, लेकिन उसकी शिकायत सुनने के बजाए कार्रवाई नहीं हुई। बाद में यह मामला एसपी तक पहुंचा।

प्रकरण 04- खेत पर कब्जा को लेकर परेशान महिला

बीजादेही थानाक्षेत्र में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें आदिवासी महिला अपने खेत पर दबंगों द्वारा बार-बार कब्जा किए जाने से परेशान होकर थाने पहुंची, लेकिन उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। शिकायतकर्ता रामरती कवड़े ने बताया था कि कृषि भूमि पर टांगनामाल में खेती करते आ रही है। इसकी रजिस्ट्री और दस्तावेज उसके पास है, लेकिन छन्नू और उसके परिजनों द्वारा उसके साथ खेत जुताई करने पर बार-बार विवाद किया जा रहा है। इससे वह परेशान हो गई। छन्नू और उसके परिजन खेत हथियाने में लगे हैं। महिला ने छन्नू और उसके परिजनों पर कार्रवाई के लिए आवेदन दिया, लेकिन पुलिस कार्रवाई नहीं कर सकी।

प्रकरण 05- मारपीट की शिकायत पर घंटों थाने में बैठी रही

आठनेर थानाक्षेत्र में भी एक महिला घंटों थाने में बैठी रही। जावरा की रहने वाली महिला ने आवेदन देकर पुलिस को बताया था कि नत्थू दरवाई, गुंता सुमित दरवाई ने उसके खेत के आने जाने के रास्ते पर मक्के की फसल की बोवनी कर दी। इससे उसे आने जाने में परेशानी हो रही है। महिला की समस्या थी कि मक्का बोवने के बाद इसमें दवाई भी डाल दी। यदि उसके जानवर दवाई युक्त फसल का सेवर कर ले तो उसे नुकसान हो सकता है। इसी बात को लेकर पांच जुलाई को उसके साथ संबंधितों ने मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। इसके पहले भी रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन आज तक कोई सुधार नहीं हुआ।

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