अधिकारी-राजनेता आंगनवाड़ी केंद्र गोद तो ले रहे है, पर सैकड़ों केंद्रों में महीनों से बच्चों को भोजन ही नहीं मिल रहा
राजनेता और अधिकारी आंगनवाड़ी केन्द्रों को गोद ले रहे ताकि उनका संचालन अच्छे से हो सके. लेकिन की सैंकड़ो आंगनवाड़ी केन्द्रों को राशन ही नही मिल रहा.
बैतूल। राजनेता और अधिकारी आंगनवाड़ी केन्द्रों को गोद ले रहे ताकि उनका संचालन अच्छे से हो सके. लेकिन की सैंकड़ो आंगनवाड़ी केन्द्रों को राशन ही नही मिल रहा. यह शर्मसार करने वाली बड़ी खबर बैतूल जिले के आदिवासी इलाके से आई है. जिले के सैकड़ो आंगनवाड़ी केंद्रों पर बीते कई महीनों से मासूम बच्चों को भोजन नही मिला रहा. परन्तु इस बात की खबर न तो सत्ता को लगी न संगठन के कान में जू रेंगी.
जनवरी माह से नहीं मिला केंद्रों को राशन
हकीकत जानने के लिए जिले के कई आदिवासी गांव की आंगनवाड़ी की नब्ज टटोलने की कोशिश की तो यह जानकर अचरज हुआ कि जनवरी माह से आंगनवाड़ी केंद्रों को राशन की दुकानों से राशन ही नही मिला. अनपढ़ स्वसहायता समूह ने उधार लेकर एक माह तक जैसे-तैसे काम चलाया पर उधार देने वालो ने भी हाथ खड़े कर दिए. सरकार ने आंगनवाड़ी केंद्रों को भी पीओएस मशीन से राशन देने के आदेश दे दिए. परन्तु स्वसहायता समूह के फिंगर अंगूठा महिला बाल विकास विभाग ने सत्यापित ही नही किया जिससे यह समस्या खड़ी हो गई. महिला बाल विकास विभाग के जिला अधिकारी बड़ी ही सहजता से कहते है कि जिले के पूरे आंगनवाड़ी केंद्रों को राशन मिल रहा है. हम रोज पोर्टल देखते है.
10% आंगनवाड़ी केंद्र में नहीं मिल रहा राशन- कलेक्टर
इधर कलेक्टर अमनबीर सिह बैस ने कहा कि अभी भी जिले के 10 प्रतिशत आंगनवाड़ी केंद्र में राशन नही मिल रहा है. उन्होंने कहा कि पीओएस मशीन से ऑनलाइन राशन देने के आदेश के बाद यह समस्या आई है. जल्द ही समूह के अंगूठे सत्यापित कर लिए जाएंगे. यदि फिर भी कोई दिक्कत होती है तो फिर आफलाइन वितरण की व्यवस्था की जाएगी.
बैतूल जिले में कुल 2347 आंगनवाड़ी केंद्र संचालित है और 10 प्रतिशत आंगनवाड़ी केंद्रों को राशन उपलब्ध नही हो रहा है तो यह सख्या भी बहुत है. हालाकि जमीनी हकीकत और ज्यादा है.