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दरियादिली ! बैतूल कलेक्टर का आदेश, ग्रीन स्टेट कालोनी के कालोनाइजरों पर दर्ज कराएं एफआईआर

By,वामन पोटे ---बैतूल वार्ता

दरियादिली !
बैतूल कलेक्टर का आदेश, ग्रीन स्टेट कालोनी के कालोनाइजरों पर दर्ज कराएं एफआईआर

2014 में कालोनी में विकास की अनुमति लेने के बाद आज तक नहीं दी बुनियादी सुविधाएं

 बैतूल।।बैतूल शहर में वैध और अवैध कालोनियों के ज्यादातर हालात एक जैसे ही है।पूर्व कलेक्टर शशांक मिश्र ने भी पांच कालोनाइजरो के खिलाफ पंचायत एक्ट के तहत एफ आई आर दर्ज कराई थी पर आज तक कोई ठोस कार्यवाही नही हो सकी है। बुधवार को बैतूल के कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने कालोनी में पहुंचकर अपनी दरियादिली दिखाई है।जिससे अब वैध और अवैध कालोनियों में रह रहे लोगों को सुविधाएं मिलने की आस लग रही हैं।
बैतूल जिले में राजस्व और नगरीय निकायों के गठजोड़ से कालोनी काटने वालों के वारे-न्यारे हो रहे हैं।झूठे सपने दिखाकर प्लाट बेचने के बाद कालोनाइजरों के द्वारा विकास के कार्य ही नहीं कराए जा रहे हैं। 10 साल पहले बैतूल की ग्रीन स्टेट कालोनी के कालोनाइजरों द्वारा विकास की अनुमति तो ली थी लेकिन तय अवधि तीन वर्ष में विकास के कार्य ही नहीं कराए। अब बैतूल के तेज तर्रार और संवेदनशील कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने धोखाधड़ी करने वाले कालोनाइजरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।

बैतूल के अंबेडकर वार्ड टिकारी क्षेत्र में ग्रीन स्टेट कालोनी की शिकायत मिलने पर कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी बुधवार को स्वयं ही राजस्व, नपा के अमले को लेकर पहुंच गए। कालोनी में प्लाट और मकान बेचने के लिए कालोनाइजर के द्वारा जो मिथ्या प्रचार किया जा रहा है उसके उलट हालत मौके पर दिखाई दिए। कालोनी में एक रोड ही बनाई गई है इसके अलावा विकास के कोई कार्य ही नहीं किए गए। कलेक्टर ने मौके पर कालोनी के रहवासियों से चर्चा कर उनकी परेशानी जानी। रहवासियों से मनमानी राशि लेने के बाद भी उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखने के मामले में कलेक्टर ने बेहद गंभीरता से पूरी जांच करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने जांच पूरी करने के बाद कालोनाइजर पर धोखाधड़ी का अपराध भी दर्ज करने के निर्देश एडीएम, सीएमओ नगर पालिका को दिए हैं।

कलेक्टर को कालोनी के लोगों ने बताया कि सड़क का निर्माण, कैंपस से कवर्ड करने का काम आज तक नहीं किया गया। कम्युनिटी हॉल और गार्डन नहीं बनाया गया। कई बार शिकायत करने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। कलेक्टर ने सभी अधिकारियों के साथ ग्रीन स्टेट कालोनी का निरीक्षण कर लोगों से चर्चा की। उन्होंने मौके पर मौजूद नगर पालिका के सीएमओ ओमपाल सिंह भदोरिया को कॉलोनाइजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा।

2014 में मिली थी टी एंड सीपी से अनुमति:

नगर के अंबेडकर वार्ड टिकारी में 15 फरवरी 2014 को नगर तथा ग्राम निवेश से रूपेश सायरे एवं रिजवान अली मारूति बिल्डर्स एवं डेव्हलपर्स एवं आंजनेय डेव्हलपर्स को 2.023 हेक्टेयर रकबे में कालोनी के विकास की अनुमति तीन वर्ष के लिए प्रदान की गई थी। कालोनाइजरों के द्वारा ग्रीन स्टेट के नाम से कालोनी बनाकर प्लाट , डुप्लेक्स बेचने का काम किया गया और बुनियादी सुविधाएं ही उपलब्ध नहीं कराई गईं।दस वर्ष बीत जाने के बाद भी कालोनी के रहवासी बुनियादी सुविधाओं के न होने से बेहद मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।

कालोनाइजरों के द्वारा रेरा से अनुमति प्राप्त करने के लिए विकास कार्याें का परीक्षण इंजीनियर से कराया और कुल विकास कार्य और उनकी लागत के लिए प्राक्कलन भी तैयार किया था। कुल 74 लाख रुपये से अधिक की लागत से विकास के कार्य कराए जाने थे। कालोनाइजर ने मात्र 20 प्रतिशत कार्य कराया और उसके बाद शेष बचे कार्य को आज तक पूरा नहीं किया गया है।इसका प्रमाण पत्र इंजीनियर जीवेश पंडागरे के द्वारा प्रदान भी किया गया जिसे रेरा में प्रस्तुत भी किया गया है।वर्ष 2018 तक कालोनाइजरों के द्वारा 24 प्रतिशत कार्य पूर्ण करने का प्रमाण पत्र रामा एसोसिएट के इंजीनियर अतुल शुक्ला के द्वारा प्रदान किया गया है जिसे रेरा में दर्ज किया गया है।

इस मामले में नगर पालिका के सीएमओ ओमपाल सिंह भदौरिया ने मीडिया को बताया कि कलेक्टर के साथ राजस्व और नगरपालिका के अमले ने ग्रीन स्टेट कालोनी का निरीक्षण किया है। यहां लोगों को सुविधाएं नहीं दी गई हैं, इसलिए उनके निर्देश पर एफआईआर के लिए कोतवाली में आवेदन दिया जा रहा है।

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