समुद्र की प्रतिनिधि नन्ही सी बून्द होती है वैसे ही नन्हा दीपक सूर्य का प्रतिनिधित्व करता है: डी डी उइके
By, वामन पोटे
समुद्र की प्रतिनिधि नन्ही सी बून्द होती है वैसे ही नन्हा दीपक सूर्य का प्रतिनिधित्व करता है: डी डी उइके
दीपयज्ञ में केंद्रीय मंत्री उइके ने दीप की महत्ता का किया बखान
बैतूल। नन्हा सा दीपक विराट सूर्य, विराट सविता का प्रतिनिधित्व करता है। बहुत लंबी प्रक्रिया के बाद दीपक का जन्म होता है। कुम्भकार मिट्टी खोदकर लाता है, उसे कूटता पिटता है, बुराई रूपी कंकड़ पत्थर निकलता है, पैरों से रौंदता है, आकर देता है, आग में तपाता है , ठंडा करता है तब कही जाकर एक दीपक बन पाता है। ये विचार दुर्गा वार्ड ख़ंजनपुर बैतूल में चल रहे 9 कुंडीय यज्ञ और प्रज्ञा पुराण कथा के अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री व पूर्व जिला युवा संयोजक दुर्गादास (डी डी) उइके ने बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि जब तक यह दीपक जलता है तभी तक जीवित रहता है । इसी प्रकार मनुष्य के अंदर प्राण रूपी दीपक जब तक जलता है तब तक मनुष्य जीवित रहता है । आग बुझ जाने पर मिट्टी का शरीर (दीया) मिट्टी में मिल जाता है। इस अवसर पर 1008 वेदीय दीप महायज्ञ सम्पन्न हुआ। अगले दिन निःशुल्क संस्कारो के साथ हजारों परिजनों द्वारा 9 कुंडीय यज्ञ की पूर्णाहुति समर्पित की गई। पूर्णाहुति में केंद्रीय राज्य मंत्री डी डी उइके के साथ बैतूल विधायक हेमंत खण्डेलवाल, महाराष्ट्र के विधायक श्री काले, नगर पालिका अध्यक्ष पार्वती बाई बारस्कर, , मंडल अध्यक्ष विकास मिश्रा, साउथ जॉन से उत्तम गायकवाड़, गायत्री परिवार के रविशंकर पारखे, राजकुमार पालीवाल, रामजी बनखेड़े, अजय पवार, अनूप वर्मा, तहसील समन्वयक सुरेश पांसे, राधेश्याम मालवीय, हंसकुमार मालवीय, रोशनलाल पटैया, डी डी बर्डे सहित अनेक सक्रिय परिजन , महिला मंडल, प्रज्ञा मंडल के सदस्य उपस्थित हुए। यज्ञ व्यवस्था बनाने में नवनीत मालवीय, राजीव मिश्रा, महेश पवार , संतोष भलावी, सत्येंद्र बघेल, माखन पवार ने यज्ञ में हिस्सा लिया। लगभग 5 हजार लोगों ने प्रसादी ग्रहण की व गुरुदेव का साहित्य प्राप्त किया। भाव विभोर होकर व्यवस्थापकों ने टोली को बिदाई दी। तहसील समन्वयक सुरेश पांसे ने सभी का आभार माना।
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