गढ़ा और मेंढ़ा मध्यम सिंचाई परियोजना का कमिश्नर श्री तिवारी ने किया निरीक्षण
By,वामन पोटे
निर्माणाधीन गढ़ा और मेंढ़ा मध्यम सिंचाई परियोजना का कमिश्नर श्री तिवारी ने किया निरीक्षण
——
कार्यस्थल पर मैंन पावर बढ़ाकर पैरलल तरीके से यूनिट 1 और 2 के कार्य जून 2025 तक पूर्ण करने के दिए निर्देश
—–
बैतूल 06 मार्च 2025
कमिश्नर श्री के.जी तिवारी ने गुरुवार को कलेक्टर बैतूल श्री नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी के साथ निर्माणाधीन गढ़ा मध्यम सिंचाई परियोजना का निरीक्षण किया। उन्होंने बांध निर्माण की प्रस्तावित कार्ययोजना की विस्तार से जानकारी ली। जिसमें कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग श्री वामनकर ने जानकारी देते हुए बताया कि बांध की प्रशासकीय स्वीकृति वर्ष 2018 में प्राप्त हुई थी, जिसकी कुल लागत भू अर्जन सहित 307 करोड़ रूपये हैं। पम्प आधारित इस परियोजना से 8000 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई किया जाएगा। परियोजना में कुल 10 गेट है, जिनकी कुल ऊंचाई 23 मीटर हैं। बांध में अधिकतम 17 मीटर तक पानी भरा जा सकेगा। जिसकी अनुमानित क्षमता 400 एमसीएम है। समय समय पर पानी के डिस्चार्ज के लिए गर्वनिंग लेवल भी बनाया जाएगा। बांध की लेंथ 1600 मीटर है, कुल 274 मीटर पर निर्माण कार्य किया गया हैं।
बताया कि जून 2025 तक बांध का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। पेयजल के लिए 2 एमसीएम पानी जल निगम को दिया जाएगा। जिसके लिए पाइपलाइन बिछाई जाएगी। सिंचाई के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा 4 पंप लगाएं जाएंगे। जिसमें से 3 कार्यरत रहेंगे। एक पंप अन्य पंप खराब होने की स्थित में उपयोग किया जाएगा। कुल 414 किमी क्षेत्र में इरिगेशन नेटवर्किंग सिस्टम रहेगा। जिसमें 222 किमी में नेटवर्किंग कर दी गई हैं। कुल सिंचाई नेटवर्किंग दिसम्बर 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा।
कमिश्नर श्री तिवारी ने निर्माण एजेंसी को बांध निर्माण और इरिगेशन नेटवर्किंग का कार्य 2025 में अनिवार्य रूप से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने जल संस्थान विभाग के अधिकारियों को भी निर्माण कार्यों की सतत मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए ताकि कार्य गुणवत्ता पूर्ण रूप से समय पर पूर्ण हो सके। इसके बाद कमिश्नर श्री तिवारी ने भैंसदेही में ताप्ती नदी पर प्रगतिरत मेढा सिंचाई परियोजना का निरीक्षण किया। कार्यपालन यंत्री ने बताया कि परियोजना की क्षमता को 36 एमसीएम से बढ़ाकर 46 एमसीएम किया गया है। परियोजना से 5800 हैक्टेयर सिंचाई रकबा प्रस्तावित हैं। परियोजना की ऊंचाई कुल 37 मीटर रहेगी और लंबाई 680 मीटर हैं। जिसमें 280 मीटर कंक्रीट है। नाले से बॉटम गेट की ऊंचाई 17 मीटर हैं। अरदन का काम 35 मीटर हो गया है। कॉन्क्रीट का भाग 16 मीटर तक बन गया हैं। 378 किमी में से 278 किमी में इरिगेशन नेटवर्किंग कर दी गई हैं। शेष कार्य प्रगतिरत है। कमिश्नर श्री तिवारी ने निर्माण एजेंसी को मैंन पावर बढ़कर यूनिट 1 और यूनिट 2 कार्य पैरलल तरीके से यथाशीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।
ग्राम पीपला के ग्रामीणों से आत्मीय चर्चा कर पेयजल व्यवस्था के बारे में ली जानकारी
निरीक्षण के दौरान कमिश्नर श्री तिवारी ने ग्राम पीपला में अपनी गाड़ी रुकवा कर ग्राम पीपला के ग्रामीणों से आत्मीय चर्चा कर पेयजल व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। जिसमें ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि ग्राम में लगी पाइप लाइन से रोजमर्रा के उपयोग के लिए पानी भरते हैं। पानी के लिए ग्राम में हैंडपंप भी हैं। आवश्यकता पड़ने पर हैंडपंप का उपयोग किया जाता हैं।
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त नर्मदापुरम, अधीक्षण यंत्री जल संसाधन श्री मीना, कार्यपालन यंत्री श्री वामनकर सहित जल संसाधन विभाग के अधिकारी और निर्माण एजेंसी के पदाधिकारी उपस्थित रहें।