तवा वन कोयला खदान में घुसे बदमाश, सर्चिंग करने उतरी पुलिस और डब्ल्यूसीएल सिक्युरिटी
कामगारों में मचा हड़कंप, प्रबंधन की मुश्किल बढ़ी
बैतूल / सारनी।
डब्ल्यूसीएल पाथाखेड़ा की कोयला खदान पर एक बार फिर बदमाशों ने धावा बोल दिया है। खदान के अंदर दो बदमाशों के होने की बात पुलिस और सुरक्षा विभाग द्वारा कही जा रही है। जबकि दो बदमाश मौके का फायदा उठाकर भाग निकले। बदमाशों की तलाश में पुलिस का 9 सदस्यी दल खदान में उतरा। जिन्हें खदान के अंदर कटा हुआ केबल और पद चिन्ह मिले हैं। इसके बाद सुरक्षा विभाग की टीम भी खदान में उतरी और सर्चिंग में जुटी है। खदान के भीतर बदमाशों की मौजूदगी से कोयला कर्मियों में दहशत का माहौल है। दरअसल बदमाश हथियार से लैस रहते हैं। जबकि कोयला कामगार लाठी के भरोसे हैं। ऐसे में कोयला कामगारों की सुरक्षा भी सवालों के घेरे में है। वही डब्ल्यूसीएल पाथाखेड़ा प्रबंधन द्वारा कोयला उत्पादन को महत्व देते हुए खदानों में मेन पावर उतार दिया। तवा वन कोयला खदान के दो मुहाने हैं। दोनों के मुहानों पर पुलिस और सुरक्षा विभाग की टीम तैनात हैं। कोयला खदान में बढ़ती वारदात से पुलिस विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। दरअसल कोयला खदान में कॉपर केबल, स्पेयर पार्ट्स और स्क्रैप के लिए चोर बदमाश घुसते हैं। खदान की लंबाई करीब साढे 4 किलोमीटर है। खदान में बिना सुरक्षा प्रवेश करना खतरों से भरा है। बावजूद इसके बदमाश बिना किसी सुरक्षा सामग्री के खदान में आसानी से प्रवेश कर वारदात को अंजाम देकर लौट आते हैं। इससे डब्ल्यूसीएल पाथाखेड़ा प्रबंधन की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। बहरहाल खदान में बदमाशों की मौजूदगी से कोयला खदान प्रबंधन और पुलिस प्रशासन खासा चिंतित है।
पहले भी कोयला खदान में चोरी होने और कामगारो को बंधक बनाए जाने के मामले में आईजी दीपिका सूरी ने बैतूल के सारणी टीआई आदित्य सेन, सारणी के पाथाखेड़ा चौकी प्रभारी राकेश सरेआम, और एक एएसआई जीपी बिल्लोरे को निलंबित कर दिया था।