रिश्वत न देने पर 11 माह का वेतन रोका, बोंदरी वन चौकी में कार्यरत कर्मी ने कलेक्टर से की शिकायत जनसुनवाई में सामने आई वेतन की पीड़ा, 20 हजार रु. घूस न देने पर रोक दिया वेतन 181 हेल्पलाइन पर शिकायत करने के बाद भी, समस्या का समाधान नहीं हुआ
रिश्वत न देने पर 11 माह का वेतन रोका, बोंदरी वन चौकी में कार्यरत कर्मी ने कलेक्टर से की शिकायत
जनसुनवाई में सामने आई वेतन की पीड़ा, 20 हजार रु. घूस न देने पर रोक दिया वेतन
181 हेल्पलाइन पर शिकायत करने के बाद भी, समस्या का समाधान नहीं हुआ
बैतूल। बोंदरी वन चौकी में 6 वर्षों से वाहन चालक के रूप में कार्यरत संजय यादव ने हाल ही में कलेक्टर के समक्ष जनसुनवाई में अपने 11 माह के बकाया वेतन को लेकर शिकायत दर्ज कराई है। यादव का कहना है कि उन्हें वर्ष 2023-24 के लिए वेतन नहीं मिला है, और इसके पीछे चौकी प्रभारी वी. आर. इवने ने रेंजर मनेंन्द्र सिंह राणा के लिए 20 हजार रुपये की घूस की मांग है।
यादव के अनुसार, जब उन्होंने चौकी प्रभारी से वेतन के बारे में पूछा, तो उन्हें बताया गया कि यदि वे 20 हजार रुपये की रिश्वत नहीं देते हैं, तो उनका वेतन जारी नहीं किया जाएगा। यादव ने 181 हेल्पलाइन पर इस मामले की शिकायत भी की थी, लेकिन वहां से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली। अधिकारी मनेंन्द्र राणा ने वी. आर. इवने को इस मामले का एल 1 जांच अधिकारी बना दिया, जिससे यादव की समस्या और बढ़ गई।
यादव ने उत्तर वन मंडल के डीएफओ से भी इस मामले की शिकायत की है, लेकिन अब तक उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है। उनका कहना है कि वे पिछले 11 महीनों से वेतन न मिलने के कारण जीवन यापन में कठिनाई का सामना कर रहे हैं, और अब वे बेरोजगार हो गए हैं।
संजय यादव ने कलेक्टर से निवेदन किया है कि उन्हें उनके पिछले 11 महीने का वेतन दिलाया जाए और उन्हें पुनः वाहन चालक के पद पर कार्यरत किया जाए। उनकी इस शिकायत ने वन विभाग में भ्रष्टाचार और वेतन वितरण में देरी के मामलों को एक बार फिर उजागर कर दिया है। संजय यादव का मामला वन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है, जहां एक कर्मचारी को उसके हक का वेतन पाने के लिए घूस देने पर मजबूर किया जा रहा है।