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बैतूल नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए जोड़-तोड़ शुरू:पार्वती बारस्कर, रजनी वर्मा, ममता मालवीय और कल्पना बंडू ने ठोंकी दावेदारी

By वामन पोटे बैतूल वार्ता

बैतूल नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए जोड़-तोड़ शुरू:पार्वती बारस्कर, रजनी वर्मा, ममता मालवीय और कल्पना बंडू ने ठोंकी दावेदारी

बैतूल।।

बैतूल जिले के नगरीय निकायों के चुनाव परिणाम सामने आने के बाद अब अध्यक्ष पद के लिए जोड़तोड़ शुरू हो गई है। बैतूल नगर पालिका का अध्यक्ष पद इस बार अनारक्षित महिला के लिए आरक्षित है। 33 वार्ड में से 23 पर भाजपा को जीत मिली है, जिससे अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद पर भाजपा समर्थित ही काबिज होगा।

बैतूल नगर पालिका में अध्यक्ष का पद अनारक्षित महिला के लिए आरक्षित है। भाजपा के 23 जीतने वाले पार्षदों में 13 महिलाएं हैं। इनमें पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष और कुंबी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली पार्वती बारस्कर इस बार भी अध्यक्ष पद के लिए प्रबल दावेदार हैं। दूसरी बार प्रताप वार्ड से चुनाव जीतने वाली पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष रजनी वर्मा भी नगर पालिका अध्यक्ष के लिए दावेदार हैं। इनके अलावा अध्यक्ष पद के लिए भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष और नव निर्वाचित पार्षद ममता मालवीय के साथ कुंबी समाज की कल्पना बंडू धोटे का नाम भी अध्यक्ष पद के दावेदारों में प्रमुखता से लिया जा रहा है।

पार्टी से जुड़े सूत्रों की माने तो आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस बार सामाजिक समीकरण भी अध्यक्ष के चयन का आधार बनेंगे। बैतूल विधानसभा क्षेत्र में कुंबी समाज के मतदाताओं की खासी संख्या के कारण भाजपा इस समाज को अधिक से अधिक प्रतिनिधित्व देने की दिशा में काम भी कर रही है। यदि पार्टी स्तर पर यह मापदंड अपनाया गया तो पूर्व नपाध्यक्ष पार्वती बारस्कर को एक बार फिर से नगर सरकार चलाने का मौका मिल सकता है। वे पार्षद पद के चुनाव के साथ ही जिस तरह खुद को अध्यक्ष के तौर पर प्रचारित कर रही थीं।

नगर पालिका में उपाध्यक्ष की कुर्सी पर पहुंचने के लिए भी कई दावेदार हैं। भाजपा के जो 10 पुरुष पार्षद का चुनाव जीते हैं, उनमें प्रमुख रूप से पूर्व नपाध्यक्ष आनंद प्रजापति इस बार भी फिर से उपाध्यक्ष बनना चाहेंगे। कुंबी समाज का अध्यक्ष बनाए जाने की दशा में वरिष्ठ नेता तरुण ठाकरे का उपाध्यक्ष बनने का दावा कमजोर हो सकता है। आम्बेडकर वार्ड से महेश राठौर और टैगोर वार्ड से जीत दर्ज करने वाले पूर्व नपाध्यक्ष अलकेश आर्य के खास समर्थक नितेश परिहार का नाम भी दावेदारों में प्रमुखता से लिया जा रहा है।
एक संभावना पार्टी के भीतर यह भी जताई जा रही है कि जिस तरह से जवाहर वार्ड से सामान्य वर्ग के स्थान पर आदिवासी वर्ग से विकास प्रधान को पार्षद का टिकट दिया गया था उसी तरह से उनके जीतने के बाद उपाध्यक्ष का पद आदिवासी वर्ग को दे दिया जाए। इससे भाजपा एक साथ कुंबी और आदिवासी वर्ग को साधने का प्रयास कर सकती है और दावेदारों के टकराव को भी समाप्त किया जा सकता है।

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