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बैतूल ब्लॉक में भी जल जीवन मिशन के बुरे हाल, नलजल योजना के नाम पर ले लिए 5 नए बिजली कनेक्शन

By,वामन पोटे (बैतूल वार्ता )

नलजल योजना के नाम पर ले लिए 5 बिजली कनेक्शन

विभाग की लापरवाही  पंचायत बनीं कर्जदार, बैतूल ब्लॉक में भी योजना के बुरे हाल

केंद्र सरकार की ओर हर घर पानी पहुंचाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बनाई गई जल जीवन मिशन योजना में राजनेताओं का गठजोड़, अधिकारियों की लापरवाही और ठेकेदारों की बेईमानी साफ नजर आने लगी है

बैतूल 15 अगस्त 2019 को ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों को उनके घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत नलजल योजना का शुभारंभ करते हुए करोड़ों-अरबों रुपए का बजट भी दिया था, लेकिन 4 साल बाद भी योजना का अस्तित्व आधा-अधूरा पड़ा हुआ है। बैतूल ब्लॉक में भी इस योजना को अब तक अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है और ग्रामीण योजना के नाम पर फैलाए गए तामझाम और कबाड़ हो रहे उपकरणों को देख-देखकर अपने आप को कोस रहे हैं। जिले के अधिकांश ब्लॉकों में आधी-अधूरी पड़ी नलजल योजना को लेकर अब ग्रामीणों ने भी अपने सुर मुखर करने शुरु कर दिए हैं।

लीकेज हो रहे वाल्व- टूट रहे खुले चेंबर ,पानी की टंकी शोपिस बनीं

बैतूल ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत खड़ला में नलजल योजना को लेकर पीएचई विभाग और ठेकेदारों ने मिलकर जमकर पलीता लगाया है। जल जीवन मिशन के तहत ग्राम पंचायत में एक-दो नहीं बल्कि 5 बिजली कनेक्शन ले लिए गए है। एक साल से लगे हुए ट्रांसफार्मर आज तक चालू नहीं हो पाए हैं। योजना जहां आधी-अधूरी पड़ी हुई है, वहीं पाइप लाईन भी सीधे पुराने बोर से जोड़ दी गई हैं। ग्राम पंचायत के तीनों गांव में दर्जनों जगहों पर पाइप और वॉल्व लीकेज हो रहे है। योजना के नाम पानी की टंकी और सम्पवेल बनाएं दो साल गुजर चुके हैं, लेकिन पूरा गांव आज भी नलों में शुद्ध पेयजल आने का इंतजार कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि पुरानी योजना के क्रियान्वयन से थोड़ा बहुत पानी तो मिल रहा है, लेकिन इसकी सप्लाई भी तीन दिन के अंतराल के बाद की जा रही है और ग्रामीणों को पानी के लिए पूरे वर्षभर इधर-उधर भटकना पड़ता हैं।

बिजली के काम में भी मापदंड को किया नजरअंदाज

नलजल योजना को किस तरह पलीता लगाया गया है। इसकी बानगी नयेगांव में देखी जा सकती है। यहां बिजली के दो ट्रांसफार्मर तो लगाए गए, लेकिन अनुबंध के मुताबिक ट्रांसफार्मर के चारों तरफ ना ही फेंसिंग लगाई गई है और ना ही एबी स्वीच लगाए गए है। इसी तरह खड़ला में भी ट्रांसफार्मर खुले पड़े हुए है, जिससे कभी भी ग्रामीण गंभीर घटना का शिकार भी हो सकते है। नियम विरूद्ध तरीके से सड़क क्रॉस कर 11 केवी के तार खींच दिए गए, यानी कि बिजली का काम भी मापदंड के मुताबिक नहीं किया गया।

पंचायत को थमा दिया 5 लाख का बिजली बिल

आधी-अधूरी पड़ी योजना को लेकर पंचायत के सरपंच अंकित ठाकरे ने बताया कि पीएचई विभाग को कई बार योजना में घटिया निर्माण और धांधली बरते जाने की शिकायतें की गई, लेकिन अधिकारी सुनवाई के लिए तैयार नहीं है। नलजल योजना में 7 बिजली की मोटरों का बिल बिजली विभाग द्वारा प्रतिमाह थमाया जा रहा है।
मार्च माह से अब तक पंचायत के ऊपर लगभग 5 लाख रुपए का बिल बकाया हो चुका है। पीएचई को यह लिखकर दिया गया है कि जलजीवन मिशन के तहत 5 बिजली कनेक्शन बिना उद्देश्य की पूर्ति के पंचायत बिजली विभाग को बिल जमा नहीं करेगी, लेकिन बावजूद इसके अधिकारियों ने कोई एक्शन नहीं लिया और अभी बिजली के बिल पंचायत को ही दिए जा रहे है। जबकि योजना बीते दो सालों से आधी अधूरी पड़ी हुइ है।

इनका कहना…

मुझे नल- जल योजना में लापरवाही की शिकायत मिली है। मेरे विधानसभा क्षेत्र में इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जहां से भी शिकायत मिलती है, अधिकारियों को जवाब देना पड़ेगा।

हेमंत खंडेलवाल, विधायक बैतूल

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