जल जीवन मिशन योजना ग्रामीणों के लिए अभिशाप बन गई , प्रभातपट्टन ब्लॉक में 73 योजना स्वीकृत, 18 योजनाओं रिवाइज स्टीमेट पूरी योजनाएं का काम पड़ा अधूरा
By,वामन पोटे
जल जीवन मिशन योजना ग्रामीणों के लिए अभिशाप बन गई ,
प्रभातपट्टन ब्लॉक में 73 योजना स्वीकृत, 18 योजनाओं रिवाइज स्टीमेट पूरी योजनाएं का काम पड़ा अधूरा
बैतूल।मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में नल जल योजनाओं के हालात बेहद खराब होने के बाद जहां जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है तो वहीं इन योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए अब इसे जल निगम के अंतर्गत पूर्ण कराए जाने के प्रयास किए जा रहे है। प्रभातपट्टन ब्लॉक में जल जीवन मिशन के अंतर्गत कुल 73 योजनाएं स्वीकृत है, लेकिन इनमें से 18 योजनाओं का रिवाइज स्टीमेट शासन को भेजा वही पूरी 73 योजनाओं का काम आधा-अधूरा पड़ा हुआ है और यह योजना अब ग्रामीणों के लिए अभिशाप बन चुकी हैं। जिले के लगभग सभी 10 ब्लॉकों में योजनाओं का सत्यानाश हो चुका है, लेकिन जिम्मेदारों पर अभी तक कार्रवाइयां नहीं हो पाई हैं। करोड़ों-अरबों रुपए की योजना के अस्तित्व पर सवाल खड़े होने के बावजूद इसकी जांच तक नहीं कराई जा रही है।
– भोपाल और बैतूल के बीच झूल रहे रिवाइज स्टीमेट
प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रभातपट्टन ब्लॉक में कुल 73 योजनाओं पर काम शुरु किया गया था, जिसका प्राक्कलन पीएचई कार्यालय में ही तैयार किया गया, लेकिन 18 ग्राम पंचायतों में योजनाओं का काम शुरु करने के बाद बंद कर दिया गया और दोबारा यह काम शुरु ही नहीं हो पाए। बताया जा रहा है कि इन 18 ग्राम पंचायतों का रिवाइज स्टीमेट पीएचई द्वारा बनाकर भेजा गया है, लेकिन यह स्टीमेट अभी भी बैतूल और राजधानी भोपाल के बीच झूल रहा है।
– तीन साल बीते फिर भी योजना अधूरी
जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल जल योजना का कार्य ठेकेदार को देने के बाद वर्क ऑर्डर में इस योजना में पूर्ण करने की अवधि का भी ध्यान नहीं रखा गया। हालात यह है कि प्रभातपट्टन ब्लॉक में योजनाओं का तीन साल बीतने के बावजूद कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। ग्राम पंचायत बघोड़ा में हालात ठीक नहीं है, यहां बिजली की सप्लाई निरंतर नहीं होने से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गांव में डेढ़ लाख लीटर की पानी की नई टंकी बनाई गई है। गांव में स्थित कुएं से पानी लेकर सम्पवेल में भेजा जाता है, लेकिन मात्र 6 घंटे ही बिजली की सप्लाई होने से पूरे दिन में एक ही बार टंकी भरी जाती है। गांव में 500 से ज्यादा नल कनेक्शन होने से एक मोहल्ले का नंबर पूरे 9 दिन बाद ही आ रहा है। ऐसे में समझा जा सकता है कि पानी को लेकर ग्रामीण कितने परेशान हो रहे होंगे। ग्रामीणों का आरोप है कि पुरानी योजना में जो पाइप लाइन बिछाई गई थी, उसी पाइप लाइन से सप्लाई जोड़ दी गई है। नल जल योजना के तहत जहां नई पाइप लाइन बिछाई जानी थीं, वह पाइप लाइन भी ठेकेदार ने अभी तक नहीं डाली है। पुरानी पाइप लाइन खस्ताहाल होने के चलते जगह-जगह से लीकेज की समस्या भी उत्पन्न हो रही है। बताया जा रहा है कि पट्टन और मुलताई ब्लॉक की दो दर्जन से ज्यादा ग्राम पंचायतों को अब जल निगम से जोडऩे के लिए गांव में बड़े पाइपों का ढेर लगाकर अब राहत दिए जाने का वादा ग्रामीणों से किया जा रहा है और घुघरी जलाशय से पीने का पानी लाने की योजना पर काम किया जा रहा है।