बैतूल। बहुचर्चित गर्भपात कांड में आरोपी करूण हास्पिटल की संचालक डॉ. वंदना कापसे को न्यायालय ने जेल भेजने के आदेश दिए है। आज दो दिन की रिमांड खत्म होने पर साईखेड़ा पुलिस ने डॉ. वंदना कापसे को न्यायालय में पेश किया था। डॉ. वंदना कापसे के अधिवक्ता की ओर से न्यायालय में जमानत के लिए आवेदन किया गया था, जिसे न्यायालय ने निरस्त कर दिया।
इधर करूणा हॉस्पिटल की बिल्डिंग के कुछ हिस्से को अवैध बताकर तोड़े जाने की जो तैयारी प्रशासन कर रहा था। उस पर न्यायालय ने स्टे लगा दिया है। युवा अधिवक्ता अंशुल गर्ग ने बताया कि न्यायालय में हॉस्पिटल के हिस्से को तोड़े जाने को लेकर याचिका दायर की गई थी। जिस पर सुनवाई के बाद माननीय न्यायाधीश ने स्टे आर्डर दिया है। न्यायालय के इस आदेश के बाद अब हॉस्पिटल में तोड़-फोड़ की कार्रवाई पर रोक लगा जाएगी।
डॉ. कापसे की जमानत हुई निरस्त
गौरतलब हो कि साईखेड़ा थाना क्षेत्र की एक नाबालिग दुष्कर्म पीडि़ता के गर्भवती होने पर डॉ. वंदना कापसे ने अवैध तरीके गर्भपात से किया था। इस मामले के सामने आने के बाद पुलिस की जांच के दौरान अन्य गर्भपात के मामले भी सामने आए थे। इसके बाद अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की गई थी।
आज न्यायालय में एडीपीओ मालिनी देशराज ने जमानत आवेदन पर जमानत देने का विरोध किया एवं इस जमानत को न्याय दृष्टांत के खिलाफ बताया। मालिनी देशराज ने कहा कि इतने गंभीर मामले में डॉक्टर को जमानत देना न्याय संगत नहीं है। जिस पर न्यायालय द्वारा उक्त जमानत आवेदन को निरस्त करते हुए डॉ वंदना कापसे को जेल भेज दिया गया है।
विदित हो कि साईंखेड़ा पुलिस द्वारा 11 अप्रैल को आरोपी शिवराम उइके एवं डॉक्टर वंदना कापसे के खिलाफ साईंखेड़ा थाना में विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया। आरोपी द्वारा 16 साल की एक नाबालिग के साथ कई बार दुष्कर्म करते हुए उसे गर्भवती कर दिया था एवं पीडि़ता जब अपनी मां के साथ बैतूल अपना इलाज कराने डॉक्टर के दवा खाने में गई तो डॉक्टर वंदना कापसे द्वारा उससे गोलियां देकर उसका गर्भपात करवाया गया था।