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भैंसदेही के डॉ. निरज राठौर को इसरो प्रमुख ने किया पीएचडी डिग्री से सम्मानित

By,वामन पोटे

भैंसदेही के डॉ. निरज राठौर को इसरो प्रमुख ने किया पीएचडी डिग्री से सम्मानित
बैतूल। भैंसदेही तहसील के कौड़ीढाना गांव के रहने वाले डॉ. निरज राठौर ने जिले का नाम रोशन कर दिया है। उन्हें दुनिया की प्रतिष्ठित संस्था भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष और प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. वी. नारायणन ने डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) की उपाधि प्रदान की। यह सम्मान उन्हें 11 मार्च 2025 को कर्नाटक केंद्रीय विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह में मिला। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बट्टु सत्यनारायण, कुलसचिव प्रोफेसर आर. आर. बिरादर सहित कई विभागाध्यक्ष मौजूद रहे।
डॉ. निरज राठौर भैंसदेही शहर के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता रामदीन राठौर और बड़े भाई पंकज राठौर ने हमेशा उनकी शिक्षा को प्राथमिकता दी। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई शासकीय हाईस्कूल भैंसदेही से पूरी की और फिर बैतूल जिले के जे. एच. कॉलेज से बीएससी की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से गणित में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की।
डॉ. राठौर ने उच्च स्तरीय परीक्षाएं जैसे गेट, मध्यप्रदेश सेट , महाराष्ट्र सेट और नेट पास करने के बाद कर्नाटक केंद्रीय विश्वविद्यालय में गणित विषय में पीएचडी पूरी की। उनकी रिसर्च गणित की शाखा द्रव गतिकी (फ्लुइड डायनामिक्स) पर केंद्रित रही, जिसमें उन्होंने रक्त संचार और शरीर की नाड़ियों में होने वाले विभिन्न रोगों का अध्ययन किया। उन्होंने नैनोकणों की सहायता से कैंसर, रक्त के थक्के और अन्य बीमारियों के उपचार पर भी रिसर्च की।
पीएचडी के दौरान डॉ. निरज राठौर को दुनिया के टॉप 1 प्रतिशत वैज्ञानिकों में शामिल डॉ. एन. संदीप का मार्गदर्शन मिला। उनकी रिसर्च 11 अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स और 3 बुक चैप्टर में प्रकाशित हुई। उन्होंने 6 अंतरराष्ट्रीय और 5 राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलनों में अपनी रिसर्च प्रस्तुत की। वर्ष 2022 में कर्नाटक केंद्रीय विश्वविद्यालय ने उन्हें सोलर एनर्जी से चलने वाली कारों पर नई रिसर्च के लिए प्रथम पुरस्कार दिया था।
वर्तमान में डॉ. निरज राठौर कर्नाटक केंद्रीय विश्वविद्यालय में लेक्चरर के रूप में कार्यरत हैं और स्नातक व स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को पढ़ाने के साथ आगे की रिसर्च कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की कई संस्थाएं और केंद्रीय विश्वविद्यालय पीएचडी के दौरान आर्थिक सहायता प्रदान करते हैं, जिससे छात्रों को उच्च शिक्षा में मदद मिलती है। उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि वे सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर अपने-अपने क्षेत्रों में समाज के विकास और भारत को सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र बनाने में योगदान दें।

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