Shankh Prakshalan: अग्रसेन योग केन्द्र में सिखाई जा रही शंख प्रक्षालन क्रिया, जाने क्या है शंख प्रक्षालन
- Waman Pote
बैतूल। श्री अग्रसेन महाराज योग केन्द्र विनोबा नगर में वारिष्ठ योग प्रशिक्षक रोशन मौखेड़े के सानिध्य में साधक शंख प्रक्षालन सहित अनेक सूक्ष्म योगिक क्रियाओं को सीख रहे हैं। श्री मौखेड़े द्वारा साधकों को उच्च स्तरीय योग अभ्यास की जानकारी भी दी जा रही है।
योग केंद्र के संचालक अनिल राठौर ने बताया कि योग केंद्र में प्रातः 6 से 7 बजे तक नियमित कक्षायें संचालित होती है। जिसमें सर्वप्रथम योग साधक को जलनीति व कुंजल क्रिया कराई जाती है। उसी के पश्चात् योगासन व अन्य क्रियायें प्रारंभ की जाती है। योग साधकों को 5 क्रियाओं द्वारा शंख प्रक्षालन कराया जाता है।
उन्होंने बताया कि यह ही मात्र ऐसी क्रिया है, जो मुँह से लेकर मलद्वार तक की सफाई करती है। पेट की कृमि एवं आँतों में पनपने वाले अमीबा को यह बाहर निकाल देता है और नुग्न पाचक रसो को श्रावित कर पाचन संस्थान का कायाकल्प कर देता है। वात दोष, पित्त दोष, कफ दोष, रक्त दोष दूर करता है। मुँह से निकलने वाली दुर्गन्ध का नाश होता है। इस क्रिया के बाद आसन, प्राणायाम, मुद्रा, बन्ध, ध्यान में विशेष लाभ मिलता है एवं आलस्य दूर होता है।
शंख प्रक्षालन क्या है
सावधानियाँ
दूध एवं दूध से बनी सामग्री मिर्च मसाले खटाई तथा गरिष्ट आहार का शंख प्रक्षालन के बाद एक सप्ताह तक प्रयोग वर्जित है। इस क्रिया के पहले एवं बाद में कुंजलक्रिया एवं जलनेति अवश्य करे ताकि मुख से लेकर उदर प्रदेश एवं नाक तक की सफाई हो जाये। यदि उपरोक्त विधि व सांवधानियों का पालन किया जाए तो मोटापे से पीड़ित व्यक्ति का वजन सप्ताह भर में 3 से 4 किलो तक कम हो जाता है और दुबले पतले क्षीण काय व्यक्ति में नवीन ऊर्जा का संचार होता है। योग केंद्र में रोशन मौखेड़े, अनिल राठौर, उमाशंकर बारस्कर, श्यामराव बारस्कर, धोटे ने शंख प्रक्षालन किया।