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नगरीय निकाय चुनाव प्रचार तेज तीन निकाय में 6जुलाई को मतदान

Waman Pote

नगरीय निकाय चुनाव प्रचार तेज
तीन निकाय में 6जुलाई को मतदान
बैतूल ।। जिले के सात नगरीय निकायों में दो चरण में चुनाव होना है। पहले चरण के लिए तीन निकायों में छह जुलाई को मतदान होना है। इसे देखते हुए इन जगहों पर प्रचार अभियान तेज हो गया है। पहले चरण में भाजपा और कांग्रेस के लिए बैतूल नगर पालिका के 33 वार्डों में जीत दर्ज करना प्रतिष्ठा का सवाल है। इसी के चलते भाजपा और कांग्रेस के नेताओं द्वारा टिकट वितरण से लेकर प्रचार अभियान तक की रणनीति तैयार की गई है। कांग्रेस में स्थानीय विधायक की पसंद को तरजीह देते हुए प्रत्याशियों का चयन किया गया है। इसी कारण से जिला मुख्यालय की नगर पालिका में जीत दर्ज कराना उनकी साख का सवाल है। इसी तरह भाजपा ने बूथ स्तर पर पेज प्रभारी तक बनाकर लगातार एक साल से मेहनत की है। इस कारण पार्टी के द्वारा 33 वार्डों में कैसे जीत हासिल होगी इसकी रणनीति बनाई जा रही है।

भाजपा के जिला प्रभारी से लेकर प्रमुख पदाधिकारियों के द्वारा हर स्तर पर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए जतन किए जा रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस के घोषित प्रत्याशियों को दो मोर्चों पर लड़ाई लड़ना पड़ रहा है। टिकट न मिलने के कारण असंतुष्ट हुए कार्यकर्ताओं को अपने पक्ष में करने के साथ ही जो बागी होकर मैदान में उतर गए हैं उनसे भी मुकाबला करना पड़ रहा है। बैतूल नगर के हर वार्ड में प्रत्याशी घर-घर जाकर मतदाताओं से सहयोग मांग रहे हैं। सबसे अधिक जोर वे प्रत्याशी लगा रहे हैं जिन्हें अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचना है। बैतूल नगर पालिका में अध्यक्ष का पद अनारक्षित महिला के लिए आरक्षित होने से कांग्रेस और भाजपा के संभावित दावेदार हर कीमत पर पार्षद का चुनाव जीतने के लिए प्रयास करने में जुटे हैं। नगर के हर वार्ड में दो दिन से यह स्थिति बन रही है कि मतदाताओं के दरवाजे पर कुछ घंटे के भीतर ही प्रत्याशी दस्तक देने का काम कर रहे हैं। मतदाता बेहद शांति के साथ सभी को सहयोग देने का पूरा भरोसा भी दिला रहे हैं।

स्थानीय मुद्दे गायब

नगरीय निकाय चुनाव में मैदान में उतरे प्रत्याशियों के द्वारा मतदाताओं की परेशानी दूर करने का न तो भरोसा दिलाया जा रहा है और न ही कोई घोषणा ही की जा रही है। वार्ड की जर्जर सड़कें, सड़क पर बहता पानी, रात में छाया रहने वाला अंधेरा हो या फिर अन्य समस्याएं हों। किसी के द्वारा भी जनता के बीच जाकर विकास करने का दावा नहीं किया जा रहा है। नगर के पिछड़े वार्डों में तो मतदाता उनसे सहयोग मांगने वालों को आईना भी दिखा रहे हैं लेकिन किसी भी प्रत्याशी के द्वारा अपना संकल्प पत्र तक घोषित नहीं किया गया है। नगर के गोठाना क्षेत्र में लोगों ने तो यह तय कर लिया है कि वे ट्रेचिंग ग्राउंड की परेशानी दूर करने का भरोसा दिलाने वाले को ही अपना मत देंगे। इसी तरह की एकजुटता हाथी नाले पर अतिक्रमण के कारण जिन क्षेत्रों में वर्षा का पानी भरा जाता है वहां के लोगों द्वारा भी दिखाई जा रही है।

निकायों में इतने मतदाता करेंगे मतदान

जिले में पहले चरण में बैतूल और आमला नगर पालिका के अलावा शाहपुर नगर परिषद के लिए भी चुनाव होना है। बैतूल नगर पालिका के 33 वार्ड में कुल 85169 मतदाता हैं। इनमें 42917 पुरुष, 42240 महिला एवं 12 अन्य मतदाता शामिल हैं।नगर पालिका परिषद शाहपुर के 15 वार्ड में 7003 मतदाता हैं। इनमें 3505 पुरुष, 3498 महिला मतदाता शामिल हैं। नगर पालिका आमला के 18 वार्ड में 22978 मतदाता हैं। इनमें 11561 पुरुष और 11415 महिला एवं दो अन्य मतदाता शामिल हैं। बैतूल नगर पालिका के 33 वार्ड में वर्ष 2014 में 73397 मतदाता थे।

अध्यक्ष पद के संभावित दावेदार कर रहे कड़ी मेहनत

बैतूल नगर पालिका  अध्यक्ष पद महिला के लिए आरक्षित है। इसी कारण से दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों ने संभावित अध्यक्ष के दावेदारों को मैदान में उतारा है। 28 साल बाद अप्रत्यक्ष प्रणाली से हो रहे नगरीय निकाय चुनाव में इस बार नगर पालिका और नगर परिषद में अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों के द्वारा ही किया जाना है। इसे देखते हुए भाजपा से पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष पार्वती बारस्कर, भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष ममता मालवीय और पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष रजनी वर्मा को टिकट दी है। भाजपा की ओर से इन्हें ही अध्यक्ष पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। इसी तरह कांग्रेस ने भी बैतूल नगर पालिका पर कब्जा जमाने के लिए कांग्रेस नेता डैनी भावसार की पत्नी सारिका भावसार, पूर्व पार्षद जमुना पंडाग्रे और पूर्व पार्षद निर्मला सोनी को टिकट दिया है।

 

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