बैतूल में सरकारी धन को कुबेर का खजाना मानकर सरकारी सेवक बेधड़क लुट रहे हैं
2019 से लेकर दिसंबर 2024 तक कालेज के प्राचार्य को खबर तक नहीं लगी
परिचितों के खाते में डाले स्कॉलरशिप के 1.62 करोड़:बैतूल में 95 बैंक खातों में 3240 बार में ट्रांसफर की राशि; 3 पर केस दर्ज
बैतूल ।।
घोटालेबाजों ने प्रतिभा किरण योजना की 17 लाख 35 हजार की रकम अपने परिचितों के खातों में ट्रांसफर कर दी।
बैतूल में सरकारी धन को कुबेर का खजाना मानकर सरकारी सेवक बेधड़क लुट रहे हैं 8 महीने पहले भी विकासखंड शिक्षा कार्यालयों में
लाखों के गबन के मामले सुर्खियां बटोर चुके है ये गबन के मामले भी रिश्तेदारों के बैंक खातों से ही जुड़े थे जिनमें कई बार सरकारी धन डाला गया था जिसे भी आडिट में पकड़ा गया था ।बैतूल कालेज की गड़बड़ी भी ग्वालियर की टीम ने आठ महीने पहले ही पकड़ी थी पर कॉलेज प्रबंधन ने उसे खूब दबाने की कोशिश की परंतु अंत में बैतूल कलेक्टर को मिले पत्र में मामला आखिर उजागर हो ही गया ।
साल 2019 से लेकर अब तक के दस्तावेजों की जांच
पुलिस के अनुसार कॉलेज के प्रभारी एकाउंटेंट प्रकाश बंजारे, क्लर्क रिंकू पाटिल और प्राइवेट ऑपरेटर दीपेश डेहरिया के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने उन सभी 95 फर्जी खातों को सील कर दिया है, जिनके माध्यम से फर्जीवाड़ा किया गया. बताया जा रहा है कि इस मामले में आरोपियों की संख्या बढ़ेगी. पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है. अब तक की जांच में पुलिस को पता चला है कि 95 फर्जी खातों में 1 करोड़ 62 लाख 65 हजार का ट्रांजेक्शन किया गया है. साल 2019 से लेकर अभी तक छात्रवृत्ति योजना से जुड़े सभी दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं. अधिकांश खातों में 35 से 40 बार तक राशि डाली गई है.परंतु 2019 से लेकर दिसंबर 2024 तक कालेज के प्राचार्य को खबर तक नहीं लगी ।
बैतूल के जयवंती हक्सर कॉलेज के स्कॉलरशिप घोटाले में एक नया खुलासा हुआ है। हेरफेर की राशि डेढ़ करोड़ से बढ़कर 1 करोड़ 62 लाख हो गई है। जांच में सामने आया है कि कर्मचारियों ने कॉलेज में गांव की बेटी योजना की तरह ही शहरी छात्राओं के लिए बनी प्रतिभा किरण योजना में भी सरकारी पैसे का गबन किया है।
घोटालेबाजों ने प्रतिभा किरण योजना के 347 हितग्राहियों के हिस्से की 17 लाख 35 हजार की रकम अपने परिचितों के खातों में ट्रांसफर की है। इन्होंने उन्हीं 95 खातों में राशि भेजी है, जिसमें गांव की बेटी योजना के 2893 हितग्राहियों के 1 करोड़ 44 लाख 65 हजार ट्रांसफर किए थे। करोड़ों की राशि के हेरफेर में 3240 बार पेमेंट हुआ है।
प्रभात पट्टन से संचालित होते रहे खाते
घोटाले की जांच कर रहे कोषालय अधिकारी अरुण वर्मा के मुताबिक जांच में सामने आया कि योजना की रकम जिन 95 खातों में भेजी गई, उनमें ज्यादातर खाते जिले के प्रभात पट्टन से संचालित होते रहे हैं। इसकी वजह यह है कि घोटाले में आरोपी बनाए गए दीपेश और एक अन्य प्रभात पट्टन के रहने वाले हैं।
उन्होंने रकम को अपने परिचितों के खातों में ट्रांसफर किया है। उन्होंने कुल 3240 बार अलग-अलग खातों में रुपए भेजे हैं। घोटाले की जांच अभी जारी है। तय समय सीमा में जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपेंगे।
FIR दर्ज कर पुलिस ने भी शुरू की जांच
अब तक घोटाले की जांच उच्च शिक्षा विभाग और कलेक्टर की ओर से गठित जांच दल कर रहा था। मंगलवार को एफआईआर के बाद बुधवार से इसमें पुलिस की एंट्री हो गई है। बैतूल गंज टीआई अरविंद कुमरे ने बताया कि एसडीओपी शालिनी परस्ते के नेतृत्व में बना जांच दल घोटाले की जांच कर रहा है।
पुलिस टीम ने काॅलेज पहुंचकर खातों की जांच की है, जिसमें पता चला है कि आरोपियों ने ज्यादातर राशि अपने दोस्तों के खातों में भेजी है। आरोपियों की गिरफ्तार के प्रयास किए जा रहे हैं।
शुक्रवार को कॉलेज प्रबंधन को लगी भनक
महालेखाकार की ओर से नर्मदापुरम संभाग आयुक्त, बैतूल कलेक्टर और प्रिंसिपल जयवंती हक्सर कॉलेज को लिखे पत्र के बाद शुक्रवार को कॉलेज प्रबंधन को इस पूरे फर्जीवाड़े की भनक लगी थी। पत्र मिलने के बाद प्रिंसिपल ने उन 2 कमरों को सील करवा दिया, जिनमें गांव की बेटी योजना से जुड़े दस्तावेज रखे हुए हैं।
सोमवार को कलेक्टर की ओर से जिला ट्रेजरी ऑफिसर के नेतृत्व में 5 सदस्यीय दल को जांच के लिए कॉलेज भेजा गया। प्रिंसिपल के मुताबिक इस मामले में 1 करोड़ 44 लाख 65 हजार रुपए के संदिग्ध भुगतान का मामला सामने आया है, जिसमें 95 खातों की जांच की जा रही है। इस जांच को एक सप्ताह में कमिश्नर को सौंपा जाना है।
गांव की बेटी और प्रतिभा किरण योजना
शासन द्वारा गांव की बेटी योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं को 12वीं कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने पर प्रतिमाह 500 रुपए की आर्थिक सहायता छात्रवृत्ति के रूप में दी जाती है। एक छात्रा को 10 महीने तक करीब 5 हजार की राशि दी जाती है। प्रतिभा किरण योजना में शहरी छात्राओं को राशि दी जाती है।
आरोप है कि इस राशि में पीएमश्री जेएच कॉलेज में हेरफेर किया गया है। कॉलेज में जुलाई 2019 से सितंबर 2024 तक ऑडिट किया गया था। इस ऑडिट के दौरान गड़बड़ी सामने आई। इसके बाद ऑडिटर ने उच्च शिक्षा विभाग के कमिश्नर और महा लेखाकार को गड़बड़ी के संबंध में पत्र लिखा।
महालेखाकार ने कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी को भी गड़बड़ी की जांच करने के लिए पत्र लिखा, जिस पर कलेक्टर ने ट्रेजरी अफसर अरुण वर्मा सहित पांच सदस्यीय टीम को जांच का जिम्मा सौंपा।
एक ही खाते में कई बार राशि डाली गई
आरोप है कि यहां 95 संदिग्ध खातों में डेढ़ करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया। एक ही खाते में कई बार राशि डाली गई। ऑडिट में पकड़ी गड़बड़ी में यह सामने आया कि 2019 से लेकर 2024 तक कई संदिग्ध खातों में योजना की राशि डाली गई। ऑडिटर द्वारा इसके प्रूफ भी दिए गए।
ऑपरेटर समेत 3 कर्मचारियों पर FIR दर्ज
बैतूल गंज टीआई अरविंद कुमरे ने बताया कि गबन के इस मामले में मंगलवार रात जेएच कॉलेज की प्राचार्य विजेता चौबे की शिकायत पर कंप्यूटर ऑपरेटर दीपेश डहरिया, लिपिक सहायक ग्रेड-2 प्रकाश बंजारे और रिंकू पाटिल के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 409, 471, 120 बीऔर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
आरोप है कि ये लोग गांव की बेटी योजना में सरकार से मिलने वाली रकम दूसरे फर्जी खातों में ट्रांसफर कर देते थे। जांच में ऐसे 95 खाते सामने आए हैं। आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी। वे घोटाला सामने आते ही फरार हो गए हैं।