कोतवाली थाने का विभीषण कौन ?
पुलिस के पहुंचने से पहले ही कसाईखाने पहुंची छापे की खबर
गोवंश वध की मिली थी जानकारी, ताला डालकर फरार हुए कारोबारी ,बैरंग लौटा पुलिस बल
बैतूल। कोठीबाजार क्षेत्र के तिलक वार्ड में संचालित कसाईखाने पर की जाने वाली पुलिस कार्यवाही होती, इससे पहले इसकी भनक संचालकों तक पहुंच गई। इसके बाद कार्यवाही के लिए पहुंचे पुलिस बल को बैरंग वापस लौटना पड़ा। कसाईखाने के बाहर हर दरवाजे पर ताला लगा हुआ देखने के बाद पुलिस खाली हाथ वापस आ गई, लेकिन संचालकों को छापे की सूचना पहले ही मिल जाने से साफ हो गया कि कोतवाली थाने में ऐसा कोई ना कोई पुलिसकर्मी जरूर है , जिसने इस गम्भीर मामले में विभीषण की भूमिका निभाई है।
गौवंश मांस का कारोबार करने की मिली थी सूचना
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोतवाली पुलिस को तिलक वार्ड में गौवंश का वध कर इसके मांस का कारोबार किए जाने की सूचना मिली थी। इसके बाद शुक्रवार सुबह 11 बजे कोतवाली थाने से पुलिस बल कसाई खाने रवाना किया गया था। पुलिस ने कसाई खाने को दो तरफ से घेरकर अंदर घुसने की रणनीति बनाई थी, लेकिन कसाईखाने के हर दरवाजे के बाहर ताले लगे हुए थे। वहीं घर के सारे लोग अंडरग्राउंड हो चुके थे। कुछ देर रुकने के बाद आखिर पुलिस बल को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा।
कोतवाली थाने का विभीषण कौन?
इस पूरे मामले में एक बात तो साफ है कि छापे की जानकारी कोतवाली के ही किसी कर्मचारी ने लीक की है, क्योंकि पुलिस विभाग में इस तरह के संवेदनशील मामलों में जानकारी प्राय: गोपनीय ही रखी जाती है। जिस तरह से शुक्रवार कसाईखाने पर सन्नाटा दिखाई दिया। आम दिनों में ऐसा कभी देखने मे नहीं आया।
स्थानीय रहवासियों के मुताबिक रोजाना और सप्ताह के शुक्रवार और रविवार यहां बड़े पैमाने पर गौ मांस बिक्री का कारोबार चरम पर होता है। दिन भर ग्राहकों की आवाजाही चलती रहती है। शुक्रवार होने के बावजूद जिस तरह कसाई खाने में सन्नाटा दिखाई दे रहा है। पुलिस कार्यवाही की सूचना कारोबारियों को पहले ही मिल चुकी थी और पुलिस बल को यहां कुछ भी हाथ नहीं लगा। विभागीय अधिकारियों को ऐसे विभीषणों को चिन्हित करने की जरूरत है जो वेतन तो शासन से ले रहे हैं, लेकिन ड्यूटी अपराधियों की निभा रहे हैं। ऐसे में दूसरी ओर विभागीय अधिकारियों को शर्मिंदगी अलग झेलनी पड़ रही है।
इनका कहना….
कार्यवाही के लिए पुलिस बल पहुंचा था, लेकिन सफलता नहीं मिली है। गोपनीय सूचना आखिर कैसे लीक हुई , इसका पता लगाया जाएगा।
शालिनी परस्ते, एसडीओपी बैतूल