हरदा फटका फैक्ट्री ब्लास्ट केस…परिजन को 15-15 लाख मुआवजा:एमपी हाईकोर्ट का फैसला; कहा- एनजीटी सभी बिंदुओं पर सुनवाई के बाद अंतिम आदेश जारी करे
By,वामन पोटे
हरदा फटका फैक्ट्री ब्लास्ट केस…परिजन को 15-15 लाख मुआवजा:एमपी हाईकोर्ट का फैसला; कहा- एनजीटी सभी बिंदुओं पर सुनवाई के बाद अंतिम आदेश जारी करे
जबलपुर/हरदा
जबलपुर हाईकोर्ट ने पटाखा फैक्ट्री को लेकर आदेश जारी किया है।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट में मरने वाले लोगों के परिजन को 15-15 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है। ये आदेश केवल मृत्यु के मामलों में मुआवजा के लिए हैं। प्रशासनिक न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की डबल बेंच ने याचिकाकर्ता फैक्ट्री मालिकों को यह छूट दी है कि वे घायलों, संपत्ति नुकसान और अन्य मदों के लिए तय मुआवजे को लेकर एनजीटी में आपत्ति उठा सकते हैं।
कोर्ट ने एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) को कहा है कि सभी बिंदुओं पर विस्तृत सुनवाई के बाद अंतिम आदेश जारी करें।
एनजीटी ने घटना के दिन ही आदेश पारित किया 6 फरवरी 2024 को हरदा की पटाखा फैक्ट्री में जबरदस्त ब्लास्ट हुआ था। इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई थी और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इसके अलावा करीब 60 मकानों को भी नुकसान पहुंचा था। एनजीटी ने घटना के दिन ही आदेश पारित किया कि मृतकों के परिजन और घायलों को मुआवजा बांटा जाए। एनजीटी ने प्रशासन को आदेश दिया था कि फैक्ट्री मालिकों की संपत्ति की नीलामी कर मुआवजे की राशि जुटाएं।
फैक्ट्री मालिक ने आदेश को HC में दी थी चुनौती
एनजीटी के इस आदेश को फैक्ट्री मालिक सोमेश अग्रवाल और राजेश अग्रवाल ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने दलील दी कि जिस दिन घटना हुई, उसी दिन एनजीटी ने आदेश दे दिया। जबकि घटना के दिन घायलों और संपत्ति नुकसान का आंकलन भी नहीं हुआ था। उन्होंने दलील दी कि कई लोग गलत तरीके से मुआवजे का दावा कर रहे हैं।
इस पर हाईकोर्ट ने कहा- याचिकाकर्ता को घायलों-पीड़ितों के वर्गीकरण (Classification), संपत्ति और मकानों के नुकसान, विस्थापन के लिए दी जाने वाली राशि के वर्गीकरण के संबंध में आपत्ति उठाने का अधिकार होगा। आपत्ति पर सुनवाई के बाद एनजीटी कानून के अनुसार उस पर विचार कर अपना आदेश सुनाएगी।