शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय घोड़ाडोंगरी की छात्राओं ने प्राचार्य से ही वसूला जुर्माना, नियम के उल्लंघन पर हुई कार्रवाही
By Betul Varta वामन पोटे Jul 31, 2022
शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय घोड़ाडोंगरी की छात्राओं ने प्राचार्य से ही वसूला जुर्माना, नियम के उल्लंघन पर हुई कार्रवाही
By वामन पोटे
Jul 31, 2022
•वामन पोटे,
बैतूल
यदि शाला में पदस्थ शिक्षक अपने कर्तव्य के प्रति ईमानदार और गंभीर हो तो सरकारी स्कूल भी निजी स्कूल से कहीं पीछे नहीं रहते। ऐसे स्कूलों में ना केवल बच्चों की प्रतिभाएं पुष्पित पल्लवित होती है बल्कि रचनात्मकता भी आती है। इन सबसे बढ़कर इन स्कूलों से भविष्य के जिम्मेदार नागरिक निकलते हैं। ऐसा ही महत्वपूर्ण कार्य इन दिनों बैतूल के घोड़ाडोंगरी में स्थित एक सरकारी स्कूल में भी हो रहा है। यह स्कूल है शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय
यहां अध्ययनरत छात्राओं को ना केवल अपनी जिम्मेदारियों का एहसास है बल्कि वे नियमों के प्रति भी बेहद सख्त हैं। इसका उदाहरण यह है कि शाला में बनाए एक नियम का उल्लंघन होने पर छात्राएं शाला के प्रमुख (प्राचार्य) से भी जुर्माना वसूल करने से पीछे नहीं हटीं। यह इस बात का परिचायक है कि स्कूल में छात्राओं को कितने अच्छे संस्कार देकर जिम्मेदार नागरिक के रूप में तैयार किया जा रहा है। इस रोचक किस्से को स्वयं शाला के प्राचार्य विवेक तिवारी ने ही स्कूल के फेसबुक पेज पर शेयर किया है।
इसमें उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार शाला में बाल सभा में सर्वसम्मति से बिजली (ऊर्जा) बचाने के लिए कुछ निर्णय लिए गए थे। इसमें एक निर्णय यह भी था कि जिस भी खाली क्लास रूम के पंखे एवं बिजली जलते हुए पाए जाएंगे, उस क्लास की छात्राओं से एक रुपया प्रति छात्रा के हिसाब से फाइन लिया जाएगा।
यह निर्णय लेने के बाद कक्षा 12वीं कला संकाय की खाली कक्षा में यह स्थिति पाए जाने पर उनसे कुल ₹52 की राशि ली गई। यह राशि एफके खाते में जमा की जाएगी। इसके बाद छात्राओं ने प्राचार्य कक्ष में भी यही स्थिति पाई गई। प्राचार्य श्री तिवारी कक्ष में नहीं थे, लेकिन कक्ष में पंखा और लाइट चालू थे। मामला चूंकि प्राचार्य का था, इसलिए छात्राएं असमंजस में भी थी।
आखिरकार उन्होंने तय किया कि नियम आखिर नियम होते हैं। वे सबके लिए एक समान होते हैं। इसलिए जुर्माना तो वसूल किया जाएगा। आखिर सायंकाल की प्रार्थना के पश्चात दो छात्राओं कुमारी दुर्गा एवं कुमारी कैटरीना ने प्राचार्य श्री तिवारी को अवगत कराया कि सर प्राचार्य कक्ष की पंखे एवं बिजली भी खाली कक्ष में चल रहे थे।
छात्राओं से यह सुनकर प्राचार्य उनके भाव को समझ गए। इस निर्णय का सम्मान करते हुए उन्होंने स्वयं भी ₹100 आर्थिक दंड के रूप में शाला में जमा कराए। छात्राओं की नियमों के प्रति सख्ती के बाद अब शायद ही कोई छात्रा या शिक्षक किसी भी नियम का उल्लंघन करने की गलती करेंगे।
और भी कई गतिविधियां संचालित
कहने को यह भले ही सरकारी स्कूल है, लेकिन प्राचार्य श्री तिवारी के नेतृत्व में छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए यहां हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। यहां कई गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। जिन्हें देखकर लगता ही नहीं कि यह निजी स्कूल है कि सरकारी स्कूल। कई सरकारी स्कूलों में जहां शिक्षक यहां बताने की स्थिति में नहीं रहते कि उनके स्कूल में होता क्या है। वहीं इस स्कूल का एक फेसबुक पेज भी है। उस पर बाकायदा स्कूल में हर रोज होने वाली सभी गतिविधियों को अपडेट भी किया जाता है।