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सिजेरियन ऑपरेशन के बाद विवाहिता की बिगड़ी तबीयत:दूसरी सर्जरी में पेट से निकला कपड़ा; सोनोग्राफी में हुआ था खुलासा

By, वामन पोटे

सिजेरियन ऑपरेशन के बाद विवाहिता की बिगड़ी तबीयत:दूसरी सर्जरी में पेट से निकला कपड़ा; सोनोग्राफी में हुआ था खुलासा

बैतूल।।

बैतूल में सोमवार को एक विवाहिता ने एएसपी से मिलकर जिला अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पीड़िता का आरोप है कि जून में जिला अस्पताल में हुए सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान उसके पेट में कपड़ा छोड़ दिया गया, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई।

पीड़िता गायत्री रावत ने बताया कि ऑपरेशन के बाद से ही उसे पेट दर्द और उल्टियों की शिकायत थी। जुलाई में दर्द बढ़ने पर कई जगह इलाज कराया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। जिला अस्पताल में तीन दिन भर्ती रहने के बाद भी केवल बोतल लगाकर छुट्टी दे दी गई।
पेट से निकला जालीदार कपड़ा सितंबर में बैतूल के एक निजी अस्पताल में डॉक्टर शैलेंद्र पंद्राम ने सोनोग्राफी के जरिए इंटेस्टाइन में रुकावट पाई। लेप्रोटॉमी प्रोसीजर से ऑपरेशन किया गया, जिसमें बाउल बच्चेदानी में चिपकी और फटी हुई मिली। ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने उसके पेट से जालीदार कपड़ा निकाला।

अस्पताल प्रबंधन ने गलती मानने से किया इनकार 

डॉक्टरों का मानना है कि ये कपड़ा पहले ऑपरेशन के दौरान छूटा होगा। हालांकि, जिला अस्पताल प्रबंधन ने अपनी गलती मानने से इनकार कर दिया। सिविल सर्जन डॉ. जगदीश घोरे ने जांच रिपोर्ट के आधार पर कहा कि सिजेरियन ऑपरेशन में आंत में कपड़ा छूटना संभव नहीं है।
पिता बोले- उधार लेकर करवाया था इलाज 
पीड़िता के पिता विजय रावत और दादा रमेश मजदूरी करते हैं। निजी अस्पताल में इलाज के लिए उन्होंने रिश्तेदारों से पैसे उधार लिए, जो अब तक नहीं चुका सके हैं। परिवार आर्थिक मदद की गुहार लगा रहा है।
जांच में अस्पताल को क्लीन चिट सितंबर में सीएमएचओ ने तीन सदस्यीय जांच दल बनाया था। रिपोर्ट में जिला अस्पताल को क्लीन चिट दे दी गई। अब सवाल उठता है कि कपड़ा पेट में कैसे पहुंचा। पीड़िता न्याय के लिए पुलिस और प्रशासन के चक्कर काट रही है। उसने एएसपी से मिलकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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