बैतूल जिले मे बनी छोटी बड़ी जल परियोजनाओं की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए?
पारसडोह जल परियोजना में 150 एकड़ जमीन सिंचाई से वंचित
किसान नेता हर्षवर्धन धोटे के नेतृत्व में किसानों ने सौंपा ज्ञापन
पारसडोह जल परियोजना में सिंचाई सुविधा बहाल करने की मांग
बैतूल।बैतूल जिले मे बीते पांच वर्षो में बनी जल संसाधन विभाग की छोटी बड़ी परियोजनाओं की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए सूत्र बताते है कि योजना मद के तहत निर्मित छोटे बड़े बाँध में निर्धारित मात्रा से कम जल भराव हो रहा है जिससे निर्धारित मात्रा से क्षेत्र मे सिंचाई हो रही हैं.
मुलताई तहसील के ग्राम निमनवाड़ा के किसानों ने पारसडोह जल परियोजना की स्कीम नंबर 03 के तहत 150 एकड़ असिंचित भूमि में सिंचाई सुविधा बहाल करने की मांग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। किसानों का कहना है कि चक नंबर 82-81 और चक नंबर 83-82 के बीच की भूमि को कागजों में सिंचित बताया गया है, लेकिन यहां पर कोई सिंचाई सुविधा उपलब्ध नहीं है। जबकि इस क्षेत्र से होकर मुख्य पाइपलाइन भी गुजरी है।
ज्ञापन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता हर्षवर्धन धोटे और अन्य किसानों ने बताया कि इस इलाके की बाकी जमीनें सिंचित हैं, लेकिन 150 एकड़ की यह भूमि अब तक पानी से वंचित है। किसानों को मजबूरन बारिश पर निर्भर रहना पड़ता है, जिससे फसल उत्पादन पर बुरा असर पड़ता है। उन्होंने मांग की कि जल संसाधन विभाग तुरंत हस्तक्षेप करे और इस भूमि में सिंचाई के उचित प्रबंध कराए।
इस दौरान ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से किसान युवराज धोटे, यादोराव धोटे, मंगी धोटे, मारुति धोटे, नारायण अनिल, रामराव भोपते, गुलाबराव भोपते, भीमा पंडाग्रे, खुशराज धोटे, साहेबराव, माधवराव, महेश सोनी, संतोष प्रयागराव भोपते, हेमंत, रमेश, लक्ष्मण, गणेश, महादेव, नारायण, कृष्णराव, सुरेश, कन्हैया समेत कई ग्रामीण मौजूद रहे। किसानों ने जल संसाधन विभाग और प्रशासन से जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करने की मांग की है।