भारत भारती में महानाट्य “वीरांगना दुर्गावती” का सफल मंचन
तीन मंजिला किले पर विद्यालय के तीन सौ विद्यार्थी कलाकारों द्वारा जीवन्त युद्ध दृश्यों और प्रभावी संवादों ने दर्शकों का मन मोहा
राजा दलपतशाह की मृत्यु और रानी दुर्गावती के बलिदान पर लोगों की आँखे भर आई
रानी दुर्गावती ने मुगलों से युद्ध कर देश धर्म और गोंड संस्कृति की रक्षा की
मुख्य अतिथि थे केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके
बैतूल। भारत भारती आवासीय विद्यालय द्वारा अपने वार्षिकोत्सव-2024 के अन्तर्गत गोंडवाना की महारानी दुर्गावती की 500 वीं जयन्ती पर ऐतिहासिक महानाट्य “वीरांगना दुर्गावती” का सफल मञ्चन किया गया। दो घण्टे के इस रोमांचकारी कथानक ने हजारों दर्शकों को एकटक देखते हुए बांधे रखा। तीन मंजिला किलानुमा मंच पर नृत्य, युद्धकला के दृश्य, किले के बुर्ज पर जलती मशालें, सूत्रधार के रोचक कथानकों, विशेष प्रसंगो पर आतिशबाजी, युद्ध के समय मैदान पर दौड़ते घोड़े किसका मन नहीं मोह लेंगे।
भारत भारती विद्यालय के 300 विद्यार्थी कलाकारों द्वारा किया गया यह महानाट्य बैतूल जिले के हजारों दर्शकों के मन मस्तिष्क में अमिट छाप छोड़ गया। इस महानाट्य का निर्माण विद्यालय के आचार्य-दीदीयों के एक माह के अथक प्रयासों से सम्भव हो पाया। महानाट्य के सेट रानी दुर्गावती के किले का निर्माण करने में 15 दिन का समय लगा।
महानाट्य रानी दुर्गावती का जन्मोत्सव, उनकी युद्धकला, राजा दलपत शाह से विवाह, कुशल प्रशासन, बाजबहादुर, आसफ खान और अकबर की सेना से युद्ध के जीवन्त दृश्यों ने नाटक का रोमांच दुगुना कर दिया। युद्ध के समय युद्ध मैदान पर घोड़े दौड़ने पर दर्शक रोमांचित होकर अनेक बार उठकर खड़े हुए। रानी दुर्गावती की संवाद शैली व युद्ध कौशल ने सबका मन मोह लिया। विद्यालय के बाल और किशोर कलाकारों की अभिनय कला देखकर हर कोई कह रहा था कि इन्होंने फ़िल्म कलाकारों के अभिनय को भी पीछे छोड़ दिया।
इस महानाट्य मन्चन के पूर्व कार्यक्रम के आमन्त्रित अतिथियों केन्द्रीय जनजाति मामलों के मन्त्री व बैतूल सांसद श्री दुर्गादास उइके, जनजाति शिक्षा के राष्ट्रीय सह संयोजक श्री बुधपाल सिंह ठाकुर, विद्या भारती के प्रादेशिक सह सचिव डॉ. नीलाभ तिवारी, प्रान्तीय सह संगठन मन्त्री श्री अनिल अग्रवाल, विद्या भारती मध्यभारत के नगरीय शिक्षा प्रमुख डॉ. रामकुमार भावसार, भारत भारती के अध्यक्ष श्री सुजीत शर्मा, संघ के विभाग प्रचारक श्री नरेन्द्र यादव, भारत भारती के सचिव व मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री मोहन नागर ने सर्वप्रथम विद्यालय के सामाजिक सरोकार के कार्यों की प्रदर्शनी को देखा तथा मंच पर रानी दुर्गावती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर माँ सरस्वती की पूजा की। सामूहिक सरस्वती वंदना के पश्चात अतिथियों का स्वागत विद्यालय परिवार द्वारा किया गया।
सचिव मोहन नागर द्वारा विद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। जिसमें विद्यालय की स्थापना से लेकर अभी तक की प्रमुख उपलब्धियों का बखान किया गया। डॉ. नीलाभ तिवारी ने महारानी दुर्गावती की वीरता और उनके शासन कौशल के बारे में बताते हुए उनके जीवन दर्शन पर भारत भारती द्वारा किये गये उनके महानाट्य की प्रशंसा की।
मुख्य अतिथि केन्द्रीय मन्त्री श्री दुर्गादास उइके ने इस अवसर पर कहा कि महारानी दुर्गावती ने गोंड वंश का नाम ऊँचा किया है। उन्होंने मुगलों से अपने युद्ध कौशल के द्वारा परास्त कर गोंडवाना राज्य और संस्कृति की रक्षा की है तथा अपने बलिदान के द्वारा देश और धर्म पर मर मिटने का सन्देश दिया है।
विशेष अतिथि भाजपा के प्रदेश संगठन मन्त्री श्री हितानन्द शर्मा ने महारानी दुर्गावती की अमरता के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने देश, धर्म व संस्कृति के लिए जीवन जीया इसलिए आज वीरता पर महानाट्य हो रहे हैं। उन्होंने जीवन्त व शानदार अभिनय के लिए भारत भारती के विद्यार्थी कलाकारों की प्रशंसा की।
श्री बुधपाल सिंह ठाकुर द्वारा रानी दुर्गावती की वीरता पर गीत प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम का कुशल संचालन संस्कृत, हिन्दी एवं अंगेजी भाषाओं में विद्यालय की बहिनों ने किया।
अतिथियों का स्वागत श्री जितेन्द्र तिवारी व मुकेश दवन्डे ने किया तथा आभार प्राचार्य जितेन्द्र परसाई ने माना।
महानाट्य में इतना रोमांच था कि नाटक समाप्त होने के बाद भी बहुत देर तक दर्शक अपने स्थान पर ही बैठे रहे।
इस ऐतिहासिक महानाट्य के सफल मंचन पर विद्यालय परिवार, प्राचार्य, दीदी, आचार्य, भैया-बहिन, समिति सदस्य, अभिभावक व हजारों दर्शकों, फिल्मी दृश्यों हेतु मध्यप्रदेश सरकार के वन्या प्रकाशन का तथा सूत्रधार के संवाद बोलने हेतु राकेश मौर्य का आभार-धन्यवाद ज्ञापित किया है।