अब निद्रा से जागा जिला प्रशासन:कलेक्टर ने की अब अपील,
नदी-नालों से निकाल रहे वाहन, रोक टोक के लिए नहीं कहीं कोई प्रशासनिक इंतजाम
•By वामन पोटे,
बैतूल Betul Varta:
बैतूल कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने जिले में लगातार हो रही वर्षा को देखते हुए आमजन से सजगता बरतने की अब अपील कर रहे हैं। कलेक्टर श्री बैंस का दावा है कि प्रशासन की तरफ से पुल-पुलियाओं पर सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए हैं, परन्तु आमजन एवं वाहन चालकों से भी अपेक्षा है कि वे जलमग्न पुल-पुलियाओं, सड़कों पर से वाहन नहीं निकालें और न ही पैदल पार करें। वाहन चालक को ऐसे स्थानों को पार करने के लिए बाध्य भी नहीं करें। सवारी वाहन चालकों से भी इस दिशा में विशेष सावधानी रखने का कहा गया है।
कलेक्टर श्री बैंस ने कहा है कि जान-माल की सुरक्षा के लिए प्रत्येक व्यक्ति को सावधानी बरतना जरूरी है। सभी से अपेक्षा है कि जलमग्न पुल-पुलियाओं/सड़कों को पार कर अपनी जान जोखिम में न डालें। यदि कोई वाहन चालक लापरवाही पूर्वक इस तरह जलमग्न पुल-पुलिया/सडक़ पार करते पाया जाता है तो उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
जिले में लगातार वर्षा का दौर जारी है। इससे नदी-नालों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। बाढ़ में बहने से हाल ही में जिले के 9 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इतना होने के बावजूद लोगों ने कोई सबक नहीं लिया है। दूसरी ओर प्रशासनिक इंतजाम भी केवल कागजों में या फिर मुंह जुबानी ही नजर आ रहे हैं। जमीन पर यह इंतजाम कहीं भी नजर नहीं आ रहे हैं।
यही कारण है कि अभी भी लोग उफनते नदी और नाले पार कर अपनी जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्हें रोक-टोक करने कोई मौके पर उपलब्ध नहीं होता। जान से खिलवाड़ किए जाने का ऐसा ही एक वीडियो जम कर वायरल हो रहा है। यह वीडियो बैतूल बाजार से आरूल मार्ग का बताया जा रहा है।
दरअसल, गुरुवार को दोपहर बाद हुई झमाझम वर्षा से माचना नदी में उफान आ गया। इससे इस मार्ग पर माचना नदी के पुल पर से तीन से चार फीट पानी बहने लगा। इस दौरान न तो ग्राम पंचायत का अमला पुल पर नजर आया और न ही प्रशासन ने जिन्हें जिम्मेदारी देने का दावा किया था, वे ही तैनात रहे। इससे लोग जान हथेली पर रखकर आवाजाही करते रहे।
हद तो यह हो गई कि एक ही बाइक पर तीन लोग बैठकर पुल पार करते नजर आए। वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि बाढ़ का पानी घुटनों से ऊपर और तेज रफ्तार से जा रहा है। इसके बावजूद यह बाइक सवार बाइक निकाल रहे हैं। यही नहीं एक पेड़ भी बीच में पड़ा हुआ था। उसे भी काफी मशक्कत के साथ बाइक सवारों ने पार किया।
इस दौरान यदि थोड़ी भी चूक होती तो निश्चित रूप से एक बड़ा हादसा हो जाता। पर इसकी चिंता किसी को भी नजर नहीं आई। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस पुल पर कई बार हादसे हो चुके हैं। एक वृद्धा भी दो साल पहले पुल पर बाढ़ के दौरान पार करते समय बह गई थी। इसके बाद भी प्रशासन के द्वारा सुरक्षा के कोई इंतजाम ही नहीं किए जा रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि अभी तो सापना जलाशय भराया नही है। यदि जलाशय लबालब हो गया तो फिर हल्की वर्षा से ही माचना नदी में जलाशय के वेस्टवियर से निकलने वाले पानी के कारण बाढ़ की स्थिति निर्मित हो जाएगी। ऐसे में पुल के दोनों ओर सुरक्षा के इंतजाम करने की महती जरूरत है।
वैसे तो प्रशासन ने वर्षा पूर्व इंतजामों को लेकर बैठकें भी की और सुरक्षा के इंतजाम करने के तमाम दावे भी किए थे। अब जब वर्षा से नदी-नाले उफन रहे हैं तो हकीकत उजागर हो रही है। कहीं पर भी सुरक्षा के इंतजाम नजर ही नहीं आ रहे हैं। नदी-नालों में बाढ़ के बाद भी लोग बिना रोकटोक के आवाजाही कर रहे हैं।
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