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कान्हावाड़ी गांव में जड़ी-बूटियों के सहारे कैैंसर का सफल इलाज नि:संतान दंपत्तियों को भी मिल रहा फायदा, देश-विदेश से इलाज के लिए पहुंच रहे हैं लोग

By,वामन पोटे

कान्हावाड़ी गांव में जड़ी-बूटियों के सहारे कैैंसर का सफल इलाज

नि:संतान दंपत्तियों को भी मिल रहा फायदा, देश-विदेश से इलाज के लिए पहुंच रहे हैं लोग
बैतूल // घोड़ाडोंगरी।। (विनोद पातरिया)।मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी तहसील के  छोटे से गांव कान्हावाड़ी में कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का इलाज निशुल्क होता है। इतना ही नही यहां आने वाले नि:संतान दंपति को संतान की प्राप्ति भी हो जाती है। कान्हावाड़ी इलाज करवाने के लिए देश भर के लोगों के साथ ही विदेश तक के लोग भी आते हैं। कान्हावाड़ी में कई वर्षों से बाबूलाल भगत सतपुड़ा की वादियों में मिलने वाली जड़ी-बूटियां से लोगों का नि:शुल्क उपचार करते हैं। यहां मिलने वाली जड़ी-बूटियों से कई कैंसर पीड़ित मरीज को बीमारी से मुक्ति मिली है। इसके साथ ही कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीज भी यहां आकर ठीक हुए हैं। बाबूलाल भगत सप्ताह में 2 दिन रविवार और मंगलवार को दवाइयां देते हैं।

तीसरी पीढ़ी भी जड़ी बूटियों से कर रही नि:शुल्क उपचार

कान्हावाड़ी के नाथूराम गोहे ने बताया कि बाबूलाल भगत कई वर्षों से जड़ी -बूटियों से कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का नि:शुल्क उपचार कर रहे हैं। बाबूलाल भगत के पहले उनके पिताजी और अब उनके भतीजे भी जड़ी -बूटियों से लोगों का उपचार कर रहे हैं। यहां हाथ -पैर दर्द से लेकर कैंसर तक का उपचार जड़ी-बूटियों के माध्यम से होता है। भगत जी के कारण रविवार और मंगलवार को गांव में बहुत भीड़ रहती है, इसके चलते गांव वालों ने रेस्टोरेंट और लॉज खोल लिया है। नाश्ते और लोगों के रुकने के कारण ग्रामीणों को रोजगार मिल गया है। कान्हावाड़ी के रामशंकर गोहे ने बताया कि भगत जी के उनके पास जड़ी-बूटियों से अपना इलाज करवाने विदेश तक के लोग आते हैं और लोगों को इसका फायदा भी मिलता है। बाद में लोग आते हैं और जानकारी भी देते हैं।

ओरल कैंसर से मिल गई निजात

नागपुर से आई मेघा टांडेकर ने बताया कि उनके पति को तीसरे स्टेज का ओरल कैंसर हो गया था, जिसका इलाज कराया गया। डॉक्टर द्वारा ऑपरेशन भी किया गया, लेकिन एक साल में दोबारा ओरल कैंसर हो जाने पर डॉक्टर ने इलाज से इनकार कर दिया। जानकारी मिलने पर कान्हावाड़ी गांव में भगत जी के पास पहुंचे। भगत जी की जड़ी बूटियों से इलाज करवाना शुरू किया, इससे उनके पति अब बिल्कुल ठीक है और वे स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत है।

बाबूलाल भगत को देने की मांग पद्म भूषण देने की मांग

महाराष्ट्र के यवतमाल से आई वर्षा इवने ने बताया कि बीपी और थायराइड की शिकायत लेकर कान्हावाड़ी आई थी। बाबूलाल भगत की जड़ी-बूटियां से दो माह में ही ठीक हो गई। बाबूलाल नि: स्वार्थ भाव लोगों की सेवा कर रहे हैं कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों का नि: शुल्क उपचार करते हैं। इसलिए सरकार को बाबूलाल भगत जी को पद्म भूषण पुरस्कार दिया जाना चाहिए।

4 साल से नहीं हो रही थी संतान,भगत जी की जड़ी बूटियों से भार गई गोद

ग्रामीण नवल सिंह धुर्वे ने बताया कि शादी के 4 साल बाद भी बहु को बच्चे नहीं हो रहे थे। यहां वहां दिखाया,लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। फिर बहू को बाबूलाल भगत जी के पास ले गए। भगत जी ने जड़ी-बूटियां दी। जिसे खाने के बाद उनकी बहू की गोद भर गई।

ऐसे पहुंचे कान्हावाड़ी

कान्हावाड़ी गांव बैतूल जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर और घोड़ाडोंगरी तहसील मुख्यालय से करीब 3 किलोमीटर दूर स्थित है। कान्हावाड़ी गांव पहुंचने के लिए रेल और सड़क मार्ग दोनों उपलब्ध है। रेल मार्ग से आने पर नागपुर – इटारसी सेक्शन के घोड़ाडोंगरी रेलवे स्टेशन पर उतरना पड़ता है। यहां से ऑटो एवं टैक्सी कान्हावाड़ी के लिए उपलब्ध रहती है। बैतूल, इटारसी, छिंदवाड़ा, भोपाल से बस से घोड़ाडोंगरी आना पड़ता है। घोड़ाडोंगरी से ऑटो और टैक्सी कान्हावाड़ी के लिए उपलब्ध है।

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