बंगाली डॉक्टर ने उखाड़ दी दर्द वाली छोड़ कर दूसरी दाढ़, विशेषज्ञ को दिखाया तो बता दिया कैंसर
बैतूल
बैतूल जिले के ग्रामीण अंचलों में आज भी लोग उन कथित डॉक्टरों के भरोसे रहते हैं जो गांव में घूम-घूम कर इलाज करते हैं। इनमें अधिकांश के पास न कोई वाजिब डिग्री होती है और न ही कहीं कोई रजिस्ट्रेशन होता है। बाजदूर इसके वे न धड़ल्ले से इलाज करते हैं बल्कि कुछ तो बाकायदा क्लिनिक खोल कर बैठ जाते हैं। इनकी खासियत होती है कि बीमारी कितनी भी गंभीर हो, वे इलाज से कभी मना नहीं करते हैं।
यह बात अलग है कि छोटी-मोटी बीमारी तो साधारणतया: सुधर जाती है, लेकिन गंभीर बीमारी में हालात कई बार बिगड़ जाते हैं। ऐसा ही कुछ हाल भीमपुर ब्लॉक के ग्राम चोहटा निवासी गोविंद पिता लाला अखंडे के साथ हुआ है। उनकी दाढ़ में दर्द था। उन्होंने एक बंगाली डॉक्टर से इसका इलाज कराया। लेकिन, मर्ज ठीक होने के बजाय और बढ़ गया। उनकी हालत तब और खराब हो गई जब उन्होंने एक विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाया। यहां उन्हें कैंसर बता दिया गया है।
चोहटा निवासी बुजुर्ग गोविंद अखंडे ने बताया कि उन्हें दाढ़ में दर्द था। इस पर उन्होंने गांव में आने वाले बंगाली डॉक्टर को दिखाया। उसने उनकी दाढ़ उखाड़ दी। इसके बावजूद उनका दर्द कम नहीं हुआ बल्कि बढ़ता ही गया। इस पर वे महाराष्ट्र परतवाड़ा में स्थित गोठवाल मल्टीस्पेशलिटी डेंटल हॉस्पिटल गए। वहां उन्होंने डॉ. दिलीप गोठवाल को अपनी समस्या बताई।
गोविंद अखंडे के अनुसार डॉ. गोठवाल ने जांच की और बताया कि पहले गलत दाढ़ उखाड़ दी गई है। उसी के चलते अब कैंसर हो चुका है। यह सुनते ही उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई। अब उनका इलाज परतवाड़ा में चल रहा है। उसमें काफी अधिक राशि लग रही है। इस बारे में जब उन्होंने बंगाली डॉक्टर को जानकारी दी और इलाज करवाने को कहा तो वह टालता रहा। इसके बाद गांव छोड़ कर ही भाग गया है।
झल्लार थाना पहुंचे रिपोर्ट दर्ज करवाने
बंगाली डॉक्टर द्वारा गलत इलाज करने और फिर उचित इलाज नहीं करवाने पर पीड़ित बुजुर्ग रिपोर्ट करने झल्लार थाना भी पहुंचे थे। हालांकि तब चुनावी व्यस्तता के चलते रिपोर्ट नहीं लिखी गई थी। अब वह बुधवार को पुन: झल्लार थाना जाएंगे और रिपोर्ट दर्ज करने की गुहार लगाएंगे। बुजुर्ग गोविंद कहते हैं कि उन्हें इस हाल में पहुंचाने वाले डॉक्टर के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करवाना चाहते हैं।