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64 बार कांग्रेस से अलग होकर नेताओं ने बनाई अपनी नई पार्टी

By वामन पोटे बैतूल वार्ता

64 बार कांग्रेस से अलग होकर नेताओं ने बनाई अपनी नई पार्टी, जानें किसका क्या हश्र हुआ?

नई दिल्ली Sat, 27 Aug 2022

सार

आजाद ने भी नई पार्टी के गठन का एलान किया है। ऐसा हुआ तो ये 65वां मौका होगा, जब कोई कांग्रेस छोड़कर नए राजनीतिक दल का गठन करेगा। 1885 में पार्टी की स्थापना हुई। तब से अब तक कांग्रेस ने 64 ऐसे बड़े मौके देखे, जब कांग्रेस छोड़ने के बाद नेताओं ने अपनी नई पार्टी बना ली। 1969 में तो कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने इंदिरा गांधी को ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। तब इंदिरा ने अलग कांग्रेस बना ली थी।

अमर उजाला

विस्तार

देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाब नबी आजाद ने भी पार्टी छोड़ दी। 2014 के बाद से पार्टी लगातार एक के बाद एक चुनाव हार रही है। इसके साथ ही उसके कद्दावर नेता पार्टी का साथ छोड़ रहे हैं। ज्यादातर नेता दूसरे दलों का दामन पकड़ रहे हैं, तो कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने खुद की पार्टी का भी गठन किया है।

आजाद ने भी नई पार्टी के गठन का एलान किया है। ऐसा हुआ तो ये 65वां मौका होगा, जब कोई कांग्रेस छोड़कर नए राजनीतिक दल का गठन करेगा। 1885 में पार्टी की स्थापना हुई। तब से अब तक कांग्रेस ने 64 ऐसे बड़े मौके देखे, जब कांग्रेस छोड़ने के बाद नेताओं ने अपनी नई पार्टी बना ली। 1969 में तो कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने इंदिरा गांधी को ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। तब इंदिरा ने अलग कांग्रेस बना ली थी।

आज हम बताएंगे कि कौन-कौन से नेताओं ने कब-कब अपनी नई पार्टी का गठन किया? नई पार्टी बनाने के बाद उसका हश्र क्या हुआ? नेताओं की क्या स्थिति हुई? आइए जानते हैं… 
आजादी से पहले दो बार कांग्रेस में दरार पड़ी
शुरुआत आजादी से पहले की दो घटनाओं से करते हैं, जब कांग्रेस में टूट पड़ी और नए राजनीतिक दल का आगाज हुआ।

1923 : चितरंजन दास ने कांग्रेस छोड़कर स्वराज पार्टी की स्थापना की थी। होम लाइब्रेरी की पुस्तक ‘ग्रेट मेन ऑफ इंडिया’ में इसका उल्लेख किया गया है। बताया गया है कि चितरंजन दास काउंसिल में शामिल होकर ब्रिटिश सरकार की नीतियों का नए तरह से विरोध करना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस अधिवेशन में उनका ये प्रस्ताव पास नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने स्वराज पार्टी बना ली। 1924 में दिल्ली में कांग्रेस के अतिरिक्त अधिवेशन में उनका ये प्रस्ताव पास हो गया। 1925 में स्वराज पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया।

1939: महात्मा गांधी से अनबन होने पर सुभाष चंद्र बोस और शार्दुल सिंह ने ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक नाम से अलग पार्टी खड़ी कर ली। पश्चिम बंगाल में अभी भी ये पार्टी अस्तित्व में है। हालांकि, इसका जनाधार काफी कम हो चुका है।

आजादी के बाद सबसे ज्यादा बिखरी पार्टी
आजादी के बाद कांग्रेस में सबसे ज्यादा फूट पड़ी। तब से 2021 तक कांग्रेस छोड़ने वाले नेता 62 नई राजनीतिक पार्टी शुरू कर चुके हैं। आजादी के बाद कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं ने 1951 में ही तीन नई पार्टी खड़ी की। जीवटराम कृपलानी ने किसान मजदूर प्रजा पार्टी, तंगुतूरी प्रकाशम और एनजी रंगा ने हैदराबाद स्टेट प्रजा पार्टी और नरसिंह भाई ने सौराष्ट्र खेदूत संघ नाम से अलग राजनीतक दल शुरू किया था। इसमें हैदराबाद स्टेट प्रजा पार्टी का विलय किसान मजदूर प्रजा पार्टी में हो गया। बाद में किसान मजदूर प्रजा पार्टी का विलय प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और सौराष्ट्र खेदूर संघ का विलय स्वतंत्र पार्टी में हो गया।

