जल जीवन मिशन की हो गई मिट्टी पलीत
अब जल निगम पर भी ग्रामीणों को नहीं विश्वास
बैतूल। आदिवासी बाहुल्य इलाके में करोड़ों रुपए की जल जीवन मिशन योजना को उसी पानी में बहा दी गई है, जिस पानी को ग्रामीणों के घरों तक पहुंचाया जाना था। जल जीवन मिशन के हाल बेहाल होने के बाद अब ग्रामीणों को जल निगम का पाठ पढ़ाए जाने की शुरुआत हो चुकी हैं, लेकिन नलजल योजना का सत्यानाश होने के बाद अब ग्रामीणों का जल निगम से भी विश्वास उठता नजर आ रहा है। बैतूल ब्लॉक के कुछ गांव में जब जल जीवन मिशन योजना के हालात देखे गए तो यहां भी अन्य ग्राम पंचायतों की तरह हालात खराब नजर आ रहे हैं। योजना के तहत टंकियां बनाई गई, ट्रांसफार्मर लगाए गए। ग्रामीणों के घरों तक पाईपलाईन भी बिछाई गई, लेकिन ग्रामीणों के घरों तक पानी का पहुंचना अभी भी बाकी है। हालांकि बैतूल ब्लॉक में इस योजना के अभी तक अस्तित्व में नहीं आने को लेकर बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल ने इसे काफी गंभीरता से लिया है और जल्द ही शासन-प्रशासन से पत्राचार कर पूरी योजना की जांच कराए जाने के प्रयास भी शुरु कर दिए गए है।
बोर में डाली मोटर लेकिन नहीं आ रहा पानी
बैतूल ब्लॉक की ग्राम पंचायत हथनाझिरी में हालात बिल्कुल भी ठीक नहीं है। योजना के नाम पर लाखों रुपए फूंक दिए है, लेकिन ग्रामीणों को आज तक पानी नसीब नहीं हो पाया। ग्रामीण बताते हैं कि योजना को लेकर एक के बाद एक दो बोर कर दिए गए। इसमें से एक बोर में मोटर भी डाली गई, लेकिन बावजूद इसके पानी नहीं आ पा रहा है। पूरे दो साल बीत चुके हैं, लेकिन योजना का काम अधूरा पड़ा हुआ है। कम गहराई पर मोटर डाली गई, लेकिन पानी नहीं आने के बाद मोटर को नीचे उतारने के प्रयास तक ना किया जाना कहीं ना कहीं लापरवाही दर्शा रहा है।
ठेकेदार ने तोड़ी नाली, पंचायत को बनवानी पड़ी
योजना के तहत ठेकेदार द्वारा गांव में सडक़ के किनारे बनी हुई पक्की नालियों तक को तोड़ दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि नालियां तोडऩे के बाद बारिश का पानी जब ग्रामीणों के घरों में घुसने लगा तो ग्राम पंचायत को मजबूरी में खुद नालियों का निर्माण करना पडा। नलजल योजना का जब ग्रामीणों को लाभ नहीं मिला तो जिला मुख्यालय आकर इसकी शिकायत भी अधिकारियों से की गई और पंचायत को नई पाइप लाईन खरीदने और कुओं से पानी की सप्लाई दिए जाने का फरमान सुना दिया गया। अब पंचायत को कुएं से पानी की सप्लाई करनी पड़ रही है।
करोड़ों खर्च फिर भी प्यासे ग्रामीण
ग्राम पंचायत हतनाझिरी के अंतर्गत आने वाले सभी ग्रामों में हालत खराब है। कुछ गांव ताप्ती नदी के किनारे लगे हुए है और जल जीवन मिशन योजना फेल होने के बाद दर्जनभर पंचायतों में जल निगम के तहत घुघरी जलाशय से पानी दिलाए जाने की योजना बनाई जा रही है, जिसके लिए ग्रामों का सर्वे भी कराया जा रहा है, लेकिन इसके ठीक विपरित इन गांवों में रहने वाले पढ़े लिखे युवा जिन्होंने अपनी आंखों से नलजल योजना का सत्यानाश होते देखा है। उनका कहना है कि करोड़ा रुपए खर्च करने के बाद जल जीवन मिशन योजना के ही अस्तित्व का अता-पता नहीं हैं। जल निगम के बारे में सोचना ही व्यर्थ है। आज भी हर ग्रामीण पानी की तलाश में पूरा दिन गुजार देने पर मजबूर है। रोजमर्रा के काम जैसे नहाने, कपड़े धोने आदि कामों के लिए महिलाओं को गांव के समीप बने नदी नालों पर जाना पड़ रहा है। अब यही जलस्त्रोत ग्रामीणों की दिनचर्या का हिस्सा बन चुके हैं।
इनका कहना…
मेरे संज्ञान में यह मामला प्रमुखता से है। पूर्व में कुछ ग्राम पंचायतों में पहुंचकर योजना संबंधी कार्य का जायजा लेते हुए ग्रामीणों से भी चर्चा की गई है। योजना को लेकर हालात खराब है। जल्द ही उच्च अधिकारियों से इस संबंध में पत्राचार किया जाएगा और योजना संबंधी कार्यों की सूक्ष्मता से जांच भी कराई जाएगी, ताकि दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई हो सकें।
हेमंत खंडेलवाल, विधायक बैतूल