टेरम गांव में अघोषित कर्फ्यू ,गांव में उल्टी-दस्त से दो की मौत
फूड पॉइजनिंग की आशंका, 50 से ज्यादा भर्ती
बैतूल।।आदिवासी बहुल भीमपुर ब्लाक के टेरम गांव में उल्टी दस्त की बीमारी से एक युवक और एक महिला की मौत के बाद दहशत का माहौल है चार ढाने के इस गांव में 150 से ज्यादा घर है वही 1500 से ज्यादा की आबादी है।ग्रामीण उल्टी दस्त की बीमारी को भी छुआछूत जैसी बीमारी मान रहे है।बाकी तीन ढाने के ग्रामीण बीमारी से पीड़ित ढाने में आ जा भी नही रहे है।मानो वहा ग्रामीणों ने अघोषित कर्फ्यू लगा रखा हैं।बैतूल जिले के भीमपुर ब्लॉक के टेरम गांव में उल्टी दस्त के प्रकोप से 50 से ज्यादा ग्रामीण बीमार है। पिछले आठ दिन से यहां फैली बीमारी के बाद स्वास्थ्य प्रशासन ने बैतूल और भीमपुर में मरीजों को भर्ती कराया है। आशंका है की फूड पॉइजनिंग से लगातार ग्रामीणों की त बताया जा रहा है कि रक्षाबंधन से यहां ग्रामीण एक-एक कर बीमार पड़ रहे हैं। उल्टी दस्त की शिकायत के बाद आज करीब 30 ग्रामीण भीमपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराए गए है, जबकि एक दर्जन से ज्यादा ग्रामीणों को जिला अस्पताल लाकर भर्ती कराया गया है। ग्रामीनो के मुताबिक पूरा गांव ही इस समस्या से प्रभावित है। ये पानी से हो रहा है या खाने से वे कुछ भी नही बता सकते। वे ट्यूबवेल का पानी इस्तेमाल करते हैं। इधर सीएमएचओ डॉक्टर रविकांत उईके ने आशंका जताई है की गांव में एक सप्ताह से हो रही यह समस्या भोजन की वजह से हो सकती है। अक्सर ग्रामीण त्योहारों पर भोजन बनाकर रखते है जिसे कई दिनों तक खाया जाता है। इसी के दूषित होने से यह समस्या हो सकती है। अगर पेयजल से यह होता तो गांव के अन्य लोग भी बीमार होने थे, लेकिन ऐसा–
पॉइजनिंग से हो रहा है। उन्होंने गांव का दौरा किया है। पीएचई के ईई आरएल सेकवार ने भी बताया की गांव के पेयजल स्रोत जांचें गए हैं, पानी पूरी तरह सुरक्षित है।
इधर ग्राम पंचायत पीने के लिए पानी टैंकर से पहुंचा रही है जिसमे पानी शुद्ध करने के लिए दवाई डाली जा रही है ग्रामीण इस दवाई युक्त पानी पीने से भी परहेज कर रहे है वे कहते हैं की पानी बास आती है (दवाई की बदबू )।बीते दो दिनों गांव स्वास्थ्य विभाग का अमला नजर आने लगा है ।