1956-1970 तक कांग्रेस से निकले नेताओं ने 12 नए दल बनाए
कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे सी. राजगोपालाचारी ने 1956 में पार्टी छोड़ दी। बताया जाता है कि तमिलनाडु में कांग्रेस नेतृत्व से विवाद होने के बाद उन्होंने अलग होने का फैसला लिया था। रोजगोपालाचारी ने पार्टी छोड़ने के बाद इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक्स कांग्रेस पार्टी की स्थापना की। ये पार्टी मद्रास तक ही सीमित रही। हालांकि, बाद में राजगोपालाचारी ने एनसी रंगा के साथ 1959 में स्वतंत्र पार्टी की स्थापना कर ली और इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक्स पार्टी का इसमें विलय कर दिया।

स्वतंत्र पार्टी का फोकस बिहार, राजस्थान, गुजरात, ओडिशा और मद्रास में ज्यादा था। 1974 में स्वतंत्र पार्टी का विलय भी भारतीय क्रांति दल में हो गया था। इसके अलावा 1964 में केएम जॉर्ज ने केरल कांग्रेस नाम से नई पार्टी का गठन कर दिया। हालांकि, बाद में इस पार्टी से निकले नेताओं ने अपनी सात अलग-अलग पार्टी खड़ी कर ली। 1966 में कांग्रेस छोड़ने वाले हरेकृष्णा मेहताब ने ओडिशा जन कांग्रेस की स्थापना की। बाद में इसका विलय जनता पार्टी में हो गया।

1968 तक और कौन-कौन सी पार्टियां बनी?साल कौन सी पार्टी बनीबाद में क्या हुआ1967 बांग्ला कांग्रेसकांग्रेस में विलय1967विशाल हरियाणा पार्टीकांग्रेस में विलय1967भारतीय क्रांति दललोक दल में विलय1968मणिपुर पीपल्स पार्टीअभी भी अस्तित्व में है

1969 और 1978 में इंदिरा को ही पार्टी से निकाल दिया गया
ये बात 12 नवंबर 1969 की है। तब कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को ही पार्टी से निकाल दिया। उन पर अनुशासन भंग करने का आरोप लगा था। इसके जवाब में इंदिरा गांधी ने नई कांग्रेस खड़ी कर दी। इसे कांग्रेस आर नाम दिया। बताया जाता है कि जिन नेताओं ने इंदिरा को पार्टी से निकाला था, उन्हीं ने 1966 में उन्हें प्रधानमंत्री बनाया था। तब इंदिरा गांधी के पास अनुभव और संगठन की समझ कम थी। हालांकि, सरकार चलाने के साथ ही वह एक मजबूत राजनीतिज्ञ के रूप में उभरीं। 1967 में उन्होंने अकेले के दम पर चुनाव लड़ा और मजबूती से जीत हासिल की।

इंदिरा से विवाद के चलते ही के. कामराज और मोरारजी देसाई ने इंडियन नेशनल कांग्रेस ऑर्गेनाइजेशन नाम से अलग पार्टी बनाई थी। बाद में इसका विलय जनता पार्टी में हो गया। 1969 में ही बीजू पटनायक ने ओडिशा में उत्कल कांग्रेस, आंध्र प्रदेश में मैरी चेना रेड्डी ने तेलंगाना प्रजा समिति का गठन किया। इसी तरह 1978 में इंदिरा ने कांग्रेस आर छोड़कर एक नई पार्टी का गठन किया। इसे कांग्रेस आई नाम दिया। एक साल बाद यानी 1979 में डी देवराज यूआरएस ने इंडियन नेशनल कांग्रेस यूआरएस नाम से पार्टी का गठन किया। देवराज की पार्टी अब अस्तित्व में नहीं है।

1998 में ममता और 1999 में शरद पवार अलग हुए
1998 में ममता बनर्जी ने कांग्रेस छोड़कर ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस बना ली थी। वे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं। इसके एक साल बाद ही शरद पवार, पीए संगमा और तारिक अनवर ने नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी का गठन कर लिया था। अब इसे एनसीपी के नाम से जाना जाता है। शरद पवार अभी भी इसके प्रमुख हैं। 2016 में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के बड़े नेता रहे अजीत जोगी ने पार्टी छोड़कर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस नाम से नया दल बना लिया। आखिरी बार पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी नई पार्टी बनाई थी। इसे पंजाब लोक कांग्रेस नाम दिया। 2022 विधानसभा चुनाव भी अमरिंदर सिंह की इस नई पार्टी ने लड़ा, लेकिन बुरी हार मिली।

इसके अलावा सोनिया गांधी से विवाद के चलते तिवारी कांग्रेस, उत्तर प्रदेश में लोकतांतत्रिक कांग्रेस, जगन मोहन रेड्डी ने वाइएसआर कांग्रेस, कुलदीप बिश्नोई ने हरियाणा जनहित कांग्रेस का गठन किया।

