दर्जनों गांव में खुले पड़े नलजल योजना में वाल्व के गड्ढे, कलेक्टर के निर्देश के तीन दिन बाद भी कार्यवाही नहीं मंगलवार भीमपुर दौरे पर कलेक्टर ने 24 घण्टे के भीतर गड्ढे बन्द करने के दिये थे निर्देश
By,वामन पोटे
दर्जनों गांव में खुले पड़े नलजल योजना में वाल्व के गड्ढे, कलेक्टर के निर्देश के तीन दिन बाद भी कार्यवाही नहीं
गुरुवार को भी खुले पड़े है वाल्व के गड्डे
मंगलवार भीमपुर दौरे पर कलेक्टर ने 24 घण्टे के भीतर गड्ढे बन्द करने के दिये थे निर्देश
बैतूल।। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में नलजल योजना के तहत करोड़ो रूपये किस तरह ठिकाने लगाए गए हैं इसकी बानगी मंगलवार खुद कलेक्टर नरेंद्र सुर्यवंशी ने भीमपुर दौरे में अपनी आंखों से देखा था। करीब दर्जन भर ग्रामो में नलजल योजना के तहत बनाये गए वाल्वों के गड्ढों को खुला देख कलेक्टर ने मौके पर ही पीएचई के अधीकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए 24 घण्टे के भीतर इन गड्ढों को सुरक्षित किये जाने के निर्देश दिए थे । लेकिन कलेक्टर के इस आदेश का पालन तीन दिन बाद भी नहीं किया जा सका है। इससे समझा जा सकता है कि अधिकारी कलेक्टर के निर्देशों को कितनी तवज्जो दे रहे हैं।
बताया जा रहा है कि, नलजल योजना का काम करने वाले ठेकेदार मेसर्स कोठारी इंफ्रास्ट्रक्चर को 60 प्रतिशत से ज्यादा का भुगतान भी कर दिया गया है। वो भी तब जब ग्रामवासियों ने खुद कलेक्टर को नलजल योजना में हुए घटिया कामों की जानकारी दी है। और विभाग अभी भी हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है।
दरअसल बारह गांवो में घटिया सामग्री का उपयोग कर प्रधानमंत्री नल जल योजना के कामों में गड़बड़ी का निरीक्षण करने मंगलवार
कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी भीमपुर ब्लाक में पहुंचे थे। कलेक्टर ने ग्रामीणों से शिकायत मिलने के बाद रानीखेड़ा गांव पहुंच कर नल जल योजना के कार्य को देखा जहां पानी की समस्या तो नजर आई ही बल्कि पानी सप्लाई के लिए बनाए गए वाल्वों के चेम्बर भी खुले नजर आए थे। गुस्साए कलेक्टर ने मौके पर ही पीएचई विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई थी और तत्काल पाइप वाल के गड्डे सुरक्षित करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने ठेकेदार एवं पीएचई विभाग के अधिकारियों को साफ शब्दों में कहा था की पूरे इलाके में वाल खुले न हो इन्हे 24 घण्टे के भीतर तत्काल बंद करें लेकिन आज भी इन चेम्बरों को सुरक्षित किये जाने के कोई प्रयास नहीं किये जा सके हैं।
दर्जनो गांव में खुले छोड़ दिये गए चेम्बर
रानीखेड़ा गांव में महिलाओं ने कलेक्टर को बताया था कि ठेकेदार ने नलजल योजना के तहत दर्जनों गांव में इसी तरह गड्ढे खोदकर रख दिए हैं। कई बार बच्चे इन गड्ढों में गिर चुके हैं। कई बच्चों को गंभीर चोट भी आई जिन्हें अस्पताल तक ले जाना पड़ा लेकिन ग्रामीणों की समस्या पर कोई सुनवाई तक नहीं कि जा रही है। तथ्य सामने आने के बाद कलेक्टर ने अधीकारियों से ही पूछा था कि क्या वे किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं।
वाल्व लगाने निर्धारित मापदंडों को किया नजर अंदाज
दर्जनों गांव में नलजल योजना की मट्टी पलित करने को लेकर ग्राम वासियों ने अपना पूरा गुबार उतार दिया। बताया गया कि गांवो में पाइप लाइन में लगाए गए वाल निर्धारित मापदंड के अनुसार नहीं लगाए गए हैं। यह वाल्व खोलने और बन्द करने पर लीकेज हो रहे हैं। पाइप लाइन भी निर्धारित मापदंड के तहत नही बिछाई गई है। ग्रामीणों ने कलेक्टर से साफ कहा है कि ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाए क्योंकि ठेकेदार लागत से ज्यादा पैसा सरकार से वसूल कर चुका है और अब घटिया काम का खामियाजा ग्रामीण भुगत रहे हैं।
ठेकेदार को कर दिया 70 प्रतिशत भुगतान
भीमपुर ब्लाक में नलजल योजना में किये गए घटिया काम को पीएचई के अधीकारियों ने भी गम्भीरता से नहीं लिया। ग्राम पंचायत खमापुर के सरंपच प्रेम लाल पन्द्रम का आरोप है कि,
पीएचई विभाग ने ठेकेदार को 70 प्रतिशत से ज्यादा भुगतान कर दिया है।लेकिन ब्लाक के ग्राम पलासपानी,डोरी, खामापुर,बक्का, कुनखेड़ी, टिटवी,केकड़िया कला, बाटला कला,हिडली, देसली,
महतपुर जावरा और,बेला ग्राम पंचायतों में नलजल योजना में किया गया घटिया काम ग्रामीणों के लिए फायदेमंद साबित नहीं हो सका है। अब यदि ठेकेदार को ब्लैकलिस्टेड भी किया जाता है तो इसका फायदा ग्रामीणों को मिलना नामुमकिन होगा। ग्रामीणों की मांग है कि करोड़ों रूपए की इस वित्तीय अनियमितता की जांच की जाए और ठेकेदार के खिलाफ सीधे सरकारी राशि का दुरुपयोग करने का आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए।
इनका कहना
चेम्बरों को सुरक्षित किये जाने के निर्देश दिए गए हैं। अधीकारियों से जानकारी लेकर ही कुछ बताया जा सकता है।
आरएन सेकवार, ईई पीएचई बैतूल