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बैतूल जिला अब नशीले पदार्थ की खेती करने में महारथ हासिल करने लगा ?  एक एकड़ में अवैध अफीम की खेती पकड़ाई , खेत मालिक समेत दो हिरासत में

By,वामन पोटे

बैतूल जिला अब नशीले पदार्थ की खेती करने में महारथ हासिल करने लगा ?

 एक एकड़ में अवैध अफीम की खेती पकड़ाई , खेत मालिक समेत दो हिरासत में

बैतूल।।मध्यप्रदेश का बैतूल जिला अब नशीले पदार्थ की खेती करने में महारथ हासिल करने लगा हैं जिले में पहले भी गांजे की खेती करने के मामले सामने आए थे अब बैतूल में पुलिस ने अवैध अफीम की बड़ी खेती का भंडाफोड़ किया है। रानीपुर थाना क्षेत्र के सड़कवाड़ा गांव में मुखबिर की सूचना पर की गई कार्रवाई में एक एकड़ जमीन पर अफीम के लाखों पौधे मिले हैं। खेत मालिक भिखारीलाल और एक अन्य को हिरासत में लिया गया है।

एएसपी कमला जोशी और एसडीओपी सारणी रोशन जैन के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में बैतूल कोतवाली समेत कई थानों की पुलिस टीम शामिल थी। मौके पर पाई गई अफीम की फसल में कुछ पौधों में फल लग चुके हैं, जबकि कुछ अभी फूल की स्थिति में हैं। वर्तमान में इस खेती की कीमत दस लाख रुपए से अधिक आंकी गई है, लेकिन मार्च तक फसल के पूरी तरह पकने पर यह कीमत करोड़ों रुपए तक पहुंच सकती थी।
पुलिस ने मजदूर लगवा कर फसल कटवाना शुरू कर दिया है। पौधों के 20-20 के बंडल बनवाए जा रहे है। जिसके बाद पौधों की गिनती की जाएगी। इनकी तादाद लाखों में हो सकती है। राजस्व विभाग की टीम भी मौके पर पहुंचकर जमीन का सर्वे कर रही है और फसली दस्तावेजों की जांच कर रही है।
पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही
पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है कि वह कब से यह अवैध खेती कर रहा था और इस नशीले पदार्थ की खरीद-बिक्री के लिए किन-किन लोगों से उसका संपर्क था। प्रारंभिक तौर पर जानकारी मिली है कि खेत मालिक ने यह खेत चोपना इलाके के किसी व्यक्ति को ठेके पर दिया हुआ है। पुलिस उसकी भी तलाश कर रही है।
ऐसे होती है अफीम की खेती
जानकारों के मुताबिक अफीम की खेती के लिए ठंडा मौसम चाहिए। जब फसल में डोडा आ जाता है, उस समय हल्की गर्मी की जरूरत पड़ती है। गर्मी से डोडे को चीरा लगाकर दूध निकाला जाता है। यह दूध जब रात भर में जम जाता है, तब डोडे के आसपास उसे कलेक्ट कर लेते हैं। इस दौरान एक डोडे से सौ से डेढ़ सौ ग्राम अफीम निकल जाती है। किसी-किसी पौधे में यह वजन 200 ग्राम भी हो जाता है। आमतौर पर यह मंदसौर, नीमच, राजस्थान के चित्तौड़गढ़ क्षेत्र, मालवा बेल्ट में उगाई जाती है, जिसके लिए सरकार की अफीम नीति बनी हुई है।
सरकारी तौर पर इसकी कीमत 1800 से 2500 रुपए प्रति किलो है, जबकि खुले बाजार में यह 80 हजार रुपए से डेढ़ से तीन लाख रुपए किलो तक बिकती है। पुलिस भी आमतौर पर इसकी कीमत 2 लाख रुपए किलो आंकती है। पंजाब के तस्कर इसे कालाबाजार में भी खरीदते हैं।

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