1971 से 2022 तक बनी नई पार्टियां
वर्ष
संस्थापकपार्टी बाद में क्या हुआ1971सुकुमार रॉयबिप्लोबी बांग्ला कांग्रेसलेफ्ट फ्रंट का हिस्सा बन चुका है
1977जगजीवन राम कांग्रेस फॉर डेमोक्रेसी  जनता पार्टी में विलय
1978इंदिरा गांधी नेशनल कांग्रेस आईअब इंडियन नेशनल कांग्रेस नाम से प्रचलित
1980एके एंटनीकांग्रेस ए कांग्रेस में विलय1981शरद पवार इंडियन नेशनल कांग्रेस सोशलिस्ट शरद पवार कांग्रेस में विलय1981जगजीवन राम इंडियन नेशनल कांग्रेस जगजीवनअस्तित्व में नहीं 1984शरत चंद्र सिन्हा इंडियन नेशनल कांग्रेस सोशलिस्ट (S)कांग्रेस और लेफ्ट फ्रंट में विलय
1986प्रणब मुखर्जी  राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस कांग्रेस में विलय
1988शिवाजी गणेशन      थामीजागा मुन्नेत्रा  जनता दल में विलय1990 बंशी लाल हरियाणा विकास पार्टीकांग्रेस में विलय
1994एनडी तिवारी, अर्जुन सिंहऑल इंडिया इंदिरा कांग्रेस
कांग्रेस में विलय
1994बंगारप्पा    कर्नाटक कांग्रेस पार्टी कांग्रेस में विलय1994 वजापड़ी रामामूर्तितमिझागा राजीव कांग्रेस कांग्रेस में विलय
1996बंगारप्पाकर्नाटक विकास पार्टी कांग्रेस में विलय1996जियोंग अपांग  अरुणाचल कांग्रेस      कांग्रेस में विलय
1996-2014जीके मूपानार और जीके वासानतमिल मानिला कांगेस2001 में कांग्रेस में विलय, 2014 में फिर अलग हुए1996माधवराव सिंधिया मध्य प्रदेश विकास कांग्रेस कांग्रेस में विलय
1997
वजापड़ी रामामूर्तितमिलनाडु मक्कल कांग्रेसअस्तित्व में नहीं1997सुखराम हिमाचल विकास कांग्रेस कांग्रेस में विलय1997वेंह्गाबम निपामचा सिंहमणिपुर स्टेट कांग्रेस पार्टीआरजेडी में विलय1998 ममता बनर्जी    एआईटीएमसी       पश्चिम बंगाल की सबसे बड़ी पार्टी1998फ्रांसिस डीसूजा  गोवा राजीव कांग्रेस पार्टी    नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी में विलय1998  मुकुट मिठीअरुणाचल कांग्रेस    कांग्रेस में विलय1998सिसराम ओला  ऑल इंडिया इंदिरा कांग्रेस सेक्युलर कांग्रेस में विलय1998  सुरेश कलमाड़ी    महाराष्ट्र विकास अघाड़ी    कांग्रेस में विलय
1999जगन्नाथ मिश्रभारतीय जन कांग्रेस  नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी1999शरद पवार, पीए संगमा, तारिक अनवरनेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी एनसीपी के नाम से प्रचलित1999मुफ्ती मोहम्मद सैय्यदपीडीपी  जम्मू कश्मीर में एक्टिव2000फ्रैंसिसको सरडिन्हागोवा पीपल्स कांग्रेस  कांग्रेस में विलय2001पी चिदंबरम  कांग्रेस जननायक पेरावई  कांग्रेस में विलय
2001 कुमारी अनांथन          थांडर कांग्रेस    कांग्रेस में विलय2001पी कनन  पुडुचेरी मक्काल कांग्रेस   अस्तित्व में नहीं2002जंबुवंत्रो धोते  विदर्भ जनता कांग्रेस    महाराष्ट्र में एक्टिव2002 छबिलदास मेहता  गुजरात जनता कांग्रेस  एनसीपी में विलय
2002शेख हसन    इंडियन नेशनल कांग्रेस हसन भारतीय जनता पार्टी में विलय2003केमेंग डोलो    कांग्रेस डोलो   भाजपा में विलय
2003नेपियो रियोनगालैंड पीपल्स फ्रंट  नगालैंड में एक्टिव
2005पी कननपुडुचेरी मुन्नेत्रा कांग्रेस     कांग्रेस में विलय2005के करुणाकर      डेमोक्रेटिक इंदिरा कांग्रेस     एनसीपी और कांग्रेस में विलय2007कुलदीप विश्नोई    हरियाणा जनहित कांग्रेसकांग्रेस में विलय2008सोमेंद्रनाथ मित्रा    प्रगतिशील इंदिरा कांग्रेसटीएमसी में विलय2011वाईएस जगनमोहन रेड्डीवाईएसआर  आंध्र प्रदेश में एक्टिव2011  एन रंगास्वामी        ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस  पुडुचेरी में एक्टिव
2014 नलारी किरण कुमार रेड्डीजय समायिकांध्र पार्टीकांग्रेस में विलय
2016अजीत जोगी  छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेसछत्तीसगढ़ में एक्टिव2021कैप्टन अमरिंदर सिंहपंजाब लोक कांग्रेस पार्टीपंजाब में एक्टिव

(साभार अमर उजाला)

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