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बुजुर्गों का अकेलापन दूर करेगी कंपनी… इस नौजवान के आइडिया पर लट्टू हुए रतन टाटा, कर दी फंडिंग

By बैतूल वार्ता

बुजुर्गों का अकेलापन दूर करेगी कंपनी… इस नौजवान के आइडिया पर लट्टू हुए रतन टाटा, कर दी फंडिंग
: Aug 17, 2022

दिग्‍गज उद्योगपति रतन टाटा ने मंगलवार को ‘गुडफेलोज’ नाम के एक स्‍टार्टअप में निवेश का ऐलान किया। इसके संस्‍थापक हैं शांतनु नायडू। शांतनु अभी 25 साल के हैं। वह कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से पढ़े हुए हैं। यह वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए देश का पहला कम्‍पैनियनशिप स्‍टार्टअप है। यानी यह बुजुर्गों का अकेलापन दूर करने में मदद करेगा।

नई दिल्‍ली: दिग्‍गज उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) के साथ घुंघराले बालों वाला यह नौजवान कौन है? रतन टाटा के साथ इसका क्‍या कनेक्‍शन है? इस नौजवान से रतन टाटा बहुत ज्‍यादा खुश रहते हैं। यह उन्‍हें बिजनस टिप्‍स तक देता है। इसकी नेकदिली और क्रिएटिव आइडियाज के दिग्‍गज उद्योगपति फैन हैं। यह युवक दिग्‍गज उद्योगपति के कंधे पर हाथ रखकर तस्‍वीरें खिंचवाता है। पिछले साल रतन टाटा के 84वें जन्‍मदिन पर इसी युवक के साथ उनका एक वीडियो वायरल हुआ था। अब आपका और इम्तिहान नहीं लेंगे। इस युवक का नाम है शांतनु नायडू (Shantanu Naidu)। वह कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से पढ़े हुए हैं। एमबीए डिग्री हासिल करने के बाद नायडू 2018 में भारत लौटे। टाटा ट्रस्टों के चेयरमैन ऑफिस में उन्‍होंने बतौर डिप्टी जनरल मैनेजर जॉइन किया। मंगलवार को शांतनु नायडू के साथ यह तस्‍वीर तब की है जब रतन टाटा ने ‘गुडफेलोज’ (goodfellows) नाम के एक स्टार्टअप में निवेश का ऐलान किया। इसके संस्‍थापक शांतनु नायडू ही हैं।

शांतनु के बारे में जानने से पहले जानते हैं कि मंगलवार को हुआ क्‍या। इस दिन उद्योग जगत के दिग्गज रतन टाटा ने एक स्टार्टअप गुडफेलोज में निवेश की घोषणा की। हालांकि, निवेश की रकम के बारे में नहीं बताया गया। यह वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए देश का पहला कम्‍पैनियनशिप स्‍टार्टअप है। इसका मकसद युवाओं और शिक्षित ग्रेजुएट्स को सहयोग के लिए जोड़कर बुजुर्गों की मदद करना है। पिछले छह महीनों में ‘गुडफेलोज’ ने एक सफल बीटा पूरा कर लिया है। अब यह मुंबई और जल्द ही पुणे, चेन्नई और बेंगलुरु में उपलब्ध होगा।

भारत में 5 करोड़ बुजुर्ग अकेले रहते हैं। इसका कारण या तो अपने जीवनसाथी को खोना है या फिर परिवार के सदस्‍यों का बाहर बस जाना। गुडफेलोज का बिजनेस मॉडल एक ‘फ्रीमियम’ सब्सक्रिप्शन मॉडल है। दादाजी को इस सेवा का अनुभव कराने के लक्ष्य के साथ पहला महीना मुफ्त है। दूसरे महीने के बाद एक छोटा सा सदस्यता शुल्क है जो पेंशनभोगियों के सीमित सामर्थ्य के आधार पर तय किया गया है। गुडफेलोज नौकरी की तलाश में स्नातकों को शॉर्ट-टर्म इंटर्नशिप के साथ रोजगार भी मुहैया कराता है।

कौन हैं शांतनु नायडू?

इस नए स्‍टार्टअप के संस्‍थापक शांतनु नायडू हैं। कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से पढ़े 25 साल के नायडू टाटा के कार्यालय में उप महाप्रबंधक हैं। 2018 से वह टाटा की सहायता कर रहे हैं। 84 वर्षीय टाटा ने नायडू के विचारों की सराहना की। इस मौके पर बोले कि जब तक आप वास्तव में बूढ़े नहीं हो जाते, तब तक किसी को भी बूढ़े होने का मन नहीं करता। उन्होंने यह भी कहा कि एक अच्छे स्वभाव वाला साथी प्राप्त करना भी एक चुनौती है। वहीं, नायडू ने टाटा को एक बॉस, एक संरक्षक और एक मित्र के रूप में संबोधित किया।

पिछले साल 28 दिसंबर को रतन टाटा ने अपना 84वां जन्मदिन मनाया था। इस दौरान टाटा संस के चेयरमैन एमेरिटस के साथ शांतनु का वीडियो खूब वायरल हुआ था। एक वीडियो में वह रतन टाटा को केक खिलाते और उनके कंधे पर हाथ रखते दिखाई दिए थे।

शांतनु का जन्‍म पुणे में 1993 में हुआ था। वह प्रतिभा के धनी हैं। उनकी गिनती कारोबारी, इंजीनियर, सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर, लेखक और आंत्रप्रेन्‍यार में हैं। शांतनु टाटा ट्रस्ट में डिप्टी जनरल मैनेजर हैं। शांतनु ने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है। टाटा में काम करने वाले वह अपने परिवार की 5वीं पीढ़ी हैं। वह सितंबर 2014 से टाटा ट्रस्ट के साथ काम कर रहे हैं।
साभार-:  नवभारतटाइम्स

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