दिल्ली के जंतर मंतर पर 25 जुलाई को धरना देंगे जिले के कोल पेंशनर जिला प्रशासन को 5 सूत्रीय मांगों का सौंपा ज्ञापन
By वामन पोटे बैतूल वार्ता
दिल्ली के जंतर मंतर पर 25 जुलाई को धरना देंगे जिले के कोल पेंशनर
जिला प्रशासन को 5 सूत्रीय मांगों का सौंपा ज्ञापन
कर्मचारी भवन में मासिक बैठक आयोजित, बनाई रणनीति
बैतूल। कोल माइंस पेंशनर एसोसिएशन एचएमएस की मासिक बैठक शुक्रवार को कर्मचारी भवन में आयोजित की गई। एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष दिनकर साहू ने बताया कि ऑल इंडिया कोल पेंशनर एसोसिएशन के संयोजक पीके सिंह राठौड़ के आह्वान पर कोल माइंस पेंशनर एसोसिएशन एचएमएस के तत्वाधान में नई दिल्ली के जंतर मंतर में 25 जुलाई को विशाल धरना दिया जाएगा। धरने की तैयारियों को लेकर पेंशनरों ने बैठक में रणनीति बनाई। बैठक के बाद कलेक्टर को प्रधानमंत्री एवं कोयला मंत्री भारत सरकार नई दिल्ली के नाम कोल पेंशनरों द्वारा 5 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन के माध्यम से पेंशनरों ने लगभग 5.25 लाख पेंशनरों के निम्नलिखित मांगों पेंशन रिवीजन प्रत्येक 3 वर्षों के अनुपात में वर्ष 1998 से वर्ष 2022 तक 24 वर्षों का रिवीजन कर भुगतान किया जाए, महंगाई भत्ता पेंशन के साथ जोड़ कर दिया जाए, पेंशन बेसिक का 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत किया जाए, कर्मचारी पेंशनर को डोमेस्टिक मेडिकल एलाउंस 3 हजार प्रति माह वेतन पेंशन के साथ जोड़ कर दिया जाए, 5 मार्च 2017 से अप्रैल 2018 तक जो कर्मचारी रिटायर हुए हैं उनको भी ग्रेजुएटी का लाभ दिए जाने की मांग की।
–अशोक महासचिव नियुक्त–
बैठक के दौरान अध्यक्ष दिनकर साहू की अनुशंसा पर महामंत्री डीआर झरबड़े ने अशोक सेलकरी को मुलताई शाखा के महासचिव पद पर नियुक्ति किया।अशोक को मुलताई शाखा के महासचिव बनाए जाने पर अजय सिंह राजपूत, पूरन लाल मालवीय, मानिकराव कापसे, रामदास, विजय वर्मा, नारायण मिश्रा, भीमराव गावंडे, उमराव उबनारे, रामभरोसे पूर्वे, रायमल वरवड़े, शिवदयाल चौकीकर, चतुर सिंह पाल, नारायण सातनकर, भोजराज वागद्रे ने बधाई दी है।
–173 से लेकर 1 हजार रुपए मिल रही पेंशन–
एशोसिएशन के बैतूल अध्यक्ष डीके साहू ने बताया कि अक्टूबर 2015 से संघ लगातार भारत सरकार कोयला मंत्री से कोल पेंशनरों की मांगों को लेकर पत्राचार किया गया, वहीं दिसंबर 2019 में जंतर मंतर नई दिल्ली पर धरना तथा फरवरी 2021 को कोयला खान भविष्य निधि आयुक्त कार्यालय धनबाद पर भी एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया, लेकिन आज पर्यंत तक पेंशनरों की मांगों को पूर्ण नहीं किया गया। इसके अलावा अनेकों बार कोयला मंत्री भारत सरकार एवं बीओटी को पत्राचार किया गया, परंतु दु:ख के साथ कहना पड़ रहा है कि कोल पेंशन स्कीम 1998 में पेंशन संशोधन का पेंशन रिवीजन पेंशन संशोधन प्रत्येक 3 वर्षों में होना तय है। साथ ही डीए के साथ जोड़ कर देना है। आज भी सैकड़ों पेंशनरों को 173 से लेकर 1 हजार रुपए पेंशन मिल रहा है। महंगाई के इस दौर में पेंशनरों को अपना जीवन यापन करना बहुत ही मुश्किल हो रहा है।