सहजन की उन्नत खेती, कमाए लाखों में मुनाफा
किसानों के लिए औषधि खेती की तरफ रुक करना काफी फायदेमंद साबित हो रहा है औषधि खेती कर किसान अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं। वैसे ही एक औषधि फसल सहजन है।सहजन एक बहु उपयोगी पेड़ है। सहजन को मोरिंगा के नाम से भी जाना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम मोरिंगा ओलिफेरा हैइस पेड़ के सभी भाग फल, फूल, पत्तियों, बीजों में अनेक पोषक तत्व होते हैं। इसलिए इसका उपयोग कई प्रकार से किया जाता है। इसकी खेती करने से काफी लाभ प्राप्त होता है। यदि आप इसकी एक एकड़ में भी खेती करते हैं तो आपको 6 लाख रुपए की कमाई हो सकती है। सहजन के उत्पादन की खास बात ये हैं कि इसे बंजर जमीन में भी उगाया जा सकता है। वहीं किसी अन्य फसल के साथ भी इसकी खेती की जा सकती है।
सहजन में पाए जाने वाले पोषक तत्व
सहजन में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रट, वसा, प्रोटीन, पानी, विटामिन, कैल्शियम, लोहतत्व, मैगनीशियम, मैगनीज, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सोडियम आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। सहजन में 300 से अधिक रोगों के रोकथाम के गुण हैं। इसमें 90 तरह के मल्टीविटामिन्स, 45 तरह के एंटी आक्सीडेंट गुण, 35 तरह के दर्द निवारक गुण और 17 तरह के एमिनो एसिड मिलते हैं।
सहजन के उपयोग
1.सहजन के लगभग सभी अंग (पत्ती, फूल, फल, बीज, डाली, छाल, जड़ें, बीज से प्राप्त तेल आदि) खाये जाते हैं। इसकी पत्तियों और फली की सब्जी बनती है।
2.कई जगहों पर इसके फूलों को पकाकर खाया जाता है और इनका स्वाद खुम्भी (मशरूम) जैसा बताया जाता है।
3.अनेक देशों में इसकी छाल, रस, पत्तियों, बीजों, तेल, और फूलों से पारंपरिक दवाएं बनाई जाती है।
4.दक्षिण भारतीय व्यंजनों में इसका प्रयोग बहुत किया जाता है। सहजन औषधीय गुणों से भरपूर होता है।
5.इसके बीजों से तेल निकाला जाता है जिसका उपयोग औषधियों में भी किया जाता है।
6.सहजन उपयोग जल को स्वच्छ करने के लिए तथा हाथ की सफाई के लिए भी उपयोग किया जा सकता है
सहजन की खेती करने का तरीका
सहजन की खेती करने के लिए सबसे पहले आपको खेत को दो-तीन बार जुताई कर लेनी चाहिए उसके बाद उसमें खरपतवार नहीं होनी चाहिए यदि खपतवार हो तो आप उसे निकलवा ले उसके बाद पौधे को2.5 X 2.5 मीटर की दूरी पर 45 X 45 X 45 सेंमी. आकार का गड्ढा बनाया जाना चाहिए। गड्ढे के उपरी मिट्टी के साथ 10 किलोग्राम सड़ा हुआ गोबर का खाद मिलाकर गड्ढे को भर देना चाहिए। इससे खेत पौध के रोपनी के लिए तैयार हो जाता है। बता देें कि सहजन में बीज और शाखा के टुकड़ों दोनों प्रकार से ही प्रबर्द्धन होता है। अच्छी फलन और साल में दो बार फलन के लिए बीज से प्रबर्द्धन करना जरूरी होता है। अच्छी पैदावार लेने के लिए समय-समय पर पौधे की सिंचाई करना अति आवश्यक है।