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लश्करे ट्रस्ट की अनुकरणीय पहल: जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा में देंगे सहयोग माता-पिता के सपनो को साकार कर रहे डॉ. मनीष लश्करे 

By, वामन पोटे

लश्करे ट्रस्ट की अनुकरणीय पहल: जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा में देंगे सहयोग

माता-पिता के सपनो को साकार कर रहे डॉ. मनीष लश्करे
बैतूल। शिक्षा के महत्व को समझते हुए और समाज के जरूरतमंद बच्चों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से लश्करे हास्पिटल चैरिटेबल एज्युकेशन प्रमोशन ट्रस्ट ने 72 गरीब बच्चों को पाठ्य सामग्री वितरित की। ट्रस्ट का उद्देश्य उन बच्चों की सहायता करना है जो आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण आवश्यक अध्ययन सामग्री नहीं खरीद पाते हैं। आज जिले के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. धरमचंद लश्करे के जनमदिन पर इस ट्रस्ट का शुभारंभ किया गया। ट्रस्ट के इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बैतूल विधायक हेमंत खण्डेलवाल, विशिष्ट अतिथि आमला विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे सहित अन्य अतिथियों की उपस्थिति में चयनित बच्चों को पाठ्य सामग्री वितरित की गई।
शब्दों में बयां नहीं कर सकते: खण्डेलवाल
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बैतूल विधायक हेमंत खण्डेलवाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि लश्करे हास्पिटल चैरिटेबल एज्युकेशन प्रमोशन ट्रस्ट के इस कार्य को शब्दों में बयां नहीं कर सकते हैं। इस कार्य के पीछे जो भावना है वो समाज के लिए एक अच्छा संदेश देती है कि कोई बच्चा आर्थिक कारणों से शिक्षा से वंचित ना रह पाए। लश्करे परिवार के द्वारा जरूरतमंद बच्चों को दी जा रही पाठ्य सामग्री और भविष्य में उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता करना बहुत ही पुण्य का कार्य है।
स्वास्थ्य सेवा में लश्करे परिवार का बड़ा योगदान: पंडाग्रे
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आमला विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि लश्करे परिवार का बैतूल के लिए बड़ा योगदान है। बैतूल जिले के सबसे पहले एम.एस डॉ. धरमचंद लश्करे थे और उन्होंने 1980 में बैतूल में पहला प्रायवेट हास्पिटल खोला था। इसके बाद उनके बेटे डॉ. मनीष लश्करे एम.डी आए और अब उनकी तीसरी पीढ़ी भी चिकित्सा के क्षेत्र में बैतूल में सेवा देने आ रही है। लश्करे परिवार के द्वारा जरूरतमंद बच्चों के लिए किया जा रहा यह कार्य बहुत ही सराहनीय है।
माता-पिता के सपने हो रहे साकार: डॉ. लश्करे
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लश्करे हास्पिटल चैरिटेबल एज्युकेशन प्रमोशन ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. मनीष लश्करे ने कहा कि एक ऐसा सपना जिसे मेरे पिता ने स्नेह और उद्देश्य से संजोया है। यह ट्रस्ट उनके दृष्टिकोण को दर्शाता है। जहां हर बच्चे को चाहे उसकी पृष्ठ भूमि कुछ भी हो अपने सपनो को पूरा करने और अपनी क्षमता को हासिल करने का अवसर देगा। मैं अपने पिता की विरासत का सम्मान करने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी महसूस करता है। उन्होंने अपना जीवन जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए समर्पित कर दिया। मेरा यह वादा है कि मैं उस काम को जारी रखूंगा।
पहले साल में 72 बच्चे चयनित
ट्रस्ट ने समाज से 6 वीं से 8 वीं कक्षा के बीच के ऐसे बच्चे चयनित किए जिनमें किसी की माता नहीं है तो किसी के पिता नहीं है और कोई गरीब बच्चा जिसने 80 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं उनको पाठ्य सामग्री के रूप में बैग, कॉपियां, जोमेट्री बाक्स, टिफिन बॉक्स, स्कूल शू, पानी की बोतल वितरित की गई। डॉ. मनीष लश्करे ने बताया कि पहले साल 72 बच्चे चयनित किए गए हैं। ट्रस्ट का उद्देश्य 6 वीं से कक्षा 10 वीं तक के बच्चों को पाठ्य सामग्री की मदद करना है। इसमें हर साल 30 नए बच्चे जोड़े जाएंगे।
कार्यक्रम में ये थे उपस्थित
कार्यक्रम में लाभान्वित होने वाले बच्चे और उनके अभिावकों के अलावा गणमान्य नागरिकों में समाजसेवी मुकेश खण्डेलवाल, राजीव खण्डेलवाल, डॉ. नमिता लश्करे, डॉ. दीप साहू, डॉ. अजय जैन, श्रीमती ममता जैन, डॉ. अनुज लश्करे, डॉ. अंकुर लश्करे, प्रमोद अग्रवाल, अधिवक्ता भरतचंद राका, जिला औषधि संघ के अध्यक्ष मंजीत सिंह साहनी, डॉ. अरूण जयसिंहपुरे, देवेंद्र चंदू गोठी, विवेक तिवारी, प्रेमशंकर मालवीय, हेमंतचंद बबलू दुबे, डॉ. जयदीप पोपली, अतीत अग्रवाल, योगी खण्डेलवाल, आलोक मालवीय, प्रदीप खंडेलवाल,डॉ. अशोक मुले, निकुंज खंडेलवाल, नीलेश खंडेलवाल डॉ. मनीष अग्रवाल, राजा गोठी, तरूण वैद्य सहित बड़ी संख्या में मौजूद थे।